शैतान और परजीवी हैं नागरिकता कानून का विरोध करने वाले बुद्धिजीवी: दिलीप घोष

पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि बुद्धिजीवी कहे जाने वाले कुछ जीव कोलकाता की सड़कों पर निकल आए हैं. दूसरों के खर्चों पर रहने और आनंद लेने वाले ये परजीवी बुद्धिजीवी उस दौरान कहां थे जब बांग्लादेश में हमारे पूर्वजों पर अत्याचार हो रहे थे?

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दिलीप घोष. (फोटो साभार: फेसबुक)

पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि बुद्धिजीवी कहे जाने वाले कुछ जीव कोलकाता की सड़कों पर निकल आए हैं. दूसरों के खर्चों पर रहने और आनंद लेने वाले ये परजीवी बुद्धिजीवी उस दौरान कहां थे जब बांग्लादेश में हमारे पूर्वजों पर अत्याचार हो रहे थे?

दिलीप घोष. (फोटो साभार: फेसबुक)
दिलीप घोष. (फोटो साभार: फेसबुक)

कोलकाताः पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने वाले लोग रीढ़हीन परजीवी शैतान हैं.

दिलीप घोष ने कहा, ‘जो बुद्धिजीवी नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं, वे रीढ़हीन, शैतान और परजीवी हैं.’

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बुद्धिजीवी कहे जाने वाले कुछ जीव कोलकाता की सड़कों पर निकल आए हैं. दूसरों के खर्चों पर रहने और आनंद लेने वाले ये परजीवी बुद्धिजीवी उस दौरान कहां थे जब बांग्लादेश में हमारे पूर्वजों पर अत्याचार हो रहे थे?’

घोष ने कोलकाता में थिएटर कलाकारों के विरोध मार्च का उल्लेख करते हुए कहा, ‘ये शैतान हमारे दिए भोजन पर जी रहे हैं और हमारा विरोध कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून का विरोध करने वाले लोग ऐसे विरोध कर रहे हैं, जैसे उन्हें पता ही नहीं है कि उनके माता-पिता कौन हैं.

घोष ने कहा, ‘यही कारण है कि ये कह रहे हैं कि वे अपने माता-पिता का जन्मप्रमाण पत्र नहीं दिखा सकते.’

घोष के इस बयान पर थिएटकर कलाकार दुलाल मुखर्जी ने नाराजगी जताई है.

उन्होंने कहा, ‘हम हैरान हैं कि एक बंगाली इस तरह से बंगाल में खड़े होकर बात कर सकता है. बंगाल ने हमेशा लड़ाई लड़ी और जीती है और दिखाया है कि कैसे लड़ाई लड़ी जानी है.’

बता दें कि इससे पहले दिलीप घोष ने कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को उत्तर प्रदेश और असम की तरह गोली मार दी जाएगी.

घोष ने पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा था क्योंकि उन्होंने पिछले साल दिसंबर में नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान रेलवे की संपत्ति और सार्वजनिक परिवहन को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ लाठीचार्ज या गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था.

घोष ने कहा था कि असम और उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार ने इन प्रदर्शनकारियों को कुत्तों की तरह मारा था. इन्हें गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

वहीं, बीते सप्ताह घोष ने पार्टी की एक रैली के दौरान एक एंबुलेंस को रास्ता नहीं देने दिया था. इस दौरान वह जिले के कृष्णनगर में रैली को संबोधित कर रहे थे.

इस घटना का वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें घोष को एंबुलेंस के ड्राइवर से किसी और रास्ते से जाने को कहते सुना जा सकता है.

दिलीप घोष को भाजपा के पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष के तौर पर गुरुवार को ही दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से निर्वाचित किया गया था.  उनका कार्यकाल 2020 से 2023 तक रहेगा.