प्रशांत किशोर और पवन वर्मा जदयू से निष्कासित, दोनों ने नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया

प्रशांत किशोर और पवन वर्मा ​पिछले कुछ दिनों से नागरिकता संशोधन क़ानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर पार्टी अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन के कारण उनकी आलोचना कर रहे थे.

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प्रशांत किशोर, नीतीश कुमार और पवन वर्मा. (फोटो: पीटीआई/फेसबुक)

प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पिछले कुछ दिनों से नागरिकता संशोधन क़ानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर पार्टी अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन के कारण उनकी आलोचना कर रहे थे.

प्रशांत किशोर, नीतीश कुमार और पवन वर्मा. (फोटो: पीटीआई/फेसबुक)
प्रशांत किशोर, नीतीश कुमार और पवन वर्मा. (फोटो: पीटीआई/फेसबुक)

नई दिल्ली: जदयू ने बुधवार को अपने उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और महासचिव पवन वर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया और कहा कि हाल के दिनों में उनके आचरण ने यह स्पष्ट किया है कि वे पार्टी के अनुशासन का पालन नहीं करना चाहते हैं.

दोनों नेता नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को पार्टी अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन के कारण उनकी आलोचना करते रहे हैं. दोनों पिछले कुछ दिनों ने सीएए को लेकर जदयू के गठबंधन सहयोगी भाजपा पर भी लगातार निशाना साध रहे थे.

जदयू के मुख्य महासचिव केसी त्यागी द्वारा जारी बयान के अनुसार दोनों नेताओं का आचरण पार्टी के फैसलों के साथ-साथ उसकी कार्यपद्धति के खिलाफ था, जो अनुशासन का उल्लंघन है.

पार्टी ने किशोर पर बिहार के मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया. जदयू ने कहा कि यह जरूरी है कि किशोर को पार्टी से बाहर कर दिया जाए ताकि वह और निचले स्तर पर न गिरें.

बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने मंगलवार को किशोर के आलोचनात्मक बयान की निंदा की थी और कहा था कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री एवं पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कहने पर उन्हें पार्टी में शामिल किया था. किशोर ने इस पर गुस्से में प्रतिक्रिया दी और नीतीश कुमार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया.

नीतीश कुमार के इस बयान पर प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा था, ‘जदयू में मुझे कैसे और क्यों शामिल किया इसके लिए आप (नीतीश कुमार) कितना झूठ बोलगे? मुझे अपने जैसा बनाने की यह आपकी कमजोर कोशिश है.’

उन्होंने आगे कहा था, ‘और अगर आप सच बोल रहे हैं तो कौन यह भरोसा करेगा कि अभी भी आपमें इतनी हिम्मत है कि अमित शाह द्वारा भेजे गए आदमी की बात न सुनें?’

इस ट्वीट में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और अमित शाह को टैग भी किया था.

केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह द्वारा शाहीन बाग को लेकर दिए बयान पर प्रशांत किशोर ने कहा था, ‘आठ फ़रवरी को दिल्ली में ईवीएम का बटन तो प्यार से ही दबेगा. ज़ोर का झटका धीरे से लगना चाहिए ताकि आपसी भाईचारा और सौहार्द ख़तरे में ना पड़े.’

अमित शाह ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि बटन इतने गुस्से से दबाना कि करंट शाहीन बाग में लगे.

इसके अलावा प्रशांत किशोर लगातार सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध कर रहे हैं. सीएए का विरोध करने के लिए उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का धन्यवाद भी किया था.

निष्कासन के बाद दोनों ने नीतीश को मुख्यमंत्री पद पर बरक़रार रहने की शुभकामना दी

जदयू से अपने निष्कासन के तुरंत बाद प्रशांत किशोर ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रहने को लेकर अपनी शुभकामनाएं दीं.

जदयू से निष्कासन के तुरंत बाद किशोर ने कहा, ‘शुक्रिया नीतीश कुमार. मेरी शुभकामना है कि आप बिहार के मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रहें. भगवान आपका भला करे.’

पवन वर्मा ने भी नीतीश कुमार का शुक्रिया अदा किया है.

एक ट्वीट में पवन वर्मा ने कहा, ‘आपका और आपकी नीतियों का बचाव करने की असमर्थनीय स्थिति से मुक्त करने का शुक्रिया नीतीश कुमार जी. मैं आपको किसी भी कीमत पर बिहार का सीएम बनने की आपकी महत्वाकांक्षा के लिए शुभकामना देता हूं.’

पवन वर्मा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जदयू-भाजपा गठबंधन पर सवाल उठाने के साथ पार्टी छोड़ने की धमकी दी थी. उनके बयानों पर हैरानी जताते हुए जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि वे अपनी पसंद की पार्टी चुन सकते हैं. इतना ही जदयू द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने पर भी वर्मा ने नीतीश की आलोचना की थी और इस पर पुनर्विचार करने को कहा था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)