आरटीआई के तहत वित्त मंत्रालय से स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों के खातों के बारे में मिली जानकारी का ब्योरा मांगा गया था. मंत्रालय से दूसरे देशों से काले धन के बारे में उसे मिली सूचना के बारे में भी जानकारी मांगी गई थी.
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने भारतीयों के स्विस बैंक में खातों का ब्योरा देने से मना कर दिया है. उसका कहना है कि यह जानकारी भारत और स्विट्जरलैंड के बीच कर संधि के ‘गोपनीयता प्रावधान’ के दायरे में आती है.
सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्रालय ने विदेशों से प्राप्त काला धन का ब्योरा देने से भी मना कर दिया.
पीटीआई पत्रकार द्वारा आरटीआई कानून के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कहा, ‘इस प्रकार के कर समझौतों के तहत सूचना का आदान-प्रदान गोपनीयता प्रावधान के अंतर्गत आता है. अत: आरटीआई कानून की धारा 8 (1) और 8 (1) (एफ) के तहत विदेशी सरकारों से प्राप्त कर संबंधित सूचना के खुलासे से छूट प्राप्त है.’
कानून की धारा 8 (1) (ए) उन सूचनाओं के खुलासों पर पाबंदी लगाता है जिससे भारत की संप्रभुता और एकता, सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हित, अन्य देशों से संबंधित प्रभावित होते हैं. वहीं दूसरे प्रावधान के तहत भरोसे के तहत अन्य देशों से प्राप्त सूचना के खुलासे से छूट है.
आरटीआई के तहत मंत्रालय से स्विट्जरलैंड से वहां के बैंकों में भारतीय खातों के बारे में मिली जानकारी के संदर्भ में ब्योरा मांगा गया था. मंत्रालय से दूसरे देशों से उसे काले धन के बारे में मिली सूचना के बारे में भी जानकारी मांगी गई थी.
बता दें कि, नवंबर 2017 में, भारत और स्विट्जरलैंड ने सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआई यानी कि ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन) की नई नियमित व्यवस्था नामक एक बहुपक्षीय सम्मेलन पर हस्ताक्षर किया था जिसके तहत जो दोनों देशों को स्वचालित रूप से वित्तीय डेटा का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाता है.
भारत को सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के समझौते के तहत इस साल सितंबर में स्विट्जरलैंड से स्विस बैंक खाते का ब्योरा मिला था.
भारत उन 75 देशों में शामिल है जिसके साथ स्विट्जरलैंड के ‘संघीय कर प्रशासन’ (एफटीए) ने सूचना के स्वत: आदान-प्रदान पर वैश्विक मानकों की रूपरेखा के तहत वित्तीय खातों के बारे में सूचना का आदान-प्रदान किया है.
इससे पहले इस साल मई में भी सरकार ने स्विट्जरलैंड से कालेधन को लेकर मिली जानकारियों को भी साझा करने से इनकार कर दिया था. सरकार ने कहा था कि वे जानकारियां गोपनीय हैं. वित्त मंत्रालय ने कहा था कि जिन मामलों पर जांच चल रही होती है उनके दोनों देश सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं. उसने कहा था कि यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)