महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार, अजित पवार उप-मुख्यमंत्री और आदित्य ठाकरे मंत्री बने

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चह्वाण और उद्धव ठाकरे के बेटे व शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली. एनसीपी नेता नवाब ​मलिक, दिलीप वाल्से पाटिल, धनंजय मुंडे और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार और अमित देशमुख को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है.

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Mumbai: NCP leader Ajit Pawar greets Maharashtra governor Bhagat Singh Koshyari during the swearing in ceremony for State cabinet expansion at Vidhan Bhavan in Mumbai, Monday, Dec. 30, 2019. Pawar took oath as the Deputy of Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray today. (PTI Photo/Mitesh Bhuvad)(PTI12_30_2019_000097B)
अजित पवार ने सोमवार को महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. (फोटो: पीटीआई)

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चह्वाण ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली. एनसीपी नेता नवाब मलिक, दिलीप वाल्से पाटिल, धनंजय मुंडे और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार और अमित देशमुख को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है.

Mumbai: NCP leader Ajit Pawar greets Maharashtra governor Bhagat Singh Koshyari during the swearing in ceremony for State cabinet expansion at Vidhan Bhavan in Mumbai, Monday, Dec. 30, 2019. Pawar took oath as the Deputy of Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray today. (PTI Photo/Mitesh Bhuvad)(PTI12_30_2019_000097B)
अजित पवार ने सोमवार को महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. (फोटो: पीटीआई)

मुंबई: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का सोमवार को विस्तार किया गया और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजित पवार ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार में उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

पिछले डेढ़ महीने में दूसरी बार पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.

इससे पहले उन्होंने एनसीपी से बगावत करते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया था और 23 नवंबर को उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली थी. हालांकि 26 नवंबर को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा, क्योंकि देवेंद्र फड़णवीस की अगुवाई वाली सरकार तीन दिन में ही गिर गई.

पवार के अलावा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चह्वाण और उद्धव ठाकरे के बेटे व शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी सोमवार को मंत्री पद की शपथ ली.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 29 वर्षीय आदित्य ठाकरे के शपथ लेने के बाद महाराष्ट्र में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी पिता-पुत्र को राज्य के मंत्रिमंडल में जगह मिली है.

शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी नेता शरद पवार मौजूद थे. एनसीपी नेता नवाब मलिक, दिलीप वाल्से पाटिल, धनंजय मुंडे और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार और अमित देशमुख को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है.

राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने नए मंत्रियों को विधान भवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

महाराष्ट्र में मंत्री पद की अधिकतम संख्या 43 निर्धारित है.

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार (एमवीए) का गठन 28 नवंबर को हुआ था.

इस दिन उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके अलावा कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और नितिन राउत, शिवसेना के एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई तथा एनसीपी के जयंत पाटिल और छगन भुजबल ने भी शपथ ली थी.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर चुनाव पूर्व के गठबंधन सहयोगी भाजपा के साथ बात बिगड़ने के बाद शिवसेना ने पिछले महीने कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाकर राज्य में सरकार बनाई थी.

महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के तीन सहयोगियों के बीच सत्ता साझेदारी को लेकर तय किए गए फॉर्मूले के अनुसार शिवसेना को मुख्यमंत्री के अलावा 15, एनसीपी को उप मुख्यमंत्री के अलावा 15 और कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष के अलावा 12 मंत्री पद दिए जाएंगे.

राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के 56, एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं.

मालूम हो कि भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस ने बीते 23 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली थी. यह शपथ ग्रहण समारोह ऐसे समय में हुआ जब शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस का नया गठबंधन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमत हो गया था.

23 नवंबर को मुंबई में सुबह-सुबह आननफानन हुए एक समारोह में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फड़णवीस और अजित पवार को शपथ दिलाई. इससे कुछ देर पहले राज्य में राष्ट्रपति शासन हटा दिया किया था.

तब शिवसेना ने देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका दायर की. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र फड़णवीस को 27 नवंबर की शाम तक बहुमत साबित करने का आदेश दिया था, लेकिन 26 नवंबर को ही फड़णवीस और अजित पवार ने इस्तीफा दे दिया और तीन दिन की ये सरकार गिर गई थी.

इसके साथ ही महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया और तीन दिन तक राज्य के उपमुख्यमंत्री रहे अजित पवार शरद पवार नीत एनसीपी में वापस लौट आए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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