गणतंत्र दिवस में बीटिंग रिट्रीट समारोह का हिस्सा बनी रहेगी ईसाई प्रार्थना ‘एबाइड विद मी’

सेना ने बीटिंग रिट्रीट के लिए आधिकारिक धुनों की जो पुस्तिका निकाली है, उसमें ईसाई प्रार्थना ‘एबाइड विद मी’ शामिल है. बैंड द्वारा बजायी जाने वाली धुनों में ‘वंदे मातरम’ भी शामिल है.

(फोटो: रॉयटर्स)

सेना ने बीटिंग रिट्रीट के लिए आधिकारिक धुनों की जो पुस्तिका निकाली है, उसमें ईसाई प्रार्थना ‘एबाइड विद मी’ शामिल है. बैंड द्वारा बजायी जाने वाली धुनों में ‘वंदे मातरम’ भी शामिल है.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: बीटिंग द रिट्रीट समारोह में महात्मा गांधी के प्रिय भजनों में से एक ईसाई प्रार्थना ‘एबाइड विद मी’ को लेकर चल रही अटकलों के बीच अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह गीत बीटिंग रिट्रीट का हिस्सा बना रहेगा. इसकी धुन को परंपरागत तौर मिलिट्री बैंड द्वारा बजाया जाता है.

बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन हर साल 29 जनवरी को विजय चौक पर किया जाता है. यह आयोजन गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का प्रतीक होता है, जब रायसीना हिल पर सूरज अस्त होता है तब राजपथ पर मिलिट्री बैंड द्वारा इसका प्रदर्शन किया जाता है.

इस गीत ‘एबाइड विद मी’ को 19वीं शताब्दी में स्कॉटलैंड के एंग्लिकन हेनरी फ्रांसिस लाइट ने लिखा था और पिछले साल के कार्यक्रम में यह एक मात्र पश्चिमी धुन था. यह धुन साल 1950 से लगातार बीटिंग द रिट्रीट का हिस्सा है.

बीच में ऐसी खबरें आई थीं कि ‘एबाइड विद मी’ को इस साल वंदे मातरम से बदल दिया जाएगा.

बृहस्पतिवार को सूत्र ने कहा, ‘पहले बैंड को इस गीत ‘एबाइड विद मी’ का अभ्यास बंद कर देने को कहा गया था लेकिन पिछले दो-तीन दिनों से इसका अभ्यास करने का निर्देश दिया गया. यह समारोह का अंतिम भजन होगा जैसा कि पारंपरिक तौर पर होता आया है.’

बृहस्पतिवार को सेना ने बीटिंग रिट्रीट के लिए जो आधिकारिक धुनों की पुस्तिका निकाली है, उसमें भी यह धुन शामिल है. बैंड द्वारा बजाए जाने वाले धुनों में ‘वंदे मातरम’ भी शामिल है. वंदे मातरम ‘एबाइड विद मी’ के ठीक पहले बजाया जाएगा.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)