उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी ने कहा है कि यह फेक न्यूज़ का समय है, जिससे हिंसा, दंगे और अनिश्चितता की स्थिति पैदा होती है. इस तरह की स्थितियों को चुनाव आयोग द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है.
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दिल्ली चुनाव को प्रभावित करने के लिए राजनीतिक पार्टियों द्वारा सोशल मीडिया के गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर रोक लगाने को कहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह राजनीतिक दलों के ऐसे आईटी सेल की भी तलाश कर उन्हें बंद करें, जो चुनाव आयोग के संज्ञान में नहीं हैं.
पूर्व पुलिस अधिकारी द्वारा कुछ दिन पहले चुनाव आयोग को भेजे गए इस पत्र में उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव को प्रभावित होने से रोकने के लिए सभी राजनीतिक दलों के आईटी सेल का ब्योरा प्राप्त करने को कहा है.
इसके साथ ही विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार में लगे राज्य सरकार और केंद्रीय कर्मचारियों के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के इस्तेमाल पर रोक लगाने का भी आग्रह किया गया है.
इस पत्र में कहा गया, ‘चुनाव आयोग प्रचार के पारंपरिक तरीके पर करीब से नजर रखे हुए है लेकिन राजनीतिक दलों के आईटी सेल पर थोड़ी बहुत ही नजर रखी जा रही है. ये आईटी सेल विभाजनकारी, अश्लील और विवादित सामग्री का प्रचार कर रहे हैं, जिसे वॉट्सऐप समूहों और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से सर्कुलेट किया जा रहा है. आईटी सेल पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं और इन राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों द्वारा खर्च का थोड़ा बहुत ब्योरा ही चुनाव आयोग को दिया जाता है.’
उन्होंने कहा, ‘यह फेक न्यूज का समय है, जिससे हिंसा, दंगे और अनिश्चितता की स्थिति पैदा होती है. इस तरह की स्थितियों को चुनाव आयोग द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है.’
विक्रम सिंह 2007 से 2009 के बीच उत्तर प्रदेश के डीजीपी रहे हैं और फिलहाल नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में प्रो-चांसलर हैं.