सुरक्षा मामलों की कैबिनेट ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति को मंज़ूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन, विभिन्न संवर्गों के विलय, दिवाला कानून, शस्त्र संशोधन विधेयक, बंगाल पूर्वी सीमांत नियामक, भारत-बांग्लादेश के बीच युवा मामलों में सहयोग के लिए अध्यादेश को भी मंज़ूरी दी.

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New Delhi: Prime Minister Narendra Modi with Union Ministers Nitin Gadkari, Rajnath Singh, Amit Shah and others during the first cabinet meeting, at the Prime Minister’s Office, in South Block, New Delhi, May 31, 2019. (PTI Photo)(PTI5_31_2019_000248B)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन, विभिन्न संवर्गों के विलय, दिवाला कानून, शस्त्र संशोधन विधेयक, बंगाल पूर्वी सीमांत नियामक, भारत-बांग्लादेश के बीच युवा मामलों में सहयोग के लिए अध्यादेश को भी मंज़ूरी दी.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi with Union Ministers Nitin Gadkari, Rajnath Singh, Amit Shah and others during the first cabinet meeting, at the Prime Minister’s Office, in South Block, New Delhi, May 31, 2019. (PTI Photo)(PTI5_31_2019_000248B)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल समिति ने चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के सृजन को मंगलवार को मंजूरी प्रदान कर दी जो सरकार के लिये एकल सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेगा. आधिकारिक सूत्रों ने इस आशय की जानकारी दी.

1999 में कारगिल समीक्षा समिति ने सरकार को एकल सैन्य सलाहकार के तौर पर चीफ आफ डिफेंस स्टाफ के सृजन का सुझाव दिया था.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सैन्य मामलों के प्रमुख होंगे और वह चार स्टार जनरल होंगे. उनका वेतन सेना प्रमुख के समान होगा.

चीफ आफ डिफेंस स्टाफ सैन्य मामलों के विभाग के प्रमुख होंगे जिसका सृजन रक्षा मंत्रालय करेगा और वह इसके सचिव के रूप में काम करेंगे.

सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी. इस समिति ने सीडीएस की जिम्मेदारियों और ढांचे को अंतिम रूप दिया था.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को घोषणा की थी कि भारत में तीनों सेना के प्रमुख के रूप में सीडीएस होगा.

समझा जाता है कि सरकार अगले कुछ दिनों में पहले सीडीएस की नियुक्ति कर सकती है और सेना प्रमुख विपिन रावत का नाम इस पद के लिये सबसे आगे बताया जा रहा है जो 31 दिसंबर को सेना से सेवानिवृत हो रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि सीडीएस अन्य सेना प्रमुखों के समान ही होंगे हालांकि प्रोटोकाल की सूची में सीडीएस, सेना प्रमुखों से ऊपर होंगे.

कैबिनेट ने रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन, विभिन्न संवर्गों के विलय को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन को मंगलवार को मंजूरी दे दी जिसमें अब आठ की जगह अध्यक्ष सहित पांच सदस्य होंगे. इसके साथ ही रेलवे के विभिन्न संवर्गों का विलय एकल रेलवे प्रबंधन प्रणाली में करने को भी स्वीकृति दे दी गई.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. बैठक के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाताओं को बताया कि रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन एक ऐतिहासिक फैसला है.

उन्होंने कहा कि पुनगर्ठित रेलवे बोर्ड विभागों की जटिलताओं से राहत दिलाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें किसी की वरीयता से समझौता नहीं होगा.

यातायात, रोलिंग स्टॉक, ट्रैक्शन एंड इंजीनियरिंग के लिए सदस्यों की जगह नवगठित रेलवे बोर्ड में परिचालन, व्यवसाय विकास, मानव संसाधन, अवसंरचना और वित्त कार्यों के लिए सदस्य होंगे. इन्हें एक केंद्रीय सेवा भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) के दायरे में लाया जाएगा.

भारतीय रेलवे में दो विभाग रेलवे सुरक्षा बल और चिकित्सा सेवा विभाग होंगे . रेलवे बोर्ड का नेतृत्व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष :सीआरबी: करेंगे जो मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) होंगे. इसके चार सदस्य एवं कुछ स्वतंत्र सदस्य होंगे. गौरतलब है कि भारतीय रेलवे पर बनी विवेक देबराय समिति ने 2015 में सौंपी अपनी रिपोर्ट में रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन की सिफारिश की थी.

