कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश हुए आम बजट को खोखला करार देते हुए शनिवार को कहा कि इसमें कुछ ठोस नहीं था और बेरोज़गारी से निपटने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है. वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बजट को मौजूदा दौर में अर्थव्यवस्था की सभी चुनौतियों का समाधान देने वाला बताया है.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश किए गए आम बजट को पूरी तरह खोखला करार देते हुए शनिवार को दावा किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर्फ लच्छेदार भाषण दिया और बजट में कुछ ठोस नहीं था. रोजगार शब्द का उल्लेख तक नहीं किया गया.
वित्त वर्ष 2020-21 के बजट को लेकर कांग्रेस के कई नेताओं ने निशाना साधा.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश हुए आम बजट को खोखला करार देते हुए शनिवार को कहा कि इसमें कुछ ठोस नहीं था और बेरोजगारी से निपटने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है.
उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘मुख्य मुद्दा बेरोजगारी है. मुझे इसमें कोई ऐसा विचार नहीं दिखा जो रोजगार पैदा करने के लिए हो.’ गांधी ने कहा कि यह इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण हो सकता है लेकिन इसमें कुछ ठोस नहीं था. इसमें पुरानी बातों को दोहराया गया है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने आरोप लगाया कि ढाई घंटे से अधिक समय तक चला बजट भाषण आम लोगों से ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रशंसा पर केंद्रित था. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जब भारत आर्थिक मंदी से घिरा है तो उस समय बजट भाषण आम नागरिक की मदद से ज्यादा प्रधानमंत्री की सराहना पर केंद्रित था.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को पेश आम बजट को लेकर दावा किया कि इससे साबित होता है कि केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की उम्मीद छोड़ चुकी है. उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट में रोजगार सृजन को लेकर कुछ नहीं कहा गया है.
चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने हाल के वर्षों का सबसे लंबा बजट भाषण देखा. यह 160 मिनट तक चला. मुझे समझ नहीं आया कि बजट 2020-21 से क्या सन्देश देने का इरादा था.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बजट में कोई यादगार विचार या बयान नहीं दिखा.’
पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया कि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, निजी निवेश को प्रोत्साहित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने की उम्मीद छोड़ चुकी है. उन्होंने कहा, ‘सरकार यह नहीं मान रही है कि अर्थव्यवस्था संकट में है. सरकार सुधार में यकीन नहीं करती.’
चिदंबरम ने सवाल किया, ‘क्या वित्त मंत्री ने आर्थिक समीक्षा नहीं पढ़ी? मुझे लगता है कि नहीं पढ़ी.’ जनता ऐसा बजट नहीं चाहती थी और इस बजट के लिए भाजपा को वोट नहीं दिया था.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने वित्त मंत्री पर तंज करते हुए कहा, ‘निर्मला जी, पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात जुमला ही निकली? बजट में रोज़गार शब्द का ज़िक्र तक नहीं ? पांच नए स्मार्ट सिटी बनाएंगे. पिछले सौ स्मार्ट सिटी का ज़िक्र तक नहीं!’
उन्होंने सवाल किया कि ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या बढ़ कैसे गई?
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘किसानों की आय दोगुना करने का वित्त मंत्री का दावा खोखला है और तथ्यात्मक वास्तविकता से परे है . कृषि विकास दर दो फीसदी हो गयी है. आय दोगुनी करने के लिए कृषि विकास दर को 11 फीसदी रहना होगा.’
उन्होंने दावा किया, ‘ निर्मला सीतारमण बजट संबंधी गणित को स्पष्ट करने में विफल रही हैं . नवंबर महीने तक जो राजस्व आया है वो बजट आकलन का सिर्फ 45 फीसदी है.’
शर्मा ने वित्त मंत्री पर तंज कसते हुए कहा, ‘लच्छेदार भाषा और ऊंची आवाज में बोलना और पुरानी बातें करने का कोई मतलब नहीं.’
