कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी के कारण भारत के आर्थिक विकास में भारी गिरावट आई है.
नई दिल्ली: महिलाओं, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लिए किए गये वादों को पूरा करने में नरेंद्र मोदी सरकार के बुरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यसमिति ने देश में भय का माहौल तैयार होने पर पर गहरी चिंता जतायी.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा एके एंटनी, पी चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद सहित विभिन्न वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया.
बैठक में रोजगार के अवसर नहीं बढ़ने, जम्मू कश्मीर की स्थिति तथा मीडिया सहित विरोध के स्वरों को कथित रूप से दबाये जाने के मु्द्दों पर पार्टी नेताओं ने विचार-विमर्श के दौरान गहरी चिंता जताई.
आर्थिक विकास में भारी गिरावट
बैठक को संबोधित करते हुए मनमोहन ने कहा कि नोटबंदी के कारण भारत के आर्थिक विकास में भारी गिरावट आई है. बैठक में मनमोहन ने कहा, ‘भारत के गत वित्त वर्ष की चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष 2016-17 के जीडीपी आंकड़े कुछ दिन पहले जारी किए गए. भारत के आर्थिक विकास में भारी गिरावट आयी है, मुख्यत: नवंबर 2016 में की गयी नोटबंदी घोषणा के कारण.’
उन्होंने कहा, ‘आर्थिक गतिविधियों को बताने वाला वास्तविक उप माप सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में भारी और निरंतर कमी आयी है. निजी क्षेत्र का निवेश ध्वस्त हो गया है तथा अर्थव्यवस्था एकमात्र सार्वजनिक व्यय से चल रही है. उद्योगों का जीवीए जो मार्च 2016 में 10.7 प्रतिशत था वह मार्च 2017 में घटकर 3.8 प्रतिशत रह गया. इसमें करीब सात प्रतिशत की गिरावट आई.’
पूर्व प्रधानमंत्री ने रोजगार सृजन को सबसे चिंताजनक पहलू बताया. उन्होंने कहा,‘इसमें सबसे चिंताजनक बात रोजगार सृजन का प्रभाव है. देश के युवाओं के लिए रोजगार मिलना बहुत कठिन हो गया है. देश में सबसे अधिक रोजगार सृजन करने वाला निर्माण उद्योग सिकुड़ रहा है. इसका मतलब है कि देश में लाखों नौकरियां खत्म हो रही हैं.’
Private sector investment has collapsed,economy is running on just one engine of public spending: Manmohan Singh in CWC meet
— ANI (@ANI) June 6, 2017
विभाजनकारी मुद्दों को हवा दी जा रही है
बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया ने कहा,‘सबसे बुरी बात है कि महिलाएं, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक एवं अन्य उत्पीड़ित वर्ग संकटपूर्ण समय का सामना कर रहे हैं. विभाजनकारी मुद्दों को हवा दी जा रही है तथा जो लोग अन्य मत या विचार रखते हैं उनके जीवनयापन एवं खानपान की आदतों पर हमला किया जा रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘यह सरकार उन लोगों की आवाज दबाने के लिए राज्य की शक्ति का प्रयोग कर रहे हैं जो अलग विचार व्यक्त कर रहे हैं या वैकल्पिक नीतियां एवं दर्शन की बात कर रहे हैं. भले ही वे राजनीतिक नेता, संस्थान, छात्र, सिविल सोसाइटी हो या मीडिया हो, असहिष्णुता बढ़ रही है तथा कानून की खुलेआम अनदेखी कर अलग स्वरों में बोलने वाले लोगों को पीड़ित किया जा रहा है.’
सोनिया ने कहा कि भीड़ द्वारा पीट पीटकर मार देने वाली घटनाओं का बढ़ना बेहद चिंताजनक है.
देश को संकुचित विश्व दृष्टिकोण के लिए अभियान चलाया जा रहा है
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का संकट इस सरकार की भारी विफलता का परिणाम है. सीमापार आतंकवाद में वृद्धि हो रही है. केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संवेदनहीन ढंग से स्थिति से निबटने के कारण स्थानीय आबादी विशेषकर युवक अलग-थलग महसूस और क्रुद्ध हो रहे हैं.
सोनिया ने कहा, मोदी सरकार ने हाल में तीन वर्ष पूरे किए हैं. जहां पहले सौहार्द्र था अब वहां वैमनस्य है. जहां पहले सहिष्णुता थी, आज भड़काया जा रहा है. जहां कश्मीर अपेक्षाकृत रूप से शांत था, वहीं आज टकराव, तनाव एवं भय बढ़ रहा है. जहां आर्थिक संभावनाएं थीं, वहीं अब ठहराव है. जहां समृद्ध वैविध्य था आज वहां पूरे देश को पीछे ले जाने वाले एवं संकुचित विश्व दृष्टिकोण में जकड़ने के लिए खुलेआम एक अभियान चलाया जा रहा है.
बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाब नबी आजाद ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक में राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनावों को लेकर भी चर्चा हुई. कांग्रेस अध्यक्ष की इस बारे में विपक्ष के विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बैठक हुई थी. विपक्षी नेताओं का मानना है कि राष्ट्रपति पद पर ऐसे व्यक्ति को बैठना चाहिए जो संविधान की रक्षा कर सके.
Ye sirf naaron aur publicity ki sarkar hai, jo TV pe toh hero dikhti hai par zameeni kaamon mein zero hai: GN Azad, Congress pic.twitter.com/GGXFiiNc0D
— ANI (@ANI) June 6, 2017
आजाद ने बताया कि राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनावों के बारे में विचार के लिए एक उप समूह बनाया गया है. इस समूह की अगले सप्ताह बैठक होगी. सीडब्ल्यूसी की बैठक में संगठनात्मक चुनावों के कार्यक्रम को भी मंजूरी दी गई.
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं को 2019 के आम चुनावों के लिए सतर्क रहने को कहा. उन्होंने कहा,‘हम 2019 के चुनावों से बहुत दूर नहीं हैं. हमें भारत की मूल आत्मा और विचार की रक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए जिसे यह सरकार मिटाने का प्रयास कर रही है.’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)