चीन में कोरोना वायरस से 17 लोगों की मौत, भारत ने कहा- कोई मामला सामने नहीं आया

चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस से जुड़े सबसे ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं. विषाणु के फैलने के डर से चीन ने वुहान और हुआंगगैंग शहरों को बंद किया. चीन के अलावा अमेरिका, मकाउ, उत्तर कोरिया, जापान और थाईलैंड में संक्रमण के मामले सामने आए हैं.

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A woman wearing a mask walks past a quarantine notice about the outbreak of coronavirus in Wuhan, China at an arrival hall of Haneda airport in Tokyo, Japan, January 20, 2020. REUTERS/Kim Kyung-Hoon

चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस से जुड़े सबसे ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं. विषाणु के फैलने के डर से चीन ने वुहान और हुआंगगैंग शहरों को बंद किया. चीन के अलावा अमेरिका, मकाउ, उत्तर कोरिया, जापान और थाईलैंड में संक्रमण के मामले सामने आए हैं.

A woman wearing a mask walks past a quarantine notice about the outbreak of coronavirus in Wuhan, China at an arrival hall of Haneda airport in Tokyo, Japan, January 20, 2020. REUTERS/Kim Kyung-Hoon
जापान के टोक्यो में हानेडा एयरपोर्ट पर चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का संक्रमण होने से संबंधित एक नोटिस. (फोटो: रॉयटर्स)

बीजिंग/वुहान/नई दिल्ली: चीन में सार्स जैसे नए वायरस की चपेट में आने से अब तक 17 लोगों की मौत हो गई है और देश में इसके करीब 571 मामले सामने आ चुके हैं.

चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में कोरोना वायरस से जुड़े सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. 1.15 करोड़ की आबादी वाला वुहान एक प्रमुख परिवहन केंद्र है. खूबसूरत पार्कों और झीलों के लिए मशहूर यह शहर रातोंरात संकट से घिर गया है.

इसके संक्रमण के कारण बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं.

इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है, लेकिन ‘सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (सार्स) से इसका जुड़ाव खतरनाक है, क्योंकि 2002-03 में चीन और हांगकांग में इसके प्रकोप से करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी.

इसके कहर को देखते हुए चीन के वुहान में विमान सेवाओं सहित सभी सार्वजनिक परिवहन सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा विएना में बुधवार को हुई आपातकालीन बैठक गुरुवार को भी होगी.

इसमें इस संक्रमण को अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली जन स्वास्थ्य आपदा घोषित करने पर विचार किया जा रहा है, जैसा कि स्वाइन फ्लू और इबोला के समय किया था.

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम गेबेरियस ने कहा कि चीन इसे रोकने के लिए बेहद बड़े कदम उठा रहा है ताकि इस वायरस को दुनियाभर में फैलने से रोका जा सके.

चीन के वुहान में सभी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर रोक लगाने की घोषणा करने के बाद उनका यह बयान आया है.

चीनी नव वर्ष की वार्षिक छुट्टियों (जो 24 जनवरी से शुरू हो रही हैं) के लिए बड़ी संख्या में लोगों के चीन पहुंचने का अनुमान हैं. ज्यादातर लोग यहां से होकर अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे.

शहर के अधिकारियों के अनुसार, कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के मद्देनजर वुहान में 23 जनवरी सुबह 10 बजे से ट्रेन स्टेशनों तथा हवाई अड्डों से यात्रा और बस तथा सबवे सेवाओं को निलंबित कर दिया है.

स्थानीय लोगों से भी मास्क पहनने को कहा गया है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयुक्त उप मंत्री ली बिन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘इस विषाणु को वुहान से बाहर न जाने देने के लिए हमें दृढ़ता एवं मजबूती से काम करना होगा. हम वुहान शहर और हुबेई प्रांत से इसे नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग करते हैं.’

ली बिन ने कहा, ‘वुहान नहीं जाइए. और जो वुहान में हैं, कृपया शहर छोड़कर न जाएं.’ उन्होंने बताया कोरोना वायरस श्वसन तंत्र के जरिए फैलता है और इससे वायरल म्यूटेशन होने तथा रोग के और फैलने की आंशका बनी है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि वुहान से आने-जाने वाले लोगों पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने ज्यादातर भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोगों की स्क्रीनिंग करने समेत निगरानी के उपाय शुरू कर दिए हैं.