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, ‘ प्रधानमंत्री को बड़ा जनादेश देकर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का मौका दिया गया, लेकिन यह बहुत कमजोर बजट है. इसमें कुछ नया नहीं है. इससे अर्थव्यवस्था को गति नहीं मिलेगी.’
दशक का पहला दिवालिया बजट: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट को दिशाहीन बताते हुये कहा है, ‘वित्त मंत्री ने इस दशक का पहला दिवालिया बजट पेश किया है.’
अखिलेश ने शनिवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद संसद भवन परिसर में बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, ‘हमें उम्मीद नहीं है कि इस बजट से किसानों के जीवन में कोई बदलाव आयेगा, गरीब के परिवार में कोई खुशहाली आयेगी. ‘
उन्होंने कहा कि बजट में नौजवानों के लिये रोजगार के नये अवसर सृजित करने के कोई प्रावधान नहीं किए गए हैं. उत्तर प्रदेश को बजट में नजरंदाज किए जाने का आरोप लगाते हुये उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश के लिये आयोजित सम्मेलन में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आये लेकिन इसके बावजूद कोई निवेश नहीं आया.
अखिलेश ने वित्त मंत्री के लंबे बजट भाषण पर तंज कसते हुये कहा कि यह लोगों को भ्रमित करने का एक तरीका था. उन्होंने कहा, ‘यह बजट इतना बड़ा इसीलिये था कि लोग समझ न पायें. लोग उलझे रहें.’
बजट में सिर्फ बेकार की बातें: माकपा
केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए माकपा ने शुक्रवार को कहा कि इसमें सिर्फ ‘बेकार’ की बातें हैं और यह लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं करता.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इसमें ‘लोगों की दिक्कतें’ दूर करने के लिए कुछ नहीं किया गया.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘सिर्फ बेकार की बातें और जुमले हैं. इसमें लोगों की दिक्कतें दूर करने, बढ़ती बेरोजगारी, गांवों में मजदूरी भुगतान संकट, परेशान किसानों की आत्महत्या करने जैसी समस्याओं का कोई ठोस समाधान नहीं है.’
सामाजिक सुरक्षा के बिना कर छूट का प्रस्ताव व्यर्थ की कवायद: तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस ने बजट में कर छूट के प्रस्ताव पर सवालिया निशान लगाते हुये कहा है कि देश में सामाजिक सुरक्षा के अभाव में कर छूट बेमानी है.
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी के प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर कहा, ‘टैक्स कट की गोली मत दो. कर छूट को बारीकी से देखें. सरकार ने ऐसे देश में जहां सामाजिक सुरक्षा नहीं है, बचत पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि हटा दी है.’
उन्होंने कहा, ‘70 प्रतिशत कर छूट वापस ले ली गई है. यह छूट पीपीएफ, एलआईसी और स्वास्थ्य बीमा आदि से पैसे की बचत पर प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलती थी.’
सभी आर्थिक चुनौतियों का समाधान देने वाला है यह बजट: स्मृति ईरानी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट को मौजूदा दौर में अर्थव्यवस्था की सभी चुनौतियों का समाधान देने वाला बताया है.
वस्त्र और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद भवन परिसर में बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘इस बजट में अर्थव्यवस्था की सभी प्रकार की चुनौतियों का समाधान देने का प्रयास किया गया है.’
उन्होंने वस्त्र उद्योग क्षेत्र एवं महिला और बाल कल्याण के लिये बजट में विशेष प्रावधान किए जाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री का आभार जताया.
ईरानी ने कहा, ‘महिला और बच्चों से संबंधित विशेष तौर पर पोषण पर वित्त मंत्री ने खास तौर ध्यान केंद्रित किया, उसके लिये मैं उनका आभार व्यक्त करती हूं. वित्त मंत्री ने सभी वर्गों का ध्यान रखने वाला दूरदर्शी बजट प्रस्तुत किया है.’’