मंत्रिमंडल ने दिवाला कानून संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. सरकार ने 12 दिसंबर को संहिता में संशोधन के लिए विधेयक लोकसभा में पेश किया था.

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने संहिता में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.

लोकसभा में पेश विधेयक का मकसद अड़चनों को दूर करना और कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया को सुसंगत बनाना है. इसमें सफल बोलीदाताओं को संबंधित कंपनियों के पूर्व प्रवर्तकों द्वारा किए गए किसी अपराध में आपराधिक प्रक्रियाओं से सुरक्षा मिलेगी.

कैबिनेट ने शस्त्र संशोधन विधेयक में आधिकारिक संशोधनों को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को शस्त्र (संशोधन) विधेयक, 2019 में आधिकारिक संशोधनों को कार्योत्तर मंजूरी प्रदान कर दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

कैबिनेट ने 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा से पारित शस्त्र (संशोधन) विधेयक, 2019 में आधिकारिक संशोधनों को कार्योत्तर मंजूरी दी है. सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, यह अवैध हथियारों एवं इसके व्यापार और इसके विनिर्माण से संभावित अपराधियों को रोकेगा, लाइसेंस के प्रावधान सुचारू होंगे तथा आज की सुरक्षा जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा किया जा सकेगा.

इससे अवैध हथियारों के गैर-कानूनी व्यापार की घटनाओं से प्रभावित तरीके से निपटा जा सकेगा. इसके साथ ही कानून का पालन करने वाले लाइसेंस धारकों को शस्त्र लाइसेंस की अवधि बढ़ाने की सुविधा मिलेगी.

शस्त्र कानून में मंजूर किए गए संशोधन इलेक्ट्रॉनिक लाइसेंस उपलब्ध कराने, लाइसेंस को लंबी वैधता अवधि देने और दंड के कठिन प्रावधानों का प्रस्ताव करते हुए हथियारों के अवैध कब्जे को रोकने के लिए कठोर नियामक व्यवस्था बनाने की दिशा में अगला कदम हैं.

कैबिनेट ने बंगाल पूर्वी सीमांत नियामक में संशोधन को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बंगाल पूर्वी सीमांत नियामक में संशोधन को मंगलवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके माध्यम से नागरिकता संशोधन कानून के प्रावधानों से मणिपुर के मूल लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई . इसमें बंगाल पूर्वी सीमांत नियामक (बीईएफआर), 1873 में संशोधन के लिए संविधान के अनुच्छेद 372 की धारा (2) के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी कानून की अनुकूलता (संशोधन) आदेश, 2019 को कार्योत्तर मंजूरी दी है.

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, अधिसूचना से नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के प्रावधानों से मणिपुर के मूल लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बीईएफआर का मणिपुर राज्य तक विस्तार होगा और इस नियामक में आवश्यक बदलाव किये जाएंगे.

कैबिनेट ने भारत, बांग्लादेश के बीच युवा मामलों में सहयोग पर समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और बांग्लादेश के बीच युवा मामलों में सहयोग के बारे में हुए समझौता ज्ञापन को मंगलवार को मंजूरी प्रदान कर दी. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल को भारत और बांग्लादेश के बीच युवा मामलों में सहयोग के बारे में हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के बारे में अवगत कराया गया. इस समझौता ज्ञापन पर 5 अक्‍टूबर, 2019 को नई दिल्‍ली में हस्‍ताक्षर हुए थे.

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, भारत और बंगलादेश के बीच युवा मामलों के क्षेत्र में कार्यक्रमों के आदान-प्रदान से युवाओं में विचारों, मूल्‍यों और संस्‍कृति के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने तथा मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूती प्रदान करने में मदद मिलेगी. विज्ञप्ति के अनुसार, इससे युवाओं में अतंरराष्‍ट्रीय दृष्टिकोण विकसित करने और युवा मामलों के क्षेत्र में उनके ज्ञान तथा विशेषज्ञता का विस्‍तार करने में मदद मिलेगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)