निर्भया मामला: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दया याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ दोषी की अपील

राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर सोच-समझ कर फैसला न करने के निर्भया गैंगरेप-हत्या मामले के दोषी मुकेश के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दया याचिका का शीघ्र निपटारा किए जाने का यह मतलब नहीं है कि राष्ट्रपति ने सोच-समझकर फैसला नहीं किया.

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निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले के दोषी अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा, मुकेश सिंह और पवन गुप्ता (बाएं से दाएं). (फोटो: पीटीआई)

राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर सोच-समझ कर फैसला न करने के निर्भया गैंगरेप-हत्या मामले के एक दोषी मुकेश के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दया याचिका का शीघ्र निपटारा किए जाने का यह मतलब नहीं है कि राष्ट्रपति ने सोच-समझकर फैसला नहीं किया.

निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले के दोषी अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा, मुकेश सिंह और पवन गुप्ता (बाएं से दाएं). (फोटो: पीटीआई)
निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले के दोषी अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा, मुकेश सिंह और पवन गुप्ता (बाएं से दाएं). (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के निर्भया गैंगरेप-हत्या मामले के दोषी मुकेश कुमार सिंह की याचिका खारिज कर दी, जिसने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा उसकी दया याचिका की अस्वीकृति को चुनौती दी थी.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दया याचिका को खारिज किए जाने को चुनौती देने का कोई आधार नहीं है. पीठ ने कहा कि दोषियों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट ने विचार किया था और गृह मंत्रालय ने उन्हें राष्ट्रपति के समक्ष रखा था.

1 फरवरी को मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी दी जानी तय है.

राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर सोच-समझ कर फैसला न करने के मुकेश के आरोप पर अदालत ने कहा कि दया याचिका का शीघ्र निपटारा किए जाने का यह मतलब नहीं है कि राष्ट्रपति ने सोच-समझकर फैसला नहीं किया.

मुकेश के वकील ने यह भी आरोप लगाया था कि जेल में उसके साथ यौन दुर्व्यवहार और अत्याचार किया गया था और सभी तथ्यों को राष्ट्रपति के सामने नहीं रखा गया था. वकीलों ने यह भी कहा कि दया याचिका खारिज होने से पहले ही उन्हें एकांत कारावास भेज दिया गया था, जो मानदंडों का उल्लंघन था.

इन आरोपों को भी को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि कथित यातना दया याचिका के लिए आधार नहीं हो सकती है और सभी दस्तावेज राष्ट्रपति के सामने रखे गए थे.

वहीं एक अन्य दोषी अक्षय कुमार ने एक उपचारात्मक याचिका के साथ आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अब तक इस मामले के दो दोषियों- विनय और मुकेश द्वारा दायर की गई उपचारात्मक याचिकाओं को शीर्ष अदालत ने पहले ही खारिज कर दिया है.

बता दें कि, निर्भया के साथ 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में दक्षिण दिल्ली में चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार किया और इसके बाद उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था. निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)