मध्य प्रदेश के गृहमंत्री ने स्वीकार किया कि मंदसौर में प्रदर्शन के दौरान पांच किसानों की मौत पुलिस फायरिंग से हुई. मंदसौर के कलेक्टर और एसपी का तबादला.
नया गांव (मध्य प्रदेश): कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बृहस्पतिवार को उनके समर्थकों सहित मध्य प्रदेश में प्रवेश करने के दौरान हिरासत में ले लिया गया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं, राजस्थान कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट और मध्य प्रदेश के विधायक जयवर्धन सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है. इन्हें एक सीमेंट कंपनी के गेस्टहाउस ले जाया गया है.
इस दौरान राहुल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अमीर लोगों के कर्ज़ माफ कर सकते हैं लेकिन किसानों के लिए ऐसा नहीं कर सकते.
राहुल के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ भी थे. राहुल ने राज्य में प्रवेश करने से उन्हें रोकने के लिए किए गए व्यापक पुलिस प्रबंधों को धता बताया.
जब राहुल और उनके साथ मौजूद लोग नीमच के नया गांव से मंदसौर की ओर बढ़े तो जय जवान जय किसान और राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे सुने जा सकते थे. मंदसौर किसान आंदोलन का केंद्र बन गया है जहां मंगलवार को पांच किसानों की मौत हो गई थी.
जब राहुल आगे बढ़ रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान नाटकीय स्थिति पैदा हो गई. पुलिस ने जब उन्हें पीछे करने की कोशिश की तो वह एक खेत में घुस गए और उन्हें हिरासत में लिया गया.
इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बृहस्पतिवार सुबह उदयपुर पहुंचे और फिर मंदसौर के लिए रवाना हुए. यहां से राहुल सड़क मार्ग से मंदसौर के लिए रवाना हुए थे. हालांकि पुलिस बंदोबस्त के चलते बीच में उन्हें कार छोड़कर बाइक से मंदसौर जाना पड़ा. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के एक करीबी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि राहुल निम्बाहेड़ा के नज़दीक कार छोड़कर मोटर साइकिल पर बैठकर मंदसौर के लिए दूसरे मार्ग से रवाना हुए थे. राहुल मोटर साइकिल पर पीछे बैठे थे. उदयपुर के पुलिस महानिरीक्षक आनंद श्रीवास्तव ने कांग्रेस उपाध्यक्ष के मोटर साइकिल से मंदसौर के लिए रवाना होने की पुष्टि की है. उधर, नीमच के पुलिस अधीक्षक ने
यह स्पष्ट कर दिया था कि उन्हें हिंसा प्रभावित ज़िले में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस नेता ने जिले में घुसने का प्रयास किया तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा.
मंदसौर में पांच किसानों की मौत पुलिस फायरिंग से हुई है: गृहमंत्री मध्य प्रदेश
भोपाल: मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को स्वीकार किया है कि मंगलवार को प्रदेश के मंदसौर ज़िला स्थित पिपलिया मंडी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान पांच किसानों की मौत पुलिस फायरिंग से हुई. इससे पहले पिछले दो दिनों से प्रदेश सरकार पुलिस फायरिंग से इनकार कर रही थी.
इस पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत होने के साथ-साथ छह अन्य किसान घायल भी हुए थे. इसके चलते राज्य के पश्चिमी भाग में अपनी उपज का वाजिब दाम लेने सहित 20 मांगों को लेकर एक जून से आंदोलनरत किसान अब मध्य प्रदेश सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई करने पर उतर आए हैं.
जब भूपेंद्र सिंह से फोन पर पूछा गया कि किसानों के गोलियों से छलनी हुए शवों पर आपका क्या कहना है तो उन्होंने कहा, पांच लोगों की मौत पुलिस फायरिंग से हुई है.
पुलिस फायरिंग में इन किसानों के मारे जाने को लेकर सरकार की ओर से दिए गए इस बयान को अहम माना जा रहा है, क्योंकि अब तक अधिकारी दावा कर रहे थे कि पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों पर गोलियां नहीं चलाईं.
पुलिस को फायरिंग करने के लिए किसने भड़काया, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका पता लगाने के लिए न्यायिक जांच चल रही है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि अब पश्चिमी मध्यप्रदेश में स्थिति शांतिपूर्ण है. हालांकि पश्चिमी मध्य प्रदेश में निषेधात्मक उपायों के बावजूद किसानों ने बीते बुधवार को हिंसा और आगज़नी की, जिसने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने एक बड़ी चुनौती पेश की है और विपक्षी पार्टियों को मौका दिया है.
उधर, चौहान सरकार ने कुछ कदमों का ऐलान करके तनाव को कम करने की कोशिश की है जिसमें ऐसे किसानों के लिए क़र्ज़ समझौता योजना शामिल है जिन्होंने फसल के वास्ते लिए गए कर्ज का भुगतान नहीं किया है.
