भाजपा की भारत में म्यांमार की तरह नरसंहार दोहराने की योजनाः इमरान खान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि म्यांमार में भी ऐसा हुआ था, वहां पहले रजिस्ट्रेशन एक्ट लाया गया और उसके बाद मुस्लिमों को इससे बाहर कर दिया था, जिसके बाद नरसंहार हुआ था. मुझे डर है कि भारत भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान. (फोटो: रॉयटर्स)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि म्यांमार में भी ऐसा हुआ था, वहां पहले रजिस्ट्रेशन एक्ट लाया गया और उसके बाद मुस्लिमों को इससे बाहर कर दिया था, जिसके बाद नरसंहार हुआ था. मुझे डर है कि भारत भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान. (फोटो: रॉयटर्स)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान. (फोटो: रॉयटर्स)

इस्लामाबादः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को चेताते हुए कहा कि भारत में भाजपा म्यांमार की तरह नरसंहार दोहराने की तैयारी कर रही है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने तुर्की के एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में कहा कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को अपडेट किए जाने के बाद भारत के नए विवादित नागरिकता संशोधित कानून से 50 करोड़ लोगों को बाहर किया जाएगा.

इमरान खान ने कहा, ‘म्यांमार में भी ऐसा हुआ था, वहां पहले रजिस्ट्रेशन एक्ट लाया गया और उसके बाद मुस्लिमों को इससे बाहर कर दिया था, जिसके बाद नरंसहार हुआ था. मुझे डर है कि भारत भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है.’

इन ताजा घटनाक्रमों के बाद भारत से शरणार्थियों के पाकिस्तान और बांग्लादेश जाने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर इमरान ने कहा, ‘भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में नागरिकता सूची से बाहर कि गए लोगों को बांग्लादेश ने पनाह देने से पहले ही मना कर दिया है. मुझे लगता है कि बांग्लादेश चिंतित है क्योंकि असम में उन्होंने 20 लाख लोगों को सूची से बाहर कर दिया है. मुझे सटीक आंकड़ा नहीं पता है लेकिन इन लोगों का क्या होगा.’

इमरान खान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की आलोचना को नकारते हुए और चीन के कर्ज की आशंकाओं को नकारते हुए कहा, ‘यह बहुत बेतुकी बात है कि पाकिस्तान, चीन के कर्ज जाल में फंसता चला जा रहा है.’

इमरान खान ने अमेरिका और ईरान के बीच हालिया तनाव को लेकर कहा कि तनाव अभी भी बना हुआ है लेकिन राजनयिक प्रयासों के जरिए क्षेत्र में युद्ध की स्थिति टल गई.