पीएम के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा नेहरू मेमोरियल की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष बने

नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और कर्ण सिंह को परिषद के सदस्य पद से हटाते हुए पिछले साल नवंबर में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसायटी का पुनर्गठन किया था.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ नृपेंद्र मिश्रा. (फोटो: विकिपीडिया)

नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और कर्ण सिंह को परिषद के सदस्य पद से हटाते हुए पिछले साल नवंबर में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसायटी का पुनर्गठन किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ नृपेंद्र मिश्रा. (फोटो: विकिपीडिया)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ नृपेंद्र मिश्रा. (फोटो: विकिपीडिया)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा को नेहरू मेमोरियल संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एनएमएमएल) की कार्यकारी परिषद का अध्यक्ष बनाया गया है. पिछले छह महीने से लगातार हो रही विभिन्न नियुक्तियों के दौर में यह ताजा नियुक्ति है.

सरकार ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और कर्ण सिंह को परिषद के सदस्य पद से हटाते हुए पिछले साल नवंबर में एनएमएमएल सोसायटी का पुनर्गठन किया था. उसमें टीवी पत्रकार रजत शर्मा और प्रसून जोशी सहित अन्य को शामिल किया गया था.

संस्कृति मंत्रालय के सूत्रों ने पुष्टि की कि 74 वर्षीय मिश्रा को 14 जनवरी को एक आदेश जारी कर नियुक्त किया गया. उन्होंने अगस्त, 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव का पद छोड़ा था.

आदेश में कहा गया है कि प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश परिषद उपाध्यक्ष होंगे.

मिश्रा की नियुक्ति के साथ ही भारत के पहले प्रधानमंत्री से जुड़े इस संग्रहालय से जुड़े सभी फैसले लेने वाली एनएमएमएल सोसायटी और एनएमएमएल कार्यकारी परिषद का पुनर्गठन पूरा हो गया.

पिछले साल नवंबर में जारी आदेश के अनुसार, एनएमएमएल सोसायटी के अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं.

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारणमण, रमेश पोखरियाल निशंक, प्रकाश जावड़ेकर, वी. मुरलीधरन और प्रहलाद सिंह पटेल, आईसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे, प्रसार भारतीय के अध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश, व्यय, संस्कृति और आवासन और शहरी कार्य मंत्रालयों के सचिवों को बतौर सदस्य इसमें शामिल किया गया है.

इनके अलावा यूजीसी के अध्यक्ष, जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड के प्रतिनिधि राघवेन्द्र सिंह, एनएमएमएल के निदेशक और पत्रकार रजत शर्मा भी इसके नए सदस्य हैं.

इसके अन्य सदस्य हैं.. अर्निबन गांगुली, सचिदानंद जोशी, कपिल कपूर, लोकेश चन्द्रा, मकरंद परांजपे, किशोर मकवाना, कमलेश जोशीपुरा, रिजवान कादरी, राज्यसभा सदस्य विनय सहस्रबुद्धै और आईजीएनसीए अध्यक्ष राम बहादुर राय.

नेहरू मेमोरियल म्यूजियन एंड लाइब्रेरी एक स्वायत्त संस्थान है, जिसकी स्थापना संस्कृति मंत्रालय के तहत 1966 में दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में की गई थी. यहां नेहरू के निजी दस्तावेजों और स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित अन्य कागजातों को सहेजकर रखा है.

देश के सभी प्रधानमंत्रियों के लिए संग्रहालय बनाने के प्रस्ताव की लगातार आलोचना होती रही है. कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि यह नेहरू की विरासत को मिटाने का प्रयास है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अगस्त 2018 में केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि वह तीन मूर्ति परिसर को बाधित न करें.

नवंबर 2018 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्रियों के लिए अलग से संग्रहालय बनाने के फैसले की आलोचना करने वाले एनएमएमएल के उन तीनों सदस्यों को बदल दिया था. विरोध करने वाले प्रोफेसर उदयन मिश्रा, अर्थशास्त्री नितिन देसाई और पूर्व नौकरशाह बीपी सिंह को सोसाइटी से हटा दिया गया था जबकि अकादमिक प्रताप भानु मेहता ने इस्तीफा दे दिया था.

इनके स्थान पर पत्रकार अर्नब गोस्वामी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, आईसीसीआर प्रमुख विनय सहस्रबुद्धे और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर ऑफ आर्ट्स के चेयरमैन राम बहादुर राय को समिति में शामिल किया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)