सुभाष बाथम नाम के व्यक्ति ने अपनी बच्ची के जन्मदिन के बहाने बच्चों को अपने घर बुलाया था और घर के नीचे बने बेसमेंट में उन्हें बंधक बनाकर रखे हुए था. आरोपी हत्या के मामले में हाल ही में ज़मानत पर बाहर आया था. बच्चों को तकरीबन नौ घंटे बाद रिहा कराया जा सका.
फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के मोहम्मदाबाद के कठरिया गांव में 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम को उत्तर प्रदेश पुलिस और एटीएस की टीम ने देर रात मार गिराया और सभी बच्चों को उसके घर से सुरक्षित निकाल लिया गया.
वहीं बाथम की पत्नी को लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला. एनडीटीवी के मुताबिक, इस मामले में कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा, ‘पुलिस के मुठभेड़ के वक्त महिला (आरोपी की पत्नी) ने भागने का प्रयास किया और जब उसके पति (आरोपी) ने गोली चलाई तो आक्रोशित गांव के लोगों ने महिला को ईंट-पत्थर से मारा पीटा गया. महिला अस्पताल भेजी गई, जो घायल थी और उसके सिर से खून निकल रहा था. अब यह पोस्टमार्टम से पता चलेगा कि उसकी मौत किन कारणों से हुई.’
#UPDATE IG Kanpur Range Mohit Agarwal: The woman has succumbed to injuries, we are waiting for post mortem report, further details on cause of death will only come out after the report. #Farrukhabad https://t.co/Qd85Hg7AtM
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 31, 2020
वहीं अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया, ‘सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और बच्चों को बंधक बनाने वाले को मार गिराया गया है.’
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को बाथम ने जन्मदिन पार्टी के लिए 20 से ज्यादा बच्चों को फर्रूखाबाद जिले के मोहम्मदाबाद इलाके के कसरिया गांव में स्थित अपने घर में बुलाया था. दोपहर बाद तीन बजे ये बच्चे उसके घर पहुंच गए थे. बाथम के पास हथियार भी था.
बच्चे जब काफी देर तक नहीं लौटे तो गांववालों को लगा कि उन्हें बंधक बना लिया गया है और उन्होंने पुलिस को फोन कर इस बात की जानकारी दे दी.
शाम पांच बजे के आसपास बाथम ने घर के अंदर से उन लोगों पर फायर किया, जो लोग उससे बात करने की कोशिश कर रहे थे. इसमें पुलिस का एक जवान और एक स्थानीय व्यक्ति घायल हो गया.
इसी दौरान एसपी और डीएम भी मौके पर पहुंच गए.
रिपोर्ट के अनुसार, घटना के सात घंटे बाद बाथम ने पुलिस अधिकारियों से बातचीत के बाद छह महीने के एक बच्ची को रिहा किया. पुलिस ने बताया कि बच्ची को बालकनी से अपने पड़ोसी को दे दिया.
शुक्रवार रात एक बजे बाथम के घर का पिछला दरवाजा तोड़कर पुलिस टीम उसके घर में घुसी और आत्मरक्षा में उस पर फायर किया.
जब बाथम की पत्नी रूबी बाथम घर से बाहर निकली तो गांववालों ने उससे मारपीट की. पुलिस ने गंभीर रूप से जख्मी बाथम की पत्नी को पास के स्वास्थ्य केंद्र ले गई, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.
पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि शुक्रवार रात 1:30 बजे बाथम की मौत हो चुकी थी. पांच से सात साल के बच्चे तकरीबन नौ घंटे तक बाथम द्वारा बंधक बनाकर रखे गए थे.
इससे पहले एडीजी कानून व्यवस्था पीवी रामाशास्त्री ने बताया कि जिस व्यक्ति ने बच्चों को बंधक बनाया था उसके बारे में जानकारी मिली है कि वह हत्या के आरोप में जेल में बंद था और हाल ही में जमानत पर बाहर आया था.
इस मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक कर उन्हें घटनास्थल पर रहने का निर्देश दिया था.
आईजी कानपुर जोन मोहित अग्रवाल ने बताया कि इस व्यक्ति ने अपनी बच्ची के जन्मदिन के बहाने बच्चों को अपने घर बुलाया था और घर के नीचे बने बेसमेंट में इन बच्चों को रखा था. उसने मकान के अंदर से छह फायर भी किए. वह स्थानीय विधायक से बात करना चाहता था, विधायक वहां गए लेकिन उसने उनसे बात नहीं की. पुलिस ने उसके एक रिश्तेदार को भी बातचीत के लिए घर के करीब भेजा लेकिन उस व्यक्ति ने रिश्तेदार पर भी गोली चला दी जिससे वह घायल हो गये.
सूत्रों के अनुसार, बंधक बनाए गए बच्चों में गंगा देवी (11) उसकी जुड़वा बहन जमुना (11), खुशी (7), मुस्कान (6), आदेश (3), आकाश (12), लक्ष्मी (7), अंजली (15), अरुण (14) , लवी (10) , सोनी (15), आरती (5), भानु (10),अक्षय (10), पारस (8), पायल (5), सोनम (10) लव (5), गौरी (5) और 6 माह की शबनम आदि शामिल थे.
कसरिया गांव में बच्चों को बंधक बनाने के आरोपी बाथम का 2001 में गांव के ही मेघनाथ से नाली के पानी निकासी को लेकर विवाद हुआ था. इसी रंजिश में उसने मेघनाथ की चाकू से उसी के घर के बाहर गला काट कर हत्या कर दी थी. हत्या के आरोप में पुलिस ने उसे जेल भेजा था.