केंद्र की आर्थिक नीतियों को मज़दूर और जन विरोधी बताते हुए दस मज़दूर संगठनों एक दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया था. सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री, रेलवे, रक्षा, कोयला समेत अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई के ख़िलाफ़ मज़दूर संगठनों ने प्रदर्शन किया.
नई दिल्ली/कोलकाता/मुंबई/बेंगलुरु/गुवाहाटी/चेन्नई: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का बुधवार को कई प्रकार की बैंकिंग सेवाओं पर देश भर में असर दिखा लेकिन आवश्यक सेवाएं सामान्य रहीं. इस दौरान पश्चिम बंगाल जहां छिटपुट हिंसा, झड़प और आगजनी देखने को मिली.
यूनियनों ने केंद्र की आर्थिक नीतियों को मजदूर और जनविरोधी बताते हुए इस एक दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया है.
बुधवार को अधिकांश जगह बैंकों की शाखाएं खुली हुई थीं, लेकिन बैंक कर्मचारियों के हड़ताल का समर्थन करने से देश में कई जगह बैंकों में नकदी जमा करने और निकालने समेत कई सेवाएं प्रभावित हुईं.
ट्रेड यूनियनों ने दावा किया था कि हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोग शामिल होंगे. हालांकि देशभर में कहीं पर भी जरूरी सेवाओं पर असर पड़ने की कोई खबर नहीं है. अधिकांश जगहों पर रेल सेवाएं प्रभावित नहीं हुईं जबकि बिजली उत्पादन, तेल रिफाइनरी और पेट्रोल पंप सामान्य रूप से चलते रहे.
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने बताया, ‘हम बैंक विलय, निजीकरण, शुल्क वृद्धि और वेतन से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं.’
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सदस्यों के साथ विभिन्न महासंघ भी हिस्सा ले रहे हैं. केंद्रीय यूनियनों में एटक, इंटक, सीटू, एआईसीसीटीयू, सेवा, एलपीएफ समेत अन्य शामिल हैं.
उन्होंने बताया, ‘हम महंगाई, सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री, रेलवे, रक्षा, कोयला समेत अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई और 44 श्रम कानूनों को संहिताबद्ध करने (श्रम संहिता) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.’
सरकार की नीतियों के खिलाफ अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली इस हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोगों के भाग लेने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
कौर ने कहा कि हमारी अन्य मांगों में सभी के लिए 6000 रुपये न्यूनतम पेंशन, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और लोगों को राशन की पर्याप्त आपूर्ति शामिल हैं.
कौर ने दावा किया, ‘हमें पूरे देश भर से खबरें मिल रही हैं. भेल के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. ऑयल यूनियन हड़ताल पर है. पूर्वोत्तर, ओडिशा, पुडुचेरी, केरल और महाराष्ट्र में बंद की स्थिति है.’
उन्होंने कहा, ‘हमें पूरे देश भर से खबरें मिल रही हैं. भेल के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. ऑयल यूनियन हड़ताल पर है. पूर्वोत्तर, ओडिशा, पुडुचेरी, केरल और महाराष्ट्र में बंद की स्थिति है.’
पश्चिम बंगाल: बंद के दौरान हिंसा और आगजनी, कोलकाता में 55 गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल में बुधवार को एक दिन के बंद के दौरान कई स्थानों पर हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बसों, एक पुलिस वाहन और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया.
प्रदर्शनकारियों ने मालदा जिले के सूजापुर इलाके में प्रमुख सड़क अवरुद्ध कर दी, टायरों को जलाया, पुलिस की एक वैन समेत कई वाहनों को आग लगा दी. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने की कोशिश की तो उन्होंने पथराव किया और देसी बम फेंके.
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े और रबड़ की गोलियां दागी.
प्रदर्शनकारियों ने राज्य के कई स्थानों पर रेल एवं सड़क यातायात बाधित किया, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ.
पूर्वी बर्दवान जिले में विभिन्न स्थानों पर जलते हुए टायर डाले गए और सड़कें बाधित की गई. इसके अलावा रेलवे पटरियों को भी अवरुद्ध किया गया जिससे रेल यातायात बाधित हुआ.
