रमाबाई मध्यप्रदेश के दमोह जिले के पथरिया सीट से बसपा विधायक हैं. रमाबाई ने अपनी पथरिया विधानसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के एक कार्यक्रम में संशोधित नागरिकता कानून का समर्थन किया था. समर्थन करने पर पटेल ने उनकी तारीफ भी की थी.
भोपाल: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने पर बसपा प्रमुख मायावती ने मध्यप्रदेश की अपनी विधायक रमाबाई को रविवार को पार्टी ने निलंबित कर दिया है. रमाबाई मध्यप्रदेश के दमोह जिले के पथरिया सीट से बसपा विधायक हैं.
मायावती ने ट्वीट किया, ‘बसपा अनुशासित पार्टी है और अनुशासन तोड़ने पर पार्टी के सांसद/विधायक आदि के विरूद्ध भी तुरन्त कार्रवाई की जाती है.’
उन्होंने लिखा, ‘इसी क्रम में मध्यप्रदेश में पथरिया से बसपा विधायक रमाबाई परिहार द्वारा सीएए का समर्थन करने पर उनको पार्टी से निलम्बित कर दिया गया है. उन पर पार्टी कार्यक्रम में भाग लेने पर भी रोक लगा दी गई है.’
मायावती ने कहा, ‘बसपा ने सबसे पहले इसे विभाजनकारी व असंवैधानिक बताकर इसका तीव्र विरोध किया, संसद में भी इसके विरूद्ध वोटिंग की तथा इसको वापस लिए जाने को लेकर लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भी दिया. फिर भी विधायक रमाबाई ने सीएए का समर्थन किया. पहले भी उन्हें कई बार पार्टी लाइन पर चलने की चेतवानी दी गई थी.’
बसपा विधायक रमाबाई ने शनिवार शाम को अपनी पथरिया विधानसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के एक कार्यक्रम में सीएए का समर्थन किया था. समर्थन करने पर पटेल ने उनकी तारीफ भी की थी.
इसके बाद रमाबाई ने मीडिया से कहा कि सीएए बहुत अच्छा कानून है और इसको लागू करने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद भी दिया.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस नीत कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को बसपा का समर्थन प्राप्त है. माना जा रहा है कि सीएए का समर्थन कर रमाबाई कमलनाथ पर उन्हें कैबिनेट में शामिल करने का दबाव बना रही हैं.
बता दें कि, संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कानून बन गया है लेकिन सड़क पर पूर्वोत्तर भारत सहित देशभर में जोरदार विरोध हो रहा है. विरोध प्रदर्शनों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष की घटनाओं में देशभर में 25 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
वहीं, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है. सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने इसे लेकर केंद्र को नोटिस जारी कर दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 22 जनवरी को है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)