Beijing: Travelers sit in waiting room at the Beijing Railway Station in Beijing, Friday, Jan. 17, 2020. As the Lunar New Year approached, Chinese travelers flocked to train stations and airports Friday to take part in a nationwide ritual: the world's biggest annual human migration. AP/PTI(AP1_17_2020_000034B)
बीजिंग रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में बैठे यात्री. (फोटो: रॉयटर्स)

चीन के स्वास्थ्य आयोग ने गुरुवार सुबह बताया कि अभी कोरोना वायरस के 571 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और चीन में अभी तक इससे करीब 17 लोगों की जान गई है. इनमें अधिकतर मामले वुहान और उसके आसपास के इलाके के हैं.

आयोग ने बताया कि शंघाई में इसके सात नए मामले सामने आए हैं.

विषाणु के फैलने के डर से चीन ने दो शहरों को बंद किया

चीन ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित अपने दो शहरों को बृहस्पतिवार को बंद कर दिया और इन शहरों में विमानों एवं ट्रेनों की आवाजाही रोक दी. इन दो शहरों में तकरीबन दो करोड़ लोग रहते हैं.

वुहान में सीफूड और पशु बाजार से फैले श्वसन संबंधी इस विषाणु के संक्रमण से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और देश भर में सैकड़ों लोग इससे संक्रमित हैं. अमेरिका समेत कई देशों में भी इसके संक्रमण की पुष्टि हुई है.

मध्य हुबेई प्रांत के प्रमुख बंदरगाह शहर वुहान में सड़कें और दुकानें बंद हैं. अधिकारियों ने लोगों को अकारण घरों से नहीं निकलने की सलाह दी है. वुहान में ट्रेन एवं उड़ान सेवाएं अनिश्चित काल के लिए निलंबित हैं. शहर के बाहर टोलवेज बंद हैं जिससे लोगों में दहशत का माहौल है. 1.1 करोड़ की आबादी वाले शहर में बिल्कुल सन्नाटा पसरा है.

इसके कुछ घंटे बाद पड़ोसी हुआंगगैंग में भी अधिकारियों ने सार्वजनिक वाहनों एवं ट्रेन सेवाओं के मध्यरात्रि तक बंद रहने की घोषणा की और 75 लाख की आबादी वाले शहर के निवासियों को घरों से नहीं निकलने की सलाह दी.

हुआंगगैंग में सभी सिनेमा, इंटरनेट कैफे और सेंट्रल मार्केट बंद हैं. तकरीबन 11 लाख की आबादी वाले एक और शहर एझाऊ में भी रेलवे स्टेशन को दिन के शुरुआती घंटों में अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था.

वुहान शहर में रह रहे भारतीय छात्र सतर्क

इस बीच वुहान शहर में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र हालात पर नजर रखे हुए हैं, जहां स्थानीय अधिकारियों ने बुधवार को लोगों से शहर में और शहर के बाहर यात्रा नहीं करने को कहा है. यहां करीब 700 भारतीय रहते हैं जिनमें अधिकतर छात्र हैं.

इनमें से 500 से अधिक भारतीय छात्र चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं अन्य पीएचडी और भाषा संबंधी पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं.

भारत पहले ही चीन की यात्रा पर जाने वाले लोगों को चेतावनी जारी कर चुका है. छात्रों को शहर छोड़ने के बारे में फैसला करने के लिए भारतीय दूतावास के संदेश का इंतजार है.

22 जनवरी तक 12,828 यात्रियों में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच हुई: भारत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि नए तरह के कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका के मद्देनजर 22 जनवरी तक 60 विमानों के कुल 12,828 यात्रियों की जांच की गई, हालांकि किसी भी यात्री में इस विषाणु की पुष्टि नहीं हुई.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन उभरते परिदृश्य और तैयारी की स्थिति की समीक्षा कर रही हैं.

आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों को बेहद गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अलग-थलग रखने एवं उनका वेंटिलेटर प्रबंधन करने, कमियों की पहचान करने और निगरानी एवं प्रयोगशाला सहयोग के क्षेत्र में मूलभूत क्षमता को मजबूत करने के संदर्भ में अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा करने का निर्देश दिया.

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोचिन में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर जांच की गई.

इस बीच सऊदी अरब में काम करने वाली केरल की एक नर्स में नये कोरोना वायरस की पुष्टि की खबर के बीच मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से यह मामला खाड़ी देशों के सामने उठाने की अपील की और विशेषज्ञ उपचार सुनिश्चित करने की मांग की.

केरल में स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने कहा कि राज्य से नर्सों के इस विषाणु से संक्रमित होने के बारे में कोई सूचना नहीं है.

नागर विमानन मंत्रालय ने एयरलाइनों को चीन से आने वाली और भारत में उतरने वाली उड़ानों पर किसी के भी बीमार होने की सूचना मिलने की स्थिति में उसके प्रबंधन एवं अधिसूचना के लिए अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) के दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है.

मंत्रालय ने भारत आने वाले विमानों के लिए विमान के अंदर घोषणा करने का निर्देश दिया. इस संबंध में 17 जनवरी को यात्रा परामर्श जारी किया गया था और व्यापक प्रसार के लिए इसे मंत्रालय की वेबसाइट एवं ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट किया गया है.

बयान के अनुसार, ‘बंदरगाह एवं हवाईअड्डा स्वास्थ्य संगठनों को जांच को लेकर संवेदनशील रहने का निर्देश दिया गया है और इस संबंध में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोचिन के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर जांच शुरू कर दी गई है.’

स्वास्थ्य सचिव ने बुधवार को बताया था, ‘ताइवान समेत 14 प्रांतों और नगर निकायों में मामले दर्ज किए गए हैं.’ उन्होंने कहा कि चीन से आने वाले यात्रियों की हवाई अड्डों पर स्वास्थ्य जांच की जा रही है. साथ ही पिछले कुछ समय में चीन से भारत आने वालों से भी करोना वायरस के संक्रमण के शुरुआती लक्षण पाए जाने पर तत्काल निकटम स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच कराने का अनुरोध किया जा रहा है.

सूदन ने कहा कि चीन में नववर्ष की छुट्टियों के मद्देनजर वहां अध्ययनरत या काम करने वालों से भारत आने पर विधिवत चिकित्सा जांच का अनुरोध किया जा रहा है.

इस बीच मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय से भी 31 दिसंबर के बाद भारत के वीजा के लिए आवेदन करने वालों का भी ब्योरा साझा करने को कहा है जिससे भारत आने वाले ऐसे लोगों को इस बारे में समुचित जानकारियों से अवगत कराया जा सके.

मंत्रालय ने पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की प्रयोगशालाओं को संक्रमण की जांच के पुख्ता इंतजाम करते हुए आपसी सामंजस्य कायम करने को कहा है. साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों को भी इस दिशा में माकूल तैयारियां कर स्थिति की समीक्षा करने को कहा है.

अमेरिका, मकाउ, उत्तर कोरिया, जापान और थाईलैंड में मामले सामने आए

भारत इस मामले में पहले ही यात्रा परामर्श जारी कर चुका है. चीन के अलावा अमेरिका और मकाउ ने इस विषाणु के पहले मामलों की पुष्टि कर दी है. उत्तर कोरिया, जापान में एक-एक और थाईलैंड में इसके तीन मामले पहले ही सामने आ चुके हैं.

Medical staff carry a box as they walk at the Jinyintan hospital, where the patients with pneumonia caused by the new strain of coronavirus are being treated, in Wuhan, Hubei province, China January 10, 2020. Picture taken January 10, 2020. REUTERS/Stringer CHINA OUT
वुहान के जिनयिनतान अस्पताल. वाहन में कोरोना वायरस के संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. (फोटो: रॉयटर्स)

अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को अमेरिका में एक व्यक्ति के इसकी चेपट में आने की पुष्टि की. साथ ही वहां हवाई अड्डे पर स्वास्थ्य संबंधी जांच तेज कर दी गई है.