पूर्वी मिदनापुर जिले में बसों पर पथराव किया गया.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया जिसके बाद झड़प शुरू हो गई और इसके बाद कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया. कूचबिहार जिले में भी प्रदर्शनकारियों ने कई बसों में तोड़फोड़ की.
बंद समर्थकों ने कोलकाता के सेंट्रल एवेन्यू इलाके में पुलिस के अवरोधक हटाने का प्रयास किया जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस ने बताया कि दमदम तथा लेक टाउन इलाकों में वाम समर्थकों और तृणमूल समर्थकों में झड़प हुई. हालात पर काबू पाने के लिए भारी पुलिस बल को घटनास्थल पर भेजा गया.
बंद समर्थकों ने जाधवपुर में रेलवे की पटरियों को अवरुद्ध किया और नजदीक की सड़कों पर भी वाहनों की आवाजाही रोक दी. इसके बाद पुलिस को वहां लाठीचार्ज करना पड़ा.
अधिकारियों ने बताया कि माकपा के विधायक दल के नेता सुजान चक्रवर्ती को हिंसा भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया गया.
जाधवपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के सदस्य भी प्रदर्शन में शामिल हुए.
अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी 24 परगना जिले के बारासात इलाके में सड़कों पर देसी बम मिले. जिले में कुछ स्थानों पर रेलवे की पटरियों पर भी देसी बम मिले.
प्रदर्शनकारियों ने बराकपुर और सोडेपुर समेत जिले के औद्योगिक हिस्से में रैलियां निकालीं और सड़कों तथा रेलवे पटरियों को अवरुद्ध किया.
कोलकाता में सरकारी बसें सामान्य रूप से चल रही हैं, लेकिन शुरुआती घंटों में निजी बसों की संख्या कम थी. इस दौरान शहर में मेट्रो सेवाएं सामान्य थीं और सड़कों पर ऑटो-रिक्शा तथा टैक्सियां भी चल रही थीं.
टॉलीगंज, बेहाला, एस्प्लांडे और यादवपुर समेत शहर के कई इलाकों में भारी पुलिस तैनाती देखी गई है.
वामदलों और कांग्रेस पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि राज्य में जिनका कोई राजनीतिक आधार नहीं है, वे बंद जैसी सस्ती राजनीति करके यहां की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं.
बनर्जी ने कहा कि वह बंद के मकसद का समर्थन करती हैं, लेकिन उनकी पार्टी और सरकार किसी भी तरह के बंद के विरोध में हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई करेगी.
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वाहनों एवं सरकारी बसों को रोकने और दुकानदारों को दुकान खोलने से रोकने के लिए दोपहर तक शहर के विभिन्न हिस्सों से 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर विमान सेवा सामान्य रही. हालांकि सियालदह, हावड़ा और खड़गपुर सेक्शन पर रेल सेवाएं बाधित हुई. कोलकाता शहर के पड़ोसी जिलों और उपनगरों में ट्रेन सेवा बाधित की. रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि हड़ताल समर्थकों द्वारा रेल पटरियों पर बाधा खड़ी करने के कारण पूर्वी रेलवे जोन के सियालदह और हावड़ा मंडल में कम से कम 175 लोकल ट्रेन रद्द कर दी गईं.
पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता निखिल चक्रवर्ती ने कहा कि सियालदह मंडल हड़ताल से सर्वाधिक प्रभावित रहा जहां सुबह से 128 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा. हावड़ा मंडल में 47 और ईएमयू लोकल को रद्द किया गया और दस मेल तथा एक्सप्रेस ट्रेनों का रास्ता रोका गया.
उत्तर बंगाल के कुछ इलाकों में तृणमूल कांग्रेस ने हड़ताल का विरोध करते हुए रैलियां निकालीं और लोगों से सामान्य स्थिति बनाए रखने का आग्रह किया.
राज्य के कई बैंकों की शाखाएं और एटीएम बंद रहे. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के मुताबिक 21,000 करोड़ रुपये के 28 लाख चेक भुनाने के लिए नहीं भेजे जा सके. संघ के महासचिव समीर घोष ने बंद को सफल बताया.
