वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था वैकल्पिक होगी. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को करदाताओं को राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की.
वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कई तरह की छूट और कटौतियां नहीं मिलेगी.
नए ढांचे में विभिन्न आय वर्ग के करदाताओं के लिए दरों में कटौती की गई है और कुछ नए स्लैब बनाए हैं. नए वैकल्पिक कर ढांचे में 30 प्रतिशत की उच्चतम दर 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर लागू होती है, जबकि पहले से चल रहे ढांचे में 10 लाख रुपये से अधिक की आय 30 प्रतिशत की कर दर के तहत आती है.
अनुमान है कि नई कर दरों से सरकारी खजाने को सालाना 40 हजार करोड़ रुपये के राजस्व से वंचित होना पड़ेगा.
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था वैकल्पिक होगी. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.
Did you check out the new #IncomeTax rates announced in #Budget2020.#janjankabudget pic.twitter.com/j7LahYkbDn
— PIB India (@PIB_India) February 1, 2020
नई कर व्यवस्था के तहत 5 से 7.5 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत टैक्स की व्यवस्था की गई है. अभी 20 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान है. 7.5 से 10 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत टैक्स की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है. अभी यह 20 प्रतिशत है.
इसी तरह 10 से 12.5 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत कर की व्यवस्था की गई है, अभी इस आय पर 30 प्रतिशत कर लिया जाता है. 12.5 से 15 लाख रुपये की आय पर 25 प्रतिशत कर लिया जाएगा, जिसकी दर अभी 30 प्रतिशत है. वही. 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा.
उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव से सरकारी खजाने को सालाना 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था में छूट और कटौतियों की करीब 100 व्यवस्थाएं हैं. नई सरल कर व्यवस्था में 70 तरह की छूट और कटौतियों को हटाने का प्रस्ताव है. आगे चलकर शेष बची छूट और कटौती पर समीक्षा और जांच-पड़ताल की जाएगी.
उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि नई कर प्रणाली को अपनाने से सालाना 15 लाख रुपये की आय कमाने वाले को 78,000 रुपये की बचत होगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)