नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में हुई सभा के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ नहीं हो रहा है और आरोपी अब माफी मांग रहे हैं.
ग्वालियर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिंसा के बाद राज्य पुलिस की ‘क्षति के लिए भुगतान’ कार्रवाई को सही ठहराया.
उन्होंने कहा कि इससे अब धरना प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ नहीं हो रही है और आरोपी अब माफी मांग रहे हैं.
योगी ने शनिवार को ग्वालियर जीवाईएमसी ग्राउंड में सीएए के समर्थन में जन जागरण मंच द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘सीएए पर कांग्रेस ने हिंसक माहौल बना दिया, लेकिन हमने तय किया कि जो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा, उसका पैसा संबंधित आरोपी से वसूल किया जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘अब धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ नहीं हो रही है, बल्कि आरोपी माफी मांग रहे हैं. ऐसे लोगों की वास्तविकता सामने आनी चाहिए और हमारी सरकार ने आरोपियों के पोस्टर शहरों में लगाए हैं.’
मुख्यमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर पर शीर्ष अदालत के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में शांति बनाए रखने का उल्लेख किया.
उन्होंने सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस पर हिंसक माहौल बनाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘यह कानून नागरिकता देने का है और किसी के अधिकार छीनने का कानून नहीं है. कांग्रेस जिसने आपातकाल लगाकर संविधान को रौंदा था, वह अब इसे बचाने की बात कर रही है.’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उनके सहयोगियों के शासित राज्य सीएए को लागू नहीं करने की बात कर रहे हैं, तो क्या यह संविधान को चुनौती देने जैसा नहीं है.
देश में सीएए की जरूरत बताते हुए योगी ने कहा कि भारत ने तो नेहरू-लियाकत समझौते का पालन किया और किसी अल्पसंख्यक को परेशान नहीं किया, लेकिन पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हुए और उनकी आबादी कम होती गई.
उन्होंने कहा, ‘महात्मा गांधी जी ने भी कहा था कि पाकिस्तान में जितने भी अल्पसंख्यक हैं, उनके लिए भारत के रास्ते खुले हुए हैं. इसीलिए 1955 में नागरिकता कानून बना, जिसे संशोधित करके सीएए के रूप में लागू किया गया है.’
योगी ने कहा कि अब कांग्रेस शरणार्थियों और घुसपैठियों में अंतर नहीं कर पा रही है.
उन्होंने कहा, ‘देश में आतंकवाद की जितनी भी घटनाएं हुई हैं, वे सब घुसपैठियों ने की है. कांग्रेस सहित विपक्षी दल आतंकी घुसपैठ, अलगाववाद और नक्सलवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. लोगों को इसे समझने की जरूरत है.’
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंसा की विभिन्न घटनाओं में अब तक कम से कम 21 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा विभिन्न जिलों हुई हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन लोगों को क्षतिपूर्ति वसूल करने का नोटिस भेज रहा है.
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी थी कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, उनसे बदला लिया जाएगा. नुकसान की भरपाई की जाएगी.
इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में हुई एक सभा के दौरान उन्होंने नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई युद्धस्तर पर कराने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने कहा था कि जो नहीं सुधरेंगे, उन्हें जहां की यात्रा करनी है, वहां की करा दी जाएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)