रिजर्व बैंक के कर्मचारी भी प्रदर्शन में शामिल हुए. राज्य में जूट मिलें भी बंद रहीं. राज्य के सरकारी कार्यालयों में 95 फीसदी कर्मचारी उपस्थित रहे.
दिल्ली: देशव्यापी हड़ताल का असर नहीं
श्रमिक संगठनों द्वारा बुधवार को बुलाई गयी देशव्यापी हड़ताल से राष्ट्रीय राजधानी लगभग बेअसर रही. हालांकि यहां भी कई उद्योगों में श्रमिकों ने काम नहीं किया.
हड़ताल के आह्वान के बाद भी मेट्रो और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की सेवाएं पूरी तरह सामान्य तरीके से चलीं.
अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में किसी ट्रेन पर असर नहीं पड़ा. दिल्ली में सुबह से रुक-रुककर हो रही बारिश ने भी हड़ताल के असर को कम किया.
मायापुरी तथा वजीराबाद औद्योगिक क्षेत्रों में विरोध मार्च निकाले गये.
केंद्र सरकार पर श्रमिक विरोधी नीतियों का आरोप लगाते हुए 10 केंद्रीय मजदूर संगठनों द्वारा बुलाई गई हड़ताल के समर्थन में आईटीओ पर वामपंथी श्रमिक संगठनों के सदस्य जमा हुए.
माकपा नेता सुभाषिनी अली ने भी आईटीओ पर हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कहा कि वे केंद्र के श्रमिक विरोधी कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश: बिजली कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया
लखनऊ: राष्ट्रव्यापी हड़ताल का उत्तर प्रदेशमें मिलाजुला असर रहा. राजधानी लखनऊ में हल्का-फुल्का असर दिखा. शुरुआती घंटों में जनजीवन सामान्य रहा. राजधानी की प्रमुख सड़कों पर यातायात सामान्य रहा और दुकानें एवं प्रतिष्ठान अपने नियत समय पर ही खुले.
ज्यादातर विद्यालय, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ कार्यालयों में लोगों की उपस्थिति आम दिन की तरह ही रही.
एटक के राष्ट्रीय सचिव सदरुद्दीन राना ने दावा किया कि बंद पूरी तरह सफल रहा. इस दौरान बैंक, जीवन बीमा निगम, डाक—तार, निकाय और निगमों समेत अनेक प्रमुख सेवाओं के दफ्तर बंद रहे.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में करीब डेढ़ करोड़ कर्मचारियों ने काम ठप रखा और विरोध सभाओं का आयोजन किया.
राना ने बताया कि यह बंद सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण रोकने, नियमित कार्यों पर आउटसोर्सिंग की व्यवस्था खत्म करने, पुरानी पेंशन सुविधा बहाल करने की प्रमुख मांगों को लेकर किया गया.
बिजली कर्मचारियों की राष्ट्रीय समन्वय समिति ‘नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ एलेक्ट्रीसिटी एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स’ (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के ऊर्जा निगमों के तमाम कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियर तथा अभियन्ताओं ने कार्य बहिष्कार कर अपने-अपने दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन और सभाएं कीं.
हड़ताल में शामिल ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 45 हजार बिजलीकर्मियों समेत देश के 15 लाख विद्युतकर्मियों और अभियंताओं ने कार्य बहिष्कार किया. बड़े उत्पादन गृहों, 400 तथा 765 केवी पारेषण तथा सिस्टम ऑपरेशन की शिफ्ट के कर्मचारियों को कार्य बहिष्कार से अलग रखा गया है ताकि बिजली का ग्रिड पूरी तरह फेल न हो.’
उन्होंने बताया कि राजधानी में बिजलीकर्मियों ने शक्ति भवन के बाहर विरोध सभा का आयोजन कर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की. इसके अलावा प्रदेश में सभी बिजली दफ्तरों पर भी प्रदर्शन किए गए.
दुबे ने कहा कि निजीकरण के विरोध के अलावा बिजली निगमों के एकीकरण, पुरानी पेंशन बहाली, वेतन विसंगति और संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की मुख्य मांगों के प्रति केंद्र तथा राज्य सरकार के ध्यानाकर्षण के लिए कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया है.
