एनसीपी के नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य डीपी त्रिपाठी लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे. उनके निधन पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी समेत अनेक नेताओं ने दुख जताया.
नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य डीपी त्रिपाठी का गुरुवार को नई दिल्ली में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह 67 वर्ष के थे. वह कैंसर से पीड़ित थे. उनके तीन बेटे हैं.
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने ट्वीट किया, ‘श्री डीपी त्रिपाठी जी के निधन से काफी दुखी हूं. वह एनसीपी के महासचिव और हम सबके मार्गदर्शक थे.’ सुले कहा, ‘उन्होंने एनसीपी की स्थापना के समय से हमें बहुमूल्य परामर्श और मार्गदर्शन दिया जिसे हम याद रखेंगे. ईश्चर उनकी आत्मा को शांति दे. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं.’
Deeply Saddened to hear about the demise of Shri.D.P Tripathi Ji. He was the General Secretary of @NCPspeaks, and a guide and mentor to all of us. We will miss his wise counsel and guidance which he had given us from the day NCP was established. (1/2)
— Supriya Sule (@supriya_sule) January 2, 2020
29 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में जन्मे डीपी त्रिपाठी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में एमए किया था. वो एक नेता के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक भी थे.
डीपी त्रिपाठी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी. वह जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में छात्र संघ अध्यक्ष भी रहे.
राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति करने के लिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी को चुना और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी भी बन गए. बाद में जब शरद पवार ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल के होने का मुद्दा उठाया कांग्रेस से अलग पार्टी एनसीपी बनाई तो डीपी त्रिपाठी उनके साथ चले गए.
अप्रैल 2012 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. वो जून से लेकर नवंबर 2012 तक ऊर्जा कमेटी और लोकपाल व लोकायुक्त बिल पर राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी के सदस्य रहे. डीपी त्रिपाठी विदेश मामलों की कमेटी, रेलवे कंवेन्शन कमेटी और हिंदी सलाहकार समिति के भी सदस्य रहे. वर्ष 2018 में उनका कार्यकाल खत्म हुआ.
उन्होंने कई किताबें भी लिखी, जिनमें प्ररूप, कांग्रेस एंड इंडिपेंडेंट इंडिया, जवाहर सतकाम, सेलिब्रेटिंग फैज और नेपाल ट्रांजिशन-ए वे फॉरवर्ड समेत अन्य हैं.
Senior NCP leader & former MP, DP Tripathi passes away in Delhi after a prolonged illness. pic.twitter.com/Ts0lVRAu5I
— ANI (@ANI) January 2, 2020
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने डीपी त्रिपाठी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपने छात्र जीवन के समय से लेकर अब तक के सबसे करीबी मित्र को खो दिया है.
येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘कामरेड त्रिपाठी साथी छात्र, जीवन के सहयात्री और बहुत कुछ थे. विश्वविद्यालय के दिनों से लेकर उनके जीवन के अंतिम दिनों तक हमारा संवाद अंतहीन था. बहस और असहमति के बीच हमने एक दूसरे से बहुत कुछ सीखा.’
येचुरी ने त्रिपाठी के निधन को निजी तौर पर अपूर्णीय क्षति बताते हुये कहा, ‘मेरे मित्र, आपकी कमी बहुत अधिक खलेगी. शोक.’
DP Tripathi: Comrade, Fellow-student, Fellow-traveller and much more. From University and right until his last days we spoke, argued, disagreed, and learnt so much together. You will be missed, my friend. Deepest condolences.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) January 2, 2020
महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि त्रिपाठी के निधन से एक ऐसा खालीपन पैदा हो गया है, जिसे भरा नहीं जा सकता. भुजबल ने ट्वीट किया कि एनसीपी ने अपने वरिष्ठ मार्गदर्शक को हमेशा के लिए खो दिया.
एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता एवं महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने भी त्रिपाठी के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के पूर्व सदस्य ने पार्टी का आधार बढ़ाने में एक बहुमूल्य योगदान दिया.
एनसीपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी डीपी त्रिपाठी के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने कहा, ‘अपने सहयोगी डीपी त्रिपाठी के निधन से गहरा सदमा लगा है. उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)