कोटा में बच्चों की मौत पर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा, ‘हमें और संवेदनशील होना चाहिए था’

कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में परोक्ष रूप से अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि एक साल से हम लोग शासन चला रहे है तो हमारी जनता के प्रति जवाबदेही है और हमारी जिम्मेदारी बनती है.

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राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट. (फोटो: ट्विटर/@SachinPilot)

कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में परोक्ष रूप से अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि एक साल से हम लोग शासन चला रहे है तो हमारी जनता के प्रति जवाबदेही है और हमारी जिम्मेदारी बनती है.

राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट. (फोटो: ट्विटर/@SachinPilot)
राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट. (फोटो: ट्विटर/@SachinPilot)

कोटा: कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में परोक्ष रूप से अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए राज्य के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शनिवार को कहा कि हमें और संवेदनशील होना चाहिए था.

बता दें कि, 23-24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर अस्पताल में 10 शिशुओं की मौत को लेकर काफी हंगामा हुआ था. हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों ने कहा था कि यहां 2018 में 1,005 शिशुओं की मौत हुई थी और 2019 में उससे कम मौतें (963 शिशुओं की मौत) हुई हैं.

इस बीच, राजस्थान के जोधपुर के एक अस्पताल में दिसंबर महीने में एक महीने में 146 नवजातों की मौत का मामला सामने आया है.

कोटा अस्पताल के मृतक बच्चों के परिजनों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने कहा, ‘जेके लोन अस्पताल में 107 बच्चों की मौत हुई है. यह बहुत दर्दनाक है. मैं ऐसा मानता हूं कि इस मामलें को लेकर जो हम लोगो की प्रतिक्रिया रही है वो किसी हद तक संतोषजनक भी नहीं है. हमें और अधिक संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए था.’

उन्होंने कहा, ‘आज हम लोगों को जवाबदेही तय करनी पड़ेगी क्योंकि जब इतने कम समय में इतने सारे बच्चे मरे हैं तो कोई ना कोई कारण रहे होंगे. कमियां प्रशासनिक हैं, संसाधन, चिकित्सक, स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ की कमी थी, लापरवाही थी, आपराधिक लापरवाही थी, इन सब की रिपोर्ट बन रही है लेकिन हमें कहीं ना कहीं जिम्मेदारी तय करनी पड़ेगी.’

उन्होंने कहा कि जिस घर में मौत होती है, जिस माता-पिता के बच्चे की जान जाती है, जिस मां की कोख उजड़ती है उसका दर्द वो ही जान सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘पहले क्या हुआ, कितना हुआ कैसे हुआ वो चर्चा ना करके हमें तो लोगों को यह विश्वास दिलाना होगा कि इस प्रकार की घटनाओं को हम स्वीकार नहीं करेंगे.’

पायलट ने कहा कि शनिवार को भी अस्पताल में एक मौत हुई है और यह क्रम रूक नहीं रहा है इसलिये मैंने अस्पताल का मौका मुआयना किया और चिकित्सकों से मुलाकात कर उनसे रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा कि यह कहना नाकाफी है कि पहले कितना था आज कितना, इसकी जवाबदेही हमें तय करनी पडेगी.

उन्होंने कहा, ‘एक साल से हम लोग शासन चला रहे है तो हमारी जनता के प्रति जवाबदेही है और हमारी जिम्मेदारी बनती है और मैं इतने सारी मौतों से बहुत आहत हूं ओर यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी कि किसी की गलती थी या नहीं.’

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस आलाकमान इस मामले को कैसे देख रहा है.. पायलट ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस मामले को लेकर बहुत चिंतित हैं.

उन्होंने कहा, ‘वह बहुत चिंतित है. सिर्फ वो ही नहीं बल्कि राज्य और पूरे देश का इससे संबंध है. यह कोई छोटी-मोटी घटना नहीं है, बल्कि यह दिल दहला देने वाली बात है. बच्चों की मौत की घटना से पूरा देश हिल गया है.’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कल दिये बयान में कहा था कि कांग्रेस के शासन में बच्चों की मौत कम हुई है पर पायलट ने कहा, ‘मैं जो भी कह रहा हूं, मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं.’

गहलोत ने कल जोधपुर में कहा कि भाजपा के शासन के दौरान लगभग 100 शिशुओं की मौत होती थी और यह कांग्रेस के शासन में कम हो गई है.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने भी कल कोटा के जेके लोन अस्पताल का दौरा किया था और भाजपा पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया था.

वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी शनिवार को पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और बच्चों की मौतों पर दुख व्यक्त किया. बिड़ला ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों को उनके घरों पर जाकर सांत्वना दी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)