असम: बंद से जनजीवन प्रभावित
गुवाहाटी: ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के कारण बुधवार को असम में आम जनजीवन प्रभावित रहा और सड़कों से वाहन नदारद रहे तथा दुकानें भी बंद रहीं.
दुकानें और बाजार बंद रहे, लेकिन दवा की दुकानें खुली रहीं. शैक्षणिक संस्थान खासकर स्कूल बंद रहे. कॉलेजों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में पूर्वनिर्धारित परीक्षाएं सामान्य तरीके से आयोजित हुईं. अधिकतर निजी कार्यालय बंद रहे लेकिन राज्य सरकार के कार्यालय खुले रहे.
हड़ताल के दौरान सरकारी दफ्तरों में कामकाज सामान्य रूप से चले इसे सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने मंडल आयुक्तों और जिला उपायुक्तों को मंगलवार को दिशानिर्देश जारी किए था और वेतन कटौती एवं अन्य कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी. समूचे राज्य में अधिकतर बैंक बंद रहे.
त्रिपुरा में ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का मिला-जुला असर देखने को मिला. वहां रेल और वाहन सेवा सामान्य रहने के बावजूद कई जगहों पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कार्यालय बंद रहे.
त्रिपुरा जैसे कुछ स्थानों पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों की कई शाखाएं बंद रहीं. सरकारी विभागों के कामकाज पर हड़ताल का असर नहीं पड़ा है. इस दौरान, ट्रेड यूनियनों ने जगह-जगह छोटे-मोटे धरने-प्रदर्शन भी किए.
राजस्थान: भारत बंद का मिला-जुला असर
जयपुर: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के भारत बंद के आह्वान का बुधवार को राजस्थान में मिला जुला असर देखने को मिला. ट्रेड यूनियन कर्मचारियों के इसमें शामिल होने के कारण बंद के शुरुआती घंटों में बैंकिंग सेवाओं, रोडवेज सेवाओं पर आंशिक असर देखने को मिला.
राजस्थान रोडवेज के सीटू से संबद्ध कर्मचारी भी हड़ताल में भाग ले रहे हैं. राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन (सीटू) के महासचिव किशन सिंह राठौर ने कहा कि रोडवेज में सीटू से जुड़े लगभग 3,000 कर्मचारी हैं जो भारत बंद में भाग ले रहे हैं.
राजस्थान प्रदेश बैंक कर्मचारी संगठन के महासचिव महेश मिश्रा ने कहा, ‘बंद के कारण बैंकिंग परिचालन में 10000 करोड़ रुपये का कारोबार प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से प्रभावित हुआ. राज्य में ज्यादातर बैंक कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हुए.’
उन्होंने दावा किया कि राज्य में कुल मिलाकर लगभग 25000 बैंक कर्मचारी हैं जिनमें से लगभग 20000 इस आंदोलन में शामिल रहे. बैंकों के अलावा एलआईसी के कर्मचारियों ने भी इस बंद के समर्थन में जयपुर व अन्य जिलों में राजग सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया.
हड़ताल का असर चूरू, गंगानगर, सीकर में बसों के संचालन पर पड़ा है. हालांकि जयपुर शहर में बाजार खुले हैं और सार्वजनिक परिवहन सेवा पर ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है. राज्य में कपड़ा व सीमेंट उद्योगों तथा कृषि मंडियों के कर्मचारी भी इस आंदोलन में शामिल रहे.
मध्य प्रदेश: संगठनों का दावा, हड़ताल से 70 फीसद बैंक शाखाओं में कामकाज प्रभावित
इंदौर/भोपाल: देशव्यापी हड़ताल से मध्य प्रदेश में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं. मध्य प्रदेश बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (एमपीबीईए) के सचिव एमके शुक्ला ने बताया, ‘हड़ताल के दौरान सूबे में राष्ट्रीयकृत बैंकों, सहकारी बैंकों और अन्य बैंकों की कुल 7,248 शाखाओं में से लगभग 5,000 शाखाओं में अलग-अलग सेवाएं प्रभावित रहीं.’
शुक्ला ने तसदीक की कि एक दिवसीय हड़ताल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी-कर्मचारी शामिल नहीं हुए.
इस बीच सूबे की आर्थिक राजधानी इंदौर में जन-जीवन पर ट्रेड यूनियन हड़ताल का उल्लेखनीय असर नहीं दिखाई दिया. शहर की सड़कों पर रोज ही की तरह यातायात सामान्य दिखा. स्थानीय औद्योगिक इकाइयों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और अन्य कार्यस्थलों पर कर्मचारियों की लगभग नियमित उपस्थिति दर्ज की गयी.
मध्य प्रदेश बैंक कर्मचारी एसोसिएशन के महासचिव वीके शर्मा ने बताया, ‘हड़ताल से पूरे प्रदेश में बैंकिंग कार्य प्रभावित हुआ है और हमें जानकारी मिली है कि परिवहन, आयकर, और डाक सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं.’
प्रदेश के झाबुआ और सीहोर सहित अन्य जिलों से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार बंद से वहां बैंक और डाक सेवाएं प्रभावित हुई हैं. जबकि पूरे राज्य में बाजार और पेट्रोल पंप सामान्य रुप से खुले रहे.
उत्तराखंड: बंद का असर खास नहीं
देहरादून: बंद का उत्तराखंड में कोई खास असर देखने को नहीं मिला. हालांकि कुछ संगठनों ने देहरादून के आईएसबीटी परिसर में धरना दिया.
प्रदेश में बैंकिंग सेवायें भी प्रभावित नहीं हुईं और ज्यादातर बैंकों ने रोजाना की तरह अपना कामकाज किया. देहरादून में एक प्रमुख बैंक के शाखा प्रबंधक ने कहा कि आज हमारे बैंक में सामान्य तरीके से कामकाज हुआ.
गुजरात: बैंकिंग सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित
अहमदाबाद: एकदिवसीय हड़ताल से गुजरात में बैंकिंग सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुईं. हालांकि राज्य में परिवहन सेवा पूरी तरह से सामान्य रही और कई व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के दफ्तर भी खुले रहे.
ट्रेड यूनियनों का दावा है कि गुजरात में कई हिस्सों में कारखाने में उत्पादन प्रभावित हुआ. हालांकि उद्योगपतियों ने कारोबार सामान्य रहने की बात कही है.
बैंक ऑफ बड़ौदा कर्मचारी संघ के महासचिव धीरज देसाई ने कहा, ‘गुजरात में बैंकिंग सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुईं, क्योंकि ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) से जुड़े कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए.’
देसाई ने कहा कि हालांकि भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा क्योंकि उनके अधिकांश कर्मचारी दूसरे यूनियन से जुड़े हैं, जो हड़ताल में शामिल नहीं है.
केरल: हड़ताल का असर दिखा
तिरुवनंतपुरम: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का बुधवार को केरल में करीब-करीब हर जगह असर दिखा. केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) और निजी आपरेटरों की बसें सुबह से ही सड़कों पर नहीं दिख रही थीं.
तिरुवनंतपुरम में केएसआरटीसी की नगर और लंबी दूरी के मार्गों की बस सेवाएं बंद रहीं. सड़कों पर वाहनों और ऑटो रिक्शा की आवाजाही भी कम थी.
लेकिन सबरीमाला तीर्थयात्रियों को हड़ताल से छूट दी गई है. अयप्पा के भक्तों को पंबा तक जाने के लिए केएसआरटीसी की बसें मिल रही थीं. राज्य में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से जुड़ी ट्रेड यूनियनें हड़ताल में शामिल थीं.
मुख्यमंत्री पी. विजयन और अन्य मंत्री भी कार्यालय नहीं गए. बुधवार को होनी वाली मंत्रिमंडल की बैठक भी एक दिन पहले ही कर ली गई थी. रेलवे सूत्रों ने कहा कि हड़ताल से रेल सेवाओं पर असर नहीं पड़ा है और रेलवे स्टेशन पर कोई प्रदर्शन भी नहीं हुआ है.