सीएटल के 30 साल के एक पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और तमाम तरीके के एहतियात बरते जा रहे हैं. यह पीड़ित व्यक्ति चीन के वुहान से लौटा था, जहां इस विषाणु के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं.

वहीं मकाउ ने बुधवार को 52 साल की एक महिला उद्योगपति को इस विषाणु से पीड़ित होने की पुष्टि की, जो पिछले 19 जनवरी को वुहान से लौटी हैं.

मकाउ के स्वास्थ्य ब्यूरो के प्रमुख ली चिन-लोन ने कहा, ‘कई स्वास्थ्य जांच कराने के बाद उनके निमोनिया के नए प्रकार के प्रकोप में आने की पुष्टि हुई है.’

इस बीच उत्तर कोरिया ने इस नए प्रकार के विषाणु से खुद को बचाने के लिए विदेशी पर्यटकों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है.

चीन स्थित यंग पायनियर टूर्स ने बताया कि उत्तर कोरिया कोरोना वायरस से बचने के लिए बुधवार को सभी विदेशी पर्यटकों पर अपने देश में आने पर प्रतिबंध लगा रहा है. उसने कहा कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी अभी नहीं दी गई है.

वहीं ‘बीबीसी’ की खबर के अनुसार, इस बीमारी को लेकर डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को आपातकालीन बैठक बुलाई है जिसमें इसे अंतरराष्ट्रीय जन स्वास्थ्य आपदा घोषित करने पर विचार होगा- जैसा उसने स्वाइन फ्लू और इबोला के समय किया था.

ताइवान की चीन से मांग, नए विषाणु की सभी जानकारी सार्वजनिक करे

ताइपे: ताइवान की राष्ट्रपति त्सई इंग-वेन ने बुधवार को चीन से अपील की है कि वह हाल में फैले नए विषाणु की जानकारी सार्वजनिक करे और इसको फैलने से रोकने के लिए ताइवान के साथ मिलकर काम करे. उन्होंने डब्ल्यूएचओ से भी ताइवान को अपनी बैठकों में शामिल होने की अनुमति देने की मांग की.

चीन के दबाव के चलते ताइवान विश्व स्वास्थ्य संगठन का सदस्य नहीं है, इसलिए उसे किसी भी बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं है. हालांकि, बड़ी संख्या में ताइवानी चीन में रहते हैं या वहां की यात्रा करते हैं जहां पर यह विषाणु फैला है.

चीन के प्रतिबंधों के बावजूद ताइवान रोग निंयत्रण केंद्र ने इस महीने के शुरू में कहा था कि चीनी समकक्ष ने 15 जनवरी को विषाणु फैलने की जानकारी दी. और उसने बीमारी को बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने दो विशेषज्ञों को वुहान के स्वास्थ्य केंद्रों के दौरे पर भी भेजा था.

त्सई ने पत्रकारों से कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सदस्य होने के नाते मैं चीन से अपील करती हूं कि उसे विषाणु के फैलने पर पारदर्शिता बरतने की अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए और ताइवान के साथ सटीक सूचना साझा करे.’

उन्होंने कहा कि पूर्व में अज्ञात करोना वाइरस के एक मामले की पुष्टि ताइवान में हुई है. मकाउ, दक्षिण कोरिया, जापान, थाईलैंड और अमेरिका में भी मामले सामने आए हैं. ताइवानी मरीज कारोबारी है और हाल में वुहान से लौटा है और अब उसकी सेहत में सुधार हो रहा है.’

त्सई ने कहा, ‘सूचना साझा करना चीनी आबादी और बीजिंग के लिए भी महत्वपूर्ण है और अपने लोगों की रक्षा के लिए राजनीतिक चिंताओं को ऊपर नहीं रखना चाहिए.’

उल्लेखनीय है कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और उसका कहना है कि अधिकतर अंतरराष्ट्रीय निकायों में वह प्रतिनिधित्व के योग्य नहीं है.

