ईरान की राजधानी तेहरान में हुए इस दोहरे हमले की ज़िम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली. आईएस की प्रचार एजेंसी ‘अमाक’ ने यह जानकारी दी.
तेहरान: ईरान की संसद और यहां के क्रांतिकारी संस्थापक अयातुल्लाह रूहुल्लाह खोमैनी के मकबरे पर बंदूकधारियों और आत्मघाती हमलावर ने सुनियोजित हमले किए जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई.
समाचार एजेंसी आईएसएनए के मुताबिक शहर के दक्षिण क्षेत्र में स्थित खोमैनी के मकबरे के परिसर में कई सशस्त्र हमलावर घुस आए, उन्होंने कथित तौर पर एक माली की हत्या कर दी जबकि तेहरान स्थित संसदीय परिसर में चार बंदूकधारी घुस आए जिन्होंने एक सुरक्षा गार्ड की हत्या कर दी. लगातार कई घंटे तक की गई गोलीबारी में दर्जनों लोग घायल हुए हैं.
ईरान में इस दोहरे हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली. आईएस ने अपनी अमाक एजेंसी के जरिये एक वीडियो जारी किया है, जिसमें हमलावर भवन के भीतर नज़र आ रहे हैं. हमले के जारी रहते हुए ज़िम्मेदारी लेने का यह दुर्लभ मामला है.
खोमैनी मकबरे के एक अधिकारी ने कहा पश्चिमी प्रवेश द्वार से तीन से चार लोग घुस आए और गोलीबारी करने लगे. फार्स समाचार एजेंसी ने यह खबर दी. फार्स ने बताया कि फिदायीन ने मकबरे के बाहर विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया.
समाचार एजेंसी आईएसएनए के अनुसार तेहरान के संसद परिसर पर चार बंदूकधारियों ने राइफल और पिस्तौल से हमला किया. इस हमले में एक सुरक्षा गार्ड और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गयी. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक वे महिलाओं के परिधान में थे और पर्यटकों के प्रवेश द्वार से घुसे थे.
खबरों के मुताबिक राइफलों और पिस्तौलों से लैस चार लोग संसदीय परिसर में घुस आए. समाचार एजेंसी तस्नीम ने बताया कि इनमें से एक हमलावर इमारत से बाहर सड़क पर निकल आया और गोलीबारी करने लगा लेकिन पुलिस की गोलीबारी के कारण वह वापस भीतर चला गया. पुलिस ने बताया कि हमला शुरू होने के करीब पांच घंटे बाद अपराह्न तीन बजे के करीब तक सभी हमलावरों को मार गिराया गया.
करीब-करीब उसी समय शहर के दक्षिण क्षेत्र में स्थित खोमैनी के मकबरे के परिसर में तीन-चार सशस्त्र हमलावर घुस आए, उन्होंने कथित तौर पर एक माली की हत्या कर दी इस हमले में कई और लोग घायल हो गए. खोमैनी ने वर्ष 1979 में इस्लामिक आंदोलन की अगुवाई की थी.
गृह मंत्री अब्दुल रहमान फाजिल ने आईएसएनए को बताया कि उन्होंने देश की सुरक्षा परिषद की विशेष बैठक बुलाई है. शिया बहुल ईरान आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट समेत सुन्नी जिहादियों के निशाने पर रहता है. हालांकि अब तक यहां के शहरी क्षेत्र ज्यादातर हमलों से बचे रहे हैं.
ईरान की आपात सेवाओं के अनुसार दो हमलों में कम से कम 12 लोग मारे गए और 39 घायल हुए.
स्थानीय मीडिया के अनुसार दो हमलावरों ने मक़बरे के बाहर ख़ुद को उड़ा लिया. हमलावरों में कम-से-कम एक महिला शामिल थी. एक अन्य ने संसद भवन की चौथी मंजिल पर खुद को उड़ा लिया.
हमले के समय संसद का सत्र चल रहा था और फुटेज में आसपास के कार्यालय की भवनों में मुठभेड़ के बावजूद कामकाज चलते दिख रहा है. स्पीकर अली लरिजानी ने हमलों को यह कहते हुए ख़ारिज किया कि कोई छोटी सी बात है और सुरक्षा बल उससे निपट रहे हैं.
खोमैनी मकबरे के एक अधिकारी ने कहा पश्चिमी प्रवेश द्वार से तीन से चार लोग घुस आए और गोलीबारी करने लगे. खुफिया मंत्रालय ने दावा किया है कि आतंकवादियों की तीसरी टीम भी थी और उसके हमले को पहले ही विफल कर दिया गया.
शिया बहुल ईरान आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट समेत सुन्नी जिहादियों के निशाने पर रहता है. हालांकि अब तक यहां के शहरी क्षेत्र ज़्यादातर हमलों से बचे रहे हैं. ईरान, सीरिया में बशर अल-असद के शासन और सीरिया की सुन्नी कट्टरपंथी समूहों से लड़ाई में मदद दे रहा है.
दोनों ही देशों में आईएस पर दबाव बढ़ रहा है. सीरिया में रक्का और इराक में मोसुल जैसे आईएस के दो अंतिम महत्वपूर्ण शहरी गढ़ों पर आक्रमण तेज़ हो रहा है. मार्च माह में आईएस ने फारसी भाषा में एक वीडियो जारी कर चेतावनी दी थी कि वह ईरान को फतह कर पहले की तरह इसे सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र बनाएगा.
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने रविवार को कहा था कि यूरोप समेत दुनियाभर में आईएस के हमलों से यह साबित होता है कि पश्चिम एशिया में पश्चिमी ताकतों की नीतियां उसी पर उलटी पड़ गई हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा और एएफपी से इनपुट के साथ)