मुंबई: बंद का असर नहीं, परिवहन सेवाएं सामान्य
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को बंद का देश की वित्तीय राजधानी मुंबई की परिवहन सेवाओं पर कोई असर नहीं दिखा. मुंबई की जीवन-रेखा कही जाने वाली उपनगरीय ट्रेनें, बसें, ऑटो-रिक्शा और अन्य सार्वजनिक वाहन सामान्य रूप से चल रहे हैं.
अधिकारियों ने कहा, ‘मामूली विलंब के अलावा तीन लाइनों पर उपनगरीय ट्रेनें सामान्य रूप से चल रही हैं.’ एमएमआरडीए (मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण) के सूत्रों ने बताया कि मेट्रो और मोनोरेल सेवाएं सुचारू रूप से चल रही हैं.
बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) के एक अधिकारी ने बताया कि बसें निर्धारित समय के तहत चल रही हैं. बेस्ट की बसें मुंबई, उसकी विस्तारित उपनगरों और नवी मुंबई में चलती हैं.
आंध्र प्रदेश: बंद में हिस्सा लेने वाले कांग्रेस और वाम नेता हिरासत में
अमरावती: भारत बंद के आह्वान पर प्रदेश के विशाखापत्तनम शहर में सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न उपक्रमों में अधिकतर कर्मचारी नदारद रहे. अधिकतर बैंक भी बंद रहे. केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में, आंध्र प्रदेश के प्रमुख शहरों में वाम दलों और ट्रेड यूनियनों द्वारा रैलियां निकाली गईं.
विजयवाड़ा में राधम सेंटर से लेनिन सेंटर तक रैली निकाली गई. मचिलिपत्नाम में कोनेरू सेंटर से रैली निकाली गई. तिरुपति से मिली खबरों के अनुसार पुलिस ने युवा संगठनों को ‘शव यात्रा’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पुतले ले जाने से रोका.
विजयवाड़ा में आरटीसी बस अड्डे के बाहर राजमार्ग पर धरना दे रहे कांग्रेस, भाकपा और माकपा नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. सीपीआई के राज्य सचिव के रामकृष्ण ने अपने और माकपा तथा कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार किए जाने की निंदा की.
गोवा: जनजीवन प्रभावित
पणजी: मजदूर संगठनों की ओर से बुलाई गई हड़ताल के दौरान गोवा में जनजीवन प्रभावित रहा. गोवा कन्वेंशन ऑफ वर्कर्स के बैनर तले विभिन्न मजदूर संगठनों ने पणजी के आजाद मैदान में एक जनसभा की.
राष्ट्रीयकृत सहित अधिकांश बैंक सामान्य रूप से काम कर रहे हैं, जबकि कुछ निजी उद्योगों में बंद का असर दिखा.
एटक महासचिव क्रिस्टोफर फोंसेका ने आजाद मैदान में मौजूद करीब 2000 लोगों को संबोधित करते हुए कर्मचारयों से केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करने की अपील की.
तेलंगाना: बैंकिंग सेवाएं प्रभावित
हैदराबाद: विभिन्न ट्रेड यूनियनों की एकदिवसीय हड़ताल की वजह से बुधवार को पूरे तेलगांना में बैंकिंग सेवाओं पर खासा असर पड़ा. वहां हालांकि दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान खुले रहे और परिवहन सेवाओं पर भी बंद का असर नहीं पड़ा.
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी एसोसिएशन (एआईबीईए) के राष्ट्रीय सचिव बीएस रामबाबू ने बताया, ‘हड़ताल में सभी सार्वजनिक बैंक के कर्मचारी शामिल हैं. बैंकों में काउंटर पर कामकाज (नकद जमा और निकासी) नहीं हुआ तथा अधिकारियों ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया.’
इस बीच यहां भारतीय स्टेट बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हड़ताल का उसके बैंक के परिचालन पर कोई असर नहीं हुआ है. एसबीआई कर्मचारियों ने बुधवार के भारत बंद से अलग रहने का फैसला किया है.