इस पर त्सई ने कहा, ‘मैं दोहराना चाहती हूं कि ताइवान अंतरराष्ट्रीय समाज का हिस्सा है. यहां की 2.3 करोड़ आबादी दुनिया के किसी अन्य हिस्से में रह रहे लोगों की तरह ही है जो स्वस्थ्य खतरे का सामना कर रही है.’

त्सई ने डब्ल्यूएचओ से भी अपने देश को इस संकट से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदम में शामिल करने की मांग की.

उन्होंने कहा, ‘मैं डल्ब्यूएचओ से दोबारा आह्वान करती हूं कि राजनीतिक कारणों से ताइवान को अलग न रखे. ताइवान वैश्विक संक्रमण बीमारी की रोकथाम में अग्रिम पंक्ति पर है. ताइवान की सहभागिता के लिए डब्ल्यूएचओ में स्थान है.’

Passengers wearing masks are seen at Shanghai railway station in Shanghai, China January 21, 2020. REUTERS/Aly Song
कोरोना वायरस के मद्देनजर चीन के शंघाई रेलवे स्टेशन के बाहर मास्क पहने यात्री. (फोटो: रॉयटर्स)

उधर, बीजिंग में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि ताइवानी विशेषज्ञों ने 13 -14 जनवरी को वुहान का दौरा किया था और चीनी विशेषज्ञों से बातचीत की थी.

उन्होंने कहा, ‘ताइवान के अपने हमवतनों के स्वास्थ्य की जितनी चिंता चीनी सरकार को है, उतनी किसी को नहीं है.’ उन्होंने बुधवार को अपने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही.

कोरोना वायरस के मनुष्यों तक सांपों या चमगादड़ों से फैलने की आशंका

चीन में कहर बरपा रहा नए तरह के कोरोना वायरस के सांपों के जरिये मनुष्यों तक फैलने की संभावना है. एक नए अध्ययन में यह कहा गया है जिससे भविष्य में जानलेवा बीमारियों के प्रकोप के खिलाफ रक्षात्मक रणनीतियां बनाने में मदद मिल सकती है.

चीन में पेकिंग यूनिवर्सिटी हेल्थ साइंस सेंटर की वेइ जी. समेत शोधकर्ताओं के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित हुए मरीज थोक बाजार में वन्यजीवों के संपर्क में आए होंगे जहां सीफूड, मुर्गियां, सांप, चमगादड़ और पालतू मवेशी बिकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वायरस को 2019-एनकोवी नाम दिया है.

यह अध्ययन पत्रिका मेडिकल वाइरोलॉजी में प्रकाशित हुआ है. इस अध्ययन में वायरस से हाल ही में फैले निमोनिया की उत्पत्ति के बारे में जानकारी दी गई है. यह वायरस चीन के वुहान शहर में दिसंबर 2019 में फैलना शुरू हुआ और अब हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड तथा जापान तक फैल गया है.

2019-एनकोवी का विस्तृत आनुवांशिक विश्लेषण करके और इसकी विभिन्न भौगोलिक स्थानों के अलग-अलग कोरोना वायरस से तुलना करके अध्ययन में यह पाया गया कि यह नया वायरस चमगादड़ों में कोवी के मेल से पैदा हुआ है और अन्य की उत्पत्ति अज्ञात है.

शोधकर्ताओं ने और विश्लेषण करने पर पाया कि 2019-एनकोवी के मनुष्यों तक फैलने से पहले सांपों में रहने की संभावना है.

शोधकर्ताओं ने कहा, ‘हमारे शोध में पता चला कि 2019-एनकोवी के लिए सबसे संभावित वन्यजीव सांप है.’

यह नया वायरस उस वायरस के जैसा है जिसने 2003 में सार्स (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) फैलाया था. सार्स नाम के इस वायरस ने 8,422 लोगों को अपनी चपेट में लिया था और इससे 900 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. इनमें से अधिकांश लोग चीन, हांगकांग और ताइवान में मारे गए थे.

वायरस के एक अन्य आनुवांशिक विश्लेषण में पाया गया कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चमगादड़ या सांपों से होने की संभावना है. बीजिंग के चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा प्रायोजित यह अध्ययन पत्रिका साइंस चाइना लाइफ साइंस में प्रकाशित हुआ है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)