रिपब्लिकन मिट रोमनी ने पद के दुरुपयोग के मामले में ट्रम्प के खिलाफ वोट डाला लेकिन कांग्रेस की कार्रवाई बाधित करने के मामले में उन्होंने ट्रम्प को बरी करने के पक्ष में वोट दिया.
वॉशिंगटन: अमेरिकी सीनेट ने देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पद के दुरुपयोग और कांग्रेस (संसद) की कार्रवाई बाधित करने के आरोपों से बुधवार को बरी कर दिया.
ट्रम्प के खिलाफ आरोपों की कई हफ्ते तक जांच के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत वाले निम्न सदन प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रपति पर पद के दुरुपयोग और कांग्रेस की कार्रवाई बाधित करने का अभियोग दिसंबर में लगाया था.
रिपब्लिकन बहुमत वाले सीनेट में पद के दुरुपयोग के मामले में 52 सांसदों ने ट्रम्प को बरी करने के लिए और 48 ने उनके खिलाफ वोट डाला. वहीं कांग्रेस की कार्रवाई बाधित करने के आरोप से ट्रम्प को बरी करने के लिए 53 और उन्हें इस मामले में दोषी करार के लिए 47 सांसदों ने वोट किया.
रिपब्लिकन मिट रोमनी ने पद के दुरुपयोग के मामले में ट्रम्प के खिलाफ वोट डाला लेकिन कांग्रेस की कार्रवाई बाधित करने के मामले में उन्होंने ट्रम्प को बरी करने के पक्ष में वोट दिया.
ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी जो बिडेन के खिलाफ जांच कराने के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाया.
इससे पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाले कांग्रेस सदन में शक्तियों का दुरुपयोग करने के लिए ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव को 230-197 के बहुमत से पास किया था. इसके साथ ही उनके खिलाफ कांग्रेस के काम में दखलअंदाजी करने के लिए भी महाभियोग का प्रस्ताव पास किया गया था.
इसके साथ ही 73 वर्षीय ट्रंप अमेरिकी इतिहास के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पास किया गया है. दो अन्य राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और एंड्र्यू जॉनसन थे.
सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी की बहुमत है और वहीं कांग्रेस में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं का बहुमत है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)