पंजाब-हरियाणा में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित; परिवहन सेवाओं पर भी दिखा असर
चंडीगढ़: हड़ताल में बुधवार को पंजाब और हरियाणा में सार्वजनिक बैंकों, परिवहन विभाग, डाक घर और किसानों के कई संगठनों ने हिस्सा लिया. सरकारी बैंकों के कर्मचारियों के हड़ताल में हिस्सा लेने से पंजाब और हरियाणा में बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ा है.
ट्रेड यूनियन कर्मचारियों ने पंजाब में लुधियाना, जालंधर और बठिंडा समेत कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया और अपनी मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
जालंधर में ट्रेड यूनियन कर्मचारियों द्वारा कारखाने में काम करने वाले कुछ लोगों को काम पर जाने से रोकने की खबर है. पंजाब में लुधियाना समेत कुछ जगहों पर सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रभावित हुई है.
हरियाणा में सार्वजनिक परिवहन सेवा पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है. हरियाणा परिवहन के कर्मियों के एक धड़े ने हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की थी. अधिकारियों ने कहा कि हरियाणी और पंजाब में कई बस डिपो में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि बसों की आवाजाही को सुगम बनाया जा सके.
कर्नाटक: बंद का नहीं दिखा असर
बेंगलुरु: दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल का कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों जनजीवन पर कोई असर नहीं पड़ा. कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) सहित सरकारी बस सेवाओं और ट्रेन सेवाओं पर इसका कोई असर नहीं दिखा.
स्कूल, कॉलेज और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी खुले. कृषि उपज विपणन समिति के यार्ड में इसका कुछ असर देखने को मिला जहां कर्मचारी काम करने नहीं पहुंचे.
मंगलुरु में केरल राज्य सड़क परिवहन निगम की अंतरराज्यीय सेवाएं निलंबित है. एआईटीयूसी कार्यालय के पदाधिकारी विजय भास्कर के अनुसार बंगलुरु में टाउन हॉल से फ्रीडम पार्क तक रैली निकाली जाएगी. राज्य के कई हिस्सों में प्रदर्शन और मार्च भी निकाले गए.
ओडिशा: ट्रेन और बस सेवाएं प्रभावित
भुवनेश्वर: हड़ताल के कारण समूचे ओडिशा में भी बुधवार को जनजीवन प्रभावित रहा. राज्य के कई हिस्सों में ट्रेन एवं बस सेवाएं प्रभावित रहीं. ट्रेड यूनियन कर्मियों ने 24 घंटे की हड़ताल के समर्थन में रेल पटरियों और सड़कों को जाम किया. वाम दलों एवं कांग्रेस के समर्थक भी बंद की हिमायत में सड़कों पर उतरे.
राज्य के अधिकतर हिस्सों में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. कई जिलों में शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहे.
बैंकिंग संचालन भी प्रभावित रहे. अस्पतालों और एंबुलेंस जैसी आपात सेवाओं को बंद से अलग रखा गया है. राज्य सरकार ने कर्मचारियों को अपने संबंधित दफ्तरों में जल्दी पहुंचने के लिए पहले ही दिशानिर्देश जारी किए थे.
हड़ताल के कारण किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य की राजधानी भुवनेश्वर समेत कई जगहों पर सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए गए हैं.
तमिलनाडु: बैंकिंग सेवाएं प्रभावित
चेन्नई: एकदिवसीय हड़ताल का तमिलनाडु में आम जनजीवन पर अब तक कोई असर नहीं पड़ा. हालांकि बैंकिंग सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं.
पुलिस ने कहा कि बस सेवा और सड़क परिवहन सेवा पर कोई असर नहीं पड़ा है. दक्षिण रेलवे के सूत्रों ने कहा कि हड़ताल के चलते रेल सेवा प्रभावित नहीं हुई है.
राज्य में दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान खुले रहे जबकि बैंकिंग सेवाओं पर आंशिक रूप से असर पड़ा है.
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने दावा किया कि राज्य में बैंकिंग सेवाएं बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई हैं.
उन्होंने कहा कि नकदी निकासी और जमा करने की सुविधा प्रभावित रही जबकि कई एटीएण काम नहीं कर रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)