रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में बताया कि जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर 30 मई 2019 से 20 जनवरी 2020 तक संघर्ष विराम उल्लंघन की 2335 घटनाएं हुई हैं. वहीं, सियाचिन क्षेत्र में हिमपात और हिमस्खलन की वजह से साल 2019 में छह सैन्यकर्मी हताहत हुए हैं.
नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को स्वीकार किया कि रक्षा मंत्रालय में दो लाख से अधिक पद रिक्त हैं. रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद यसो नाइक ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय में 2,39,740 पद रिक्त पड़े हैं जिनमें से 3782 पद समूह क के, 34,289 पद समूह ख के और 2,01,669 अन्य पद हैं.
नाइक ने बताया कि सेना में अधिकारियों के 6867 पद तथा जीसीओ एवं ओआर के 36517 पद रिक्त हैं. उन्होंने बताया कि नौसेना में अधिकारियों के 1500 पद तथा नौसैनिकों के 15590 पद रिक्त हैं.
नाइक ने बताया कि वायु सेना में अधिकारियों के 425 पद तथा वायुसैनिक के 10425 पद रिक्त हैं. रक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि इस कमी को दूर करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं.
नियंत्रण रेखा पर बीते आठ माह में संघर्ष विराम उल्लंघन की 2335 घटनाएं
सरकार ने सोमवार को बताया कि जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर 30 मई 2019 से 20 जनवरी 2020 तक संघर्ष विराम उल्लंघन की 2335 घटनाएं हुई हैं.
रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद यसो नाइक ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि 30 मई 2019 से 20 जनवरी 2020 तक जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 2335 घटनाएं हुई हैं जिनमें आठ सैन्य कर्मी हताहत हुए हैं.
नाइक ने बताया कि जम्मू क्षेत्र में भारत- क अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 30 मई 2019 से 15 जनवरी 2020 तक सीमा पर गोलीबारी की 177 घटनाएं हुईं.
रक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि ऐसी घटनाओं से निटपने के लिए सशस्त्र बलों की जरूरत पूरा करने की खातिर पर्याप्त बजट प्रावधान किए जाते हैं.
सियाचिन में हिमपात, हिमस्खलन की वजह से साल 2019 में छह सैन्यकर्मी घायल
सरकार ने सोमवार को बताया कि सियाचिन क्षेत्र में हिमपात और हिमस्खलन की वजह से साल 2019 में छह सैन्यकर्मी हताहत हुए. रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद यसो नाइक ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि सियाचिन क्षेत्र में हिमपात और हिमस्खलन की वजह से साल 2019 में छह सैन्यकर्मी हताहत हुए. लेकिन इस वर्ष 24 जनवरी 2020 तक ऐसी कोई दुर्घटना नहीं हुई है.
नाइक ने बताया कि अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात और हिमस्खलन के कारण 2019 में सेना के 11 जवान हताहत हुए. इस तरह की घटनाओं में अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में 24 जनवरी 2020 तक सेना के छह जवान हताहत हुए हैं.
उन्होंने बताया कि हताहतों के परिजन के लिए निर्धारित लाभों का अक्तूबर 2019 तक हुई दुर्घटनाओं के लिए भुगतान किया जा चुका है.
नवंबर और दिसंबर में हुए हादसों के लिए लाभों का आंशिक भुगतान किया गया है और जनवरी 2020 में हुई इस तरह की दुर्घटनाओं के लिए भुगतान की प्रक्रिया चल रही है.
एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में नाइक ने बताया कि बुलेटप्रूफ जैकेटों की कमी के कारण किसी भी सैनिक के हताहत होने की खबर नहीं है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)