पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि कर राजस्व के नजरिए से 2019-20 एक बुरा वित्त वर्ष साबित होने जा रहा है.
नई दिल्लीः पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में सरकार का कर संग्रह निर्धारित लक्ष्य से करीब ढाई लाख करोड़ रुपये कम रहने का अनुमान है. यह देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.2 प्रतिशत के बराबर है.
गर्ग ने ब्लॉग में कहा कि कर राजस्व के नजरिए से 2019-20 एक बुरा वित्त वर्ष साबित होने जा रहा है. उन्होंने डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स हटाने की भी मांग की है.
उन्होंने कहा, ‘कर राजस्व संग्रह लक्ष्य से 2,500 अरब रुपये (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) कम रहने की संभावना है. अब समय आ गया है कि डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स को समाप्त कर दिया जाए और व्यक्तिगत आयकर कानून में सुधार लाना चाहिए.’
Tax revenues to see shortfall of 2.5 trillion (1.2% of GDP). Time to junk DDT and reform personal income tax. GST rollout needs to be completed in 20-21. With the piece on non-tax revenues earlier, this completes my assessment of GOI revenues. Read at … https://t.co/HPDt7Sdzqd
— Subhash Chandra Garg (@Subhashgarg1960) January 19, 2020
गर्ग ने कहा, ‘राज्यों के हिस्से का 8.09 लाख करोड़ रुपये अलग रखे जाने के बाद बजट में केंद्र सरकार का शुद्ध राजस्व संग्रह लक्ष्य 16.50 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. यह 2018-19 में संग्रह किए गए 13.37 लाख करोड़ रुपये के अस्थाई वास्तविक कर संग्रह से 3.13 लाख करोड़ रुपये यानी 23.4 प्रतिशत अधिक है.’
उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट कर, उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क संग्रह में 2019-20 में गिरावट रह सकती है. यह गिरावट आठ प्रतिशत, पांच प्रतिशत और 10 प्रतिशत होगी.
कंपनी कर में आठ प्रतिशत, उत्पाद शुल्क 2.31 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले करीब पांच प्रतिशत कम 2.2 लाख करोड़ रुपये और सीमा शुल्क प्राप्ति 1.18 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान के मुकाबले दस प्रतिशत कम 1.06 लाख करोड़ रुपये रह सकता है.
गर्ग ने कहा कि कुल मिलाकर केंद्र सरकार का सकल राजस्व संग्रह 3.5 लाख करोड़ रुपये से 3.75 लाख करोड़ रुपये तक कम रह सकता है.
उन्होंने कहा कि यह काफी बड़ा फासला है और इसे गैर कर राजस्व में अधिक प्राप्ति के जरिये भरना मुश्किल है. खर्च में कटौती से भी इसकी भरपाई मुश्किल लगती है. ऐसे में राजकोषीय घाटा बजट में रखे गये 3.3 प्रतिशत के अनुमान के मुकाबले 0.5 से लेकर 0.7 प्रतिशत तक अधिक रहना तय लगता है.
बता दें कि सरकार ने बजट में कुल मिलाकर 24.59 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह होने का अनुमान लगाया था.