कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शनिवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में लखनऊ में गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने जा रही थीं. हालांकि, पुलिस ने आरोपों को गलत बताया है.
लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पुलिस पर शनिवार को गम्भीर आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व आईपीएस अफसर के घर जाते वक्त उन्हें रोकने की कोशिश कर रही पुलिस ने उनका गला दबाकर उन्हें गिराया.
हालांकि पुलिस ने प्रियंका के आरोपों को बिल्कुल गलत करार दिया है.
प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा कि वह सीएए के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में गिरफ्तार किए गए सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने के लिए पार्टी के प्रदेश मुख्यालय से निकली थीं. रास्ते में लोहिया चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया. उन्होंने आरोप लगाया, ‘मैं गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी. मुझे घेरा गया और एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाया. मुझे धक्का दिया गया और मैं गिर गयी. आगे चलकर फिर मुझे पकड़ा तो मैं एक कार्यकर्ता के दो पहिया वाहन से निकली. उसे भी गिरा दिया गया.’
#WATCH: Congress' Priyanka Gandhi Vadra says,"UP police stopped me while I was going to meet family of Darapuri ji. A policewoman strangulated&manhandled me. They surrounded me while I was going on a party worker's two-wheeler,after which I walked to reach there." pic.twitter.com/hKNx0dw67k
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 28, 2019
कांग्रेस महासचिव ने अपने फेसबुक पेज पर भी यही बात लिखते हुए कहा, ‘मगर मेरा निश्चय अटल है. मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं. मेरा सत्याग्रह है. भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है. मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं प्रदेश में कहां जाऊंगी यह भाजपा सरकार नहीं तय करेगी.’
हालांकि, पुलिस ने प्रियंका के आरोपों को गलत बताया है. पुलिस क्षेत्राधिकारी अर्चना सिंह ने अपने उच्चाधिकारियों को दी गई सूचना में कहा है कि प्रियंका के कार्यक्रम में उनकी ड्यूटी फ्लीट प्रभारी के रूप में लगाई गई थी. प्रियंका गोखले मार्ग स्थित कौल हाउस के लिए रवाना हुई थी, मगर उनकी गाड़ी निर्धारित मार्ग से ना जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी. इस पर उनसे पूछा गया कि वह कहां जाना चाहती हैं.
अर्चना ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रियंका के गंतव्य के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया. उसके बाद प्रियंका गाड़ी से उतरकर कार्यकर्ताओं के साथ पैदल चलने लगीं. गला पकड़ना और गिराना आदि जैसी कुछ भ्रामक बातें सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही हैं, जो बिल्कुल झूठ हैं.
वहीं, इस मामले पर लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि आरोप पूरी तरह गलत हैं. इस संबंध में सीओ एमसीआर डॉ. अर्चना सिंह ने अपनी रिपोर्ट दी है. सीओ अर्चना सिंह प्रियंका गांधी की फ्लीट की इंचार्ज थीं. अर्चना सिंह ने अपनी रिपोर्ट में कहा प्रियंका गांधी पार्टी दफ्तर से गोखले मार्ग के लिए निकली थीं, उनका काफिला तय रास्ते से न जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगा. इस पर जब बातचीत की गई तो कोई सही जवाब नहीं मिला.
Kalanidhi Naithini, Lucknow SSP: Singh has also written that whatever rumours are doing rounds on social media of heckling and strangulating Priyanka Gandhi Vadra are wrong. https://t.co/5IsyHvTWdJ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 28, 2019
प्रियंका ने कहा, ‘दारापुरी 77 साल के पूर्व पुलिस अफसर हैं. उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन के लिये फेसबुक पर पोस्ट डाली थी. इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उनकी पत्नी बहुत बीमार हैं. यह सब किसलिए? क्योंकि आपकी नीति उन्हें पसंद नहीं है?’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक सिंह ने बताया कि पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी ने लोहिया चौराहे पर प्रियंका के वाहन के आगे अपनी गाड़ी लगा दी तो वह पैदल ही चल पड़ीं. करीब एक किलोमीटर दूर पुल पार करने के बाद प्रियंका फिर गाड़ी पर बैठीं. आगे मुंशी पुलिया इलाके में पुलिस ने उन्हें फिर रोका तो वह दोबारा पैदल चलने लगीं और इंदिरा नगर के सेक्टर 18 में अचानक एक गली में मुड़ गयीं.
इस हाई वोल्टेज ड्रामे के दौरान हलकान हुई पुलिस और पार्टी नेताओं के बीच अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया. कुछ देर तक तो पता ही नहीं चला कि प्रियंका कहां गयीं. बाद में मालूम हुआ कि वह दारापुरी के घर पहुंच गयीं हैं.
इस दौरान उन्होंने करीब तीन किलोमीटर पैदल सफर किया. दारापुरी के परिजन से मुलाकात के बाद प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं था ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आयें. मुझे रोका गया तभी मैं पैदल चली. इनके पास मुझे रोकने का हक नहीं है. अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें.’
इस सवाल पर कि क्या सरकार को लगता है कि उनकी वजह से उसकी राजनीति को खतरा है, प्रियंका ने कहा, ‘सबकी राजनीति को खतरा है.’
प्रियंका के कार्यालय ने सीआरपीएफ से कार्रवाई का आग्रह किया
लखनऊ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ पुलिस द्वारा कथित तौर पर धक्कामुक्की किए जाने के बाद उनके कार्यालय ने शनिवार को सीआरपीएफ महानिदेशालय को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
प्रियंका के कार्यालय ने इस मामले में सीआरपीएफ महानिदेशालय में आईजी प्रदीप कुमार सिंह को पत्र लिखकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी.
इस पत्र में प्रियंका के कार्यालय ने लखनऊ में पुलिस अधिकारी अभय मिश्रा पर प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और कहा कि इस गैरकानूनी व्यवहार के मामले में कार्रवाई हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे ऐसा नहीं हो.
दरअसल, गांधी परिवार को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है. उनके आसपास सीआरपीएफ जवानों का सुरक्षा घेरा होता है.
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और सह-प्रभारी धीरज गुर्जर ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैरकानूनी काम किया है. उन्होंने कहा, ‘जब प्रियंका जी पूर्व आईपीएस अधिकारी से मिलने जा रही थीं तो फिर आप उन्हें कैसे रोक सकते हैं. पुलिस का कदम गैरकानूनी है’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)