मज़दूर संगठनों की हड़ताल के बीच नीलाचल इस्पात की रणनीतिक बिक्री को सरकार ने दी मंज़ूरी

दस ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री, रेलवे, रक्षा, कोयला समेत अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई के ख़िलाफ़ जैसी मांगों के ख़िलाफ़ देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति ने नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड को बेचने का फैसला किया है.

/
(फोटो साभार: विकिपीडिया/पीटीआई)

दस ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री, रेलवे, रक्षा, कोयला समेत अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई के ख़िलाफ़ जैसी मांगों के ख़िलाफ़ देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति ने नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड को बेचने का फैसला किया है.

(फोटो साभार: विकिपीडिया/पीटीआई)
(फोटो साभार: विकिपीडिया/पीटीआई)

नई दिल्ली: दस ट्रेड यूनियनों की ओर से बुधवार को बुलाए गए एकदिवसीय भारत बंद हड़ताल के बीच केंद्र सरकार ने नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) की रणनीतिक बिक्री को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.

इसके तहत छह सार्वजनिक उपक्रमों को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने की अनुमति दी गई है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला किया गया.

एनआईएनएल संयुक्त उद्यम कंपनी है, जिसमें चार केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों- खनिज एवं धातु व्यापार निगम लिमिटेड (एमएमटीसी), राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी), भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) और मेकॉन तथा ओडिशा सरकार की दो कंपनियों- ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन (ओएमसी) और इंडस्ट्रियल प्रमोशन एंड इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ ओडिशा लिमिटेड (आईपीआईसीओएल) की हिस्सेदारी है.

एनआईएनएल में एमएमटीसी की 49.78 प्रतिशत, ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन की 20.47 प्रतिशत, आईपीआईसीओएल की 12 प्रतिशत, एनएमडीसी 10.10 प्रतिशत तथा मेकॉन और भेल की 0.68-0.68 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एनआईएनएल के रणनीतिक खरीदार की पहचान दो चरण की नीलामी प्रक्रिया के जरिये की जाएगी.

बयान में कहा गया है, ‘एनआईएनएल के प्रस्तावित रणनीतिक विनिवेश से संसाधनों का इस्तेमाल सामाजिक क्षेत्र और विकास कार्यक्रमों के वित्त-पोषण के लिए किया जाएगा.’

बयान में कहा गया है कि सफल रणनीतिक खरीददार अपने साथ नया प्रबंधन-प्रौद्योगिकी और निवेश लाएगा, जिससे कंपनी की वृद्धि में मदद मिलेगी. इससे रोजगार के भी अतिरिक्त अवसरों का सृजन हो सकेगा.

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने यह फैसला दो चरणों वाली नीलामी प्रक्रिया के जरिये की गई है.

इसमें कहा गया है कि एनआईएनएल के प्रस्‍तावित रणनीतिक विनिवेश से इसमें निहित संसाधन मुक्‍त होंगे, जिसका इस्‍तेमाल सरकार के सामाजिक क्षेत्र/विकास कार्यक्रमों का वित्‍त पोषण करने में होगा. इससे आम जनता लाभांवित होगी.

इसके अनुसार, सरकार उम्‍मीद कर रही है कि सफल रणनीतिक खरीददार इस कंपनी के विकास के लिए नया प्रबंधन/प्रौद्योगिकी/निवेश ला सकता है और इसके साथ ही यह खरीददार इस कंपनी के व्‍यावसायिक परिचालनों के विकास के लिए अभिनव तरीकों का इस्‍तेमाल कर सकता है.

मालूम हो कि बुधवार को 10 ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को मजदूर और जनविरोधी बताते हुए इस एक दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया था.

इन यूनियनों का कहना था कि वे महंगाई, सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री, रेलवे, रक्षा, कोयला समेत अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई और 44 श्रम कानूनों को संहिताबद्ध करने (श्रम संहिता) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

इसके अलावा उनकी अन्य मांगों में सभी के लिए 6000 रुपये न्यूनतम पेंशन, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और लोगों को राशन की पर्याप्त आपूर्ति शामिल है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)