अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने नई दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्ते के चलते उनके देश के लिए दो पड़ोसियों के साथ संबंधों में संतुलन बनाकर रखना मुश्किल हो गया है.
नई दिल्लीः अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई का कहना है कि भारत-पाकिस्तान संबंधों की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का अफगानिस्तान पर अत्यधिक असर पड़ा है.
उन्होंने कहा कि दो पड़ोसियों के साथ संबंधों में संतुलन बनाकर रखना उनके देश के लिए मुश्किल हो गया है. करजई ने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत अफगानिस्तान में आगे की दिशा में एक कदम है.
करजई ने गुरुवार को यहां रायसीना डायलॉग के एक सत्र में कहा, ‘हम इसमें क्यों मरें, तालिबान का उनके खुद के देश के खिलाफ संघर्ष में इस्तेमाल क्यों होना चाहिए, अपने ही देश और जनता के खिलाफ इस संघर्ष में हमें क्यों इस्तेमाल होना चाहिए. यह अफगान लोगों की अफगान से संघर्ष की बात नहीं है. यह अफगान लोगों को अफगान से ही लड़ाने की बात है जिसे हमें समाप्त करना होगा.’
अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी पर करजई ने कहा, ‘बड़ी संख्या में लोग अफगानिस्तान में अमेरिकी मौजूदगी से सहमत होते, बशर्ते देश शांतिपूर्ण बने और अफगान लोगों को सम्मानजनक तरीके से रहने का अवसर दिया जाए. साथ ही उनकी राजनीति और संस्थाओं से हस्तक्षेप नहीं किया जाए और उनकी संप्रभुता को आहत नहीं किया जाए.’
उन्होंने कहा कि अगर इन शर्तों को पूरा किया जाता तो अमेरिका को मौजूदगी का अधिकार मिल सकता है लेकिन फैसला अफगान जनता को संस्थाओं के माध्यम से करना होगा.
पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में पूछे जाने पर करजई ने कहा कि अफगानिस्तान पर उसका असर किसी अन्य देश से बहुत ज्यादा है तथा काबुल को इस्लामाबाद को बताना होगा कि नयी दिल्ली के साथ करीबी संबंधों का उनके रिश्ते पर असर नहीं होगा.
पूर्व अफगान राष्ट्रपति ने कहा, ‘भारत अफगानिस्तान का सबसे अच्छा दोस्त है. भारत ने अफगानिस्तान में अपार योगदान दिया है, लेकिन पाकिस्तान जो प्रभाव अफगानिस्तान पर डाल सकता है, वह किसी अन्य देश से कहीं ज्यादा है.’
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति ने अफगानिस्तान को बुरी तरह प्रभावित किया है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंधों पर करजई ने कहा कि इसके दो पहलू हैं.
उन्होंने कहा, पाकिस्तान खुली बांहों से शरणार्थियों के तौर पर हमें अपनाते हैं. हम इसके शुक्रगुजार हैं लेकिन दूसरी तरफ आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की सरकार और सेना से हमारी गंभीर शिकायतें हैं.
करजई ने कहा कि उन्होंने खुद भी अफगानिस्तान में संबंधों को सुधारने में कुछ गलतियां की हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और ईरान, अफगानिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं और यह हम पर अमेरिका की मौजूदगी में या उसके बिना गहरा असर डाल सकता है.
करजई ने कहा, ‘पाकिस्तान का सबसे ज्यादा असर है. इसलिए, अफगानिस्तान में शांति इस बात पर बहुत निर्भर करती है कि हम पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को कैसे बढ़ाते हैं. हम उनके साथ बेहतरीन रिश्ते चाहते हैं.’
करजई ने कहा, ‘हम भारत के सर्वश्रेष्ठ दोस्त बनना चाहते हैं और अफगानिस्तान के लोग भारत के सबसे अच्छे दोस्त साबित हुए हैं, लेकिन हम पाकिस्तान को बताएंगे कि भारत के साथ हमारा रिश्ता हमें पाकिस्तान का सबसे अच्छा भाई और दोस्त बनने से नहीं रोकने वाला. यह संदेश देना बहुत मुश्किल काम है लेकिन हमें यह करना होगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)