सरकार के मुताबिक, योजना करीब छह लाख किसानों को कवर करेगी, जिनका 6,000 करोड़ रुपये बकाया है.
हिंसाग्रस्त मंदसौर के कलेक्टर, एसपी सहित आठ आईएएस और आईपीएस का तबादला
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान मंगलवार को मंदसौर ज़िले में पुलिस फायरिंग में पांच किसानों के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा और आगजनी के बीच मंदसौर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित आठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का बृहस्पतिवार को तबादला कर दिया है.
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य शासन द्वारा पांच आईएएस और तीन आईपीएस अधिकारियों की नई पदस्थापना की गई है.
उन्होंने कहा कि मंदसौर के कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह को उप सचिव मध्य प्रदेश शासन और शिवपुरी कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव को कलेक्टर मंदसौर बनाया गया है.
अधिकारी ने बताया कि इसी तरह से पुलिस अधीक्षक मंदसौर ओपी त्रिपाठी को सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय भोपाल के पद पर पदस्थ किया गया है और पुलिस अधीक्षक नीमच मनोज कुमार सिंह को पुलिस अधीक्षक मंदसौर बनाया गया है. इसके अलावा, तुषारकांत विद्यार्थी पुलिस अधीक्षक रेल भोपाल को पुलिस अधीक्षक नीमच के पद पर पदस्थ किया गया है.
उन्होंने कहा कि तन्वी सुंद्रियाल अपर प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम और अपर प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश टूरिज़्म बोर्ड को कलेक्टर रतलाम, तरुण राठी उप सचिव खनिज विभाग को कलेक्टर शिवपुरी और कौशलेंद्र विक्रम सिंह आयुक्त नगरपालिक निगम सागर को कलेक्टर नीमच के पद पर पदस्थ किया गया है.
62 लोग हिरासत में, सात मामले दर्ज किए गए
मंदसौर: मध्य प्रदेश के हिंसाग्रस्त मंदसौर ज़िले में किसान आंदोलन के संबंध में बृहस्पतिवार को सात मामले दर्ज किए गए और 62 लोगों को हिरासत में लिया गया.
पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि हिंसा की विभिन्न घटनाओं के संबंध में मामले दर्ज किए गए हैं. ज़िले में गोलीबारी के मद्देनज़र त्रिपाठी का तबादला किया गया है. इस गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई.
त्रिपाठी ने नए कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोगों को बीते बुधवार बरहेड़ा पंत इलाके में मंदसौर के पूर्ववर्ती कलेक्टर एसके सिंह के साथ धक्का मुक्की करने के मामले में भी हिरासत में लिया गया है.
उन्होंने बताया कि पिपलिया मंडी के नगर निरीक्षक अनिल सिंह ठाकुर को किसानों पर गोलीबारी के संबंध में फील्ड ड्यूटी से हटा दिया गया है. राकेश चौधरी को नए नगर निरीक्षक के तौर पर स्थानांतरित किया गया है.
बृहस्पतिवार को कार्यभार संभालने वाले श्रीवास्तव ने कहा कि वह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे हैं.
मंदसौर में स्थिति लगभग समान्य है: अधिकारी
किसान आंदोलन का केंद्र बन गए मंदसौर में अब हालात लगभग सामान्य हैं. शाम तक यहां कर्फ्यू में ढील दी जा सकती है. संभागीय आयुक्त एमबी ओझा ने बताया कि निलंबित की गई इंटरनेट सेवाओं को भी बहाल किया जा सकता है. स्थिति के मद्देनजर केंद्र ने हिंसाग्रस्त राज्य में आरएएफ के 1100 जवानों को भेजा है.
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक एसडीएम मंदसौर एनएस राजावत ने कहा है कि मंदसौर में दोपहर बाद चार से छह बजे तक महिलाओं और बच्चों के लिए कर्फ्यू में ढील दी जाएगी.
ओझा ने कहा, पिछले दो-तीन दिनों से किसान यहां वाहनों को रोककर उनमें आग लगा रहे हैं. बृहस्पतिवार को इस तरह की किसी घटना की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. स्थिति लगभग सामान्य है. अगर स्थिति इसी तरह शांत रही तो पिपलिया मंडी सहित चार थाना क्षेत्रों में लगे कर्फ्यू में ढील दी जा सकती है.
वाहन जिन्हें आग के हवाले कर दिया गया था उन्हें बृहस्पतिवार सुबह राजमार्ग से हटाकर यातायात फिर बहाल कर दिया गया है. मंगलवार को गोलीबारी में मारे गए पांच किसानों के पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच जारी है.
उन्होंने संकेत दिया कि जांच में पथराव करने वालों में 16 से 22 साल की आयुवर्ग के लड़कों के शामिल होने की बात सामने आई है. कुछ असामाजिक तत्व भी इसमें शामिल हो गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से सहयोग के साथ)