कर में कटौती के बजट प्रस्ताव के बारे में ईरानी ने कहा, ‘बजट में मध्यम वर्गीय परिवारों को कर में राहत दी गयी है. मध्यम वर्ग के लिये इस बजट के कारण आज का दिन दीवाली के समान है.’
केंद्रीय तेल एवं पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस बजट से कृषि क्षेत्र के व्यवसायीकरण का मार्ग प्रशस्त होने का दावा करते हुये कहा, ‘कृषि की बाजार व्यवस्था खड़ी होगी, कृषि क्षेत्र में निवेश की मात्रा बढ़ेगी.’
प्रधान ने कहा कि कृषि और ग्रामीण विकास के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य पर बजट आवंटन को बढ़ाने और अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के कल्याण पर बजट राशि को बढ़ाने का सीधा असर समाज के बड़े वर्ग को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा.
केन्द्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, ‘यह बजट आम आदमी के हितों के अनुरूप है. अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के कल्याण पर बजट राशि 85 करोड़ रुपये दिया जाना स्वागतयोग्य है. साथ ही कर में कटौती का प्रस्ताव मध्यम वर्ग को राहत देगा. कुल मिलाकर यह बजट सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.’
केंद्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बजट में मध्यम वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछडे़ वर्गों सहित सभी वर्गों के लिये हितों का ध्यान रखा गया है. सिंह ने कहा, ‘बजट में किसानों को अक्षय ऊर्जा से जोड़ने की योजना का प्रावधान किया गया है. इससे अन्नदाता अब ऊर्जा दाता बन सकेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘इसके तहत किसान अब अपनी बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा संयत्र लगा कर 60 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष आय प्राप्त कर सकेंगे. इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी. साथ ही किसानों को सिंचाई के लिये सोलर पंप देने की योजना को भी व्यापक किया गया है.’
सिंह ने कहा कि इसका दोहरा लाभ होगा, पहला किसानों के सिंचाई खर्च में भारी कटौती होगी और दूसरा कृषि डीजल मुक्त हो सकेगी जिससे पर्यावरण को लाभ होगा.
मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने बजट में ‘सागर मित्र’ परियोजना को बढ़ावा देने के लिये वित्त मंत्री का आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा, ‘सागर मित्र योजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. इससे मछुआरों को आर्थिक मजबूती मिलेगी. भारत इस योजना के बलबूते मत्स्य उद्योग के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगा सकेगा.’
उन्होंने पशुधन को रोगमुक्त करने के लिये बजट में विशेष प्रावधान किए जाने के प्रस्ताव का भी स्वागत करते हुये कहा, ‘यह बजट किसानों, पशुपालकों, कारोबारियों और अन्य व्यवसायों में लगे सभी वर्गों के लिये लाभप्रद साबित होगा.’
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘यह बजट आज की मजबूत अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत करेगा. यह अर्थव्यवस्था की मजबूती पर लोगों के विश्वास को बढ़ायेगा.’ उन्होंने बजट में किसी तरह के विवादित प्रावधानों की आशंका को खारिज करते हुये कहा कि इसमें सभी वर्गों की जरूरतों और हितों को ध्यान में रखा गया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आम बजट को विकासोन्मुखी बताया.
योगी ने कहा, ‘रोजगार के व्यापक सृजन, किसान हितैषी और विकासोन्मुख बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का हृदय से अभिनंदन करता हूं, बधाई देता हूं.’
उन्होंने कहा कि यह बजट देश के बुनियादी ढांचागत विकास के साथ ही किसानों के उन्नयन, नौजवानों के रोजगार और देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
योगी ने कहा कि यह बजट देश की वर्तमान आवश्यकता के अनुरूप अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाला, प्रत्येक नागरिक की आशा और आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनेगा.
उन्होंने कहा कि एक विकासोन्मुख, अर्थव्यवस्था को सुदृढता प्रदान करने वाले, गांव गली किसान नौजवान और समाज के प्रत्येक तबके के हितों को संरक्षित करने वाले बजट के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का हृदय से अभिनंदन करता हूं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)