झारखंड: कथित तौर पर पत्थलगड़ी आंदोलन का विरोध करने पर सात लोगों की हत्या, दो लापता

घटना झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले के गुलीकेरा गांव की है. आरोप है कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने इस घटना को अंजाम दिया है.

घटना झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले के गुलीकेरा गांव की है. आरोप है कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने इस घटना को अंजाम दिया है.

Chaibasa

रांची: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) के एक गांव में कथित तौर पर पत्थलगड़ी आंदोलन का विरोध करने वाले सात ग्रामीणों की हत्या कर दी गई. ये लोग पिछले तीन दिनों से लापता थे. पुलिस ने शवों को बरामद कर लिया है. आरोप है कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने इन लोगों की हत्या की है.

प्रभात खबर के मुताबिक पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सल प्रभावित गुदड़ी प्रखंड के गुलीकेरा गांव में कथित तौर पर पत्थलगड़ी का विरोध करने वाले एक पंचायत प्रतिनिधि समेत सात ग्रामीणों की लाठी, डंडों और टांगी से हमला कर हत्या कर दी गई, जबकि दो ग्रामीण अभी भी लापता हैं.

घटनास्थल सोनुवा थाना से करीब 35 किलोमीटर दूर है, जो घने जंगल के बीच और नक्सल प्रभावित क्षेत्र है.

झारखंड पुलिस महानिरीक्षक एवं राज्य पुलिस प्रवक्ता साकेत कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि लापता बताए जा रहे नौ ग्रामीणों में से सात के शव बरामद कर लिए गए हैं. अन्य दो का पता नहीं चल सका है.

सिंह ने बताया कि पुलिस को बीते मंगलवार को वारदात की सूचना मिली. इसके आधार पर पुलिस दल मंगलवार देर रात मौके पर पहुंचा. बुधवार को गांव से चार किलोमीटर दूर जंगल से पंचायत प्रतिनिधि समेत सात ग्रामीणों के शव बरामद किए गए.

सिंह ने बताया, ‘ग्रामीणों की हत्या लाठी, डंडे और टांगी-फरसे से नृशंस तरीके से की गई है. कई लोगों के शव पहचाने जाने लायक ही नहीं हैं.’

कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने गांववालों के साथ बीते रविवार (19 जनवरी) को बैठक आयोजित की थी, जिसमें कथित पत्थलगड़ी समर्थकों ने कथित तौर पर पत्थलगड़ी का विरोध करने पर गांव के एक उप-मुखिया सह पंचायत प्रतिनिधि जेम्स बूढ़ और अन्य छह ग्रामीणों की लाठी डंडों से जमकर पिटाई की.

ग्रामीण वहां से डरकर भाग गए. उसके बाद कथित तौर पर पत्थलगड़ी समर्थक नौ लोगों को उठाकर जंगल ले गए.

जब रविवार को लापता ग्रामीण अपने गांव नहीं लौटे तो उनके परिजनों ने सोमवार को गुदड़ी थाने में घटना की शिकायत की. इसी बीच पुलिस को जंगल से कुछ राहगीरों द्वारा मंगलवार की शाम सात लोगों की हत्या की सूचना मिली.

दैनिक जागरण के मुताबिक एडीजी मुरारी लाल मीणा ने बताया कि यह घोर नक्‍सल प्रभावित इलाका है. हालांकि उन्होंने हत्या के पीछे नक्सली घटना से साफ इनकार किया है. एडीजी ने बताया कि गुलीकेरा गांव से तीन किलोमीटर दूर मारे गए लोगों के शव बरामद किए गए.

शव बरामद करने के बाद मामले की तहकीकात शुरू हो गई है. डीआईजी, डीसी और एसपी भारी फोर्स के साथ गांव में मौजूद हैं.

पिछले 10-12 दिनों से गुलीकेरा गांव में कथित पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा गांव में घूम-घूम कर कुछ दस्तावेज जमा करने का काम चल रहा था. रिपोर्ट के अनुसार, बीते 17 जनवरी को पत्थलगड़ी विरोधियों का पत्थलगड़ी समर्थकों के साथ मारपीट की घटना हुई थी. इस घटना में कई पत्थलगड़ी समर्थकों को चोटें आई थीं.

रविवार को पत्थलगड़ी समर्थक और पत्थलगड़ी विरोधियों के बीच फिर से हिंसक झड़प हुई.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पश्चिमी सिंहभूम में सात लोगों की हत्या पर दुख जताया है. उनके अनुसार, झारखंड पुलिस मामले की जांच कर रही है और तलाशी अभियान जारी है. उन्‍होंने कहा है कि दिल्ली से लौटने के बाद अधिकारियों के साथ बैठकर घटना की समीक्षा करेंगे.

बता दें कि 29 दिसंबर 2019 को झारखंड सरकार ने अपने पहले कैबिनेट मीटिंग में 2017-2018 में पत्थलगड़ी आंदोलन के दौरान लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामलों को बंद करने का निर्णय लिया था.

पत्थलगड़ी आंदोलन 2017-18 में शुरू हुआ था. इसमें जिले के बाहर के गांवों में विशाल पत्थर की पट्टियां लगाई गईं और ग्राम सभा को एकमात्र संप्रभु अधिकार घोषित किया गया यानी कि ग्राम सभा को सर्वशक्तिशाली होने का ऐलान किया गया.

आंदोलन की शुरुआत होने के बाद कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि उन्हें ‘पुलिस क्रूरता या राज्य के दमन’ का सामना करना पड़ा. 172 लोगों के खिलाफ अन्य मामलों के साथ राजद्रोह के कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से पुलिस ने 96 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी.