नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले एक महीने से देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इसके खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में देशभर में कम से कम 31 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से कम से कम 21 लोगों की मौत उत्तर प्रदेश में हुई है.
नई दिल्लीः देशभर में विरोध के बीच विवादित नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) 10 जनवरी से लागू हो गया. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को नागरिकता कानून की अधिसूचना जारी कर दी, जिसके साथ यह कानून पूरे देश में प्रभावी हो गया.
गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस कानून को लागू करने की तारीख 10 जनवरी, 2020 तय की है.
अधिसूचना में कहा गया है, ‘नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (2019 का 47) की धारा 1 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार 10 जनवरी 2020 को उक्त अधिनियम के प्रावधान प्रभावी होने की तारीख के रूप में तय करती है.’
नागरिकता संशोधन विधेयक 10 दिसंबर को लोकसभा और उसके एक दिन बाद राज्यसभा में पारित हुआ था.
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद 12 दिसंबर को यह कानून बन गया. इसके तहत 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना का शिकार हो रहे हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और यहूदी अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है.
गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस कानून के नियमों को लागू करने का काम अभी बाकी है. इस कानून की कट ऑफ डेट 31 दिसंबर 2014 निर्धारित की गई है इसलिए नियमों के अनुरूप आवेदकों को उपयुक्त दस्तावेजों के साथ यह सिद्ध करना होगा कि वे इस तारीख (31 दिसंबर 2014) तक या इससे पहले भारत आए हैं.
गौरतलब है कि इस कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और देशभर में संग्राम छिड़ा हुआ है. इसकी शुरुआत असम से हुई थी. राज्यसभा में बिल पास होते ही विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था.
विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में देशभर में कम से कम 31 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से कम से कम 21 लोगों की मौत अकेले उत्तर प्रदेश में हुई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)