आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी राइस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस महीने पेश किए गए बजट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि भारत की आर्थिक परिस्थितियां आईएमएफ के पहले के पूर्वानुमानों की तुलना में कमजोर हैं.
वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा है कि कर्ज के बढ़ते स्तर को देखते हुए भारत को मध्यम अवधि में राजकोषीय स्थिति सही करने की रणनीति अपनाने तथा अधिक महत्वाकांक्षी रणनीतिक एवं वित्तीय सुधारों पर अमल करने की तत्काल जरूरत है.
आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी राइस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस महीने पेश किए गए बजट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि भारत की आर्थिक परिस्थितियां आईएमएफ के पहले के पूर्वानुमानों की तुलना में कमजोर हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘बजट में विभिन्न क्षेत्रों पर किये जा रहे प्रयासों पर ध्यान दिया गया है, लेकिन कर्ज के बढ़ते स्तर को देखते हुए भारत को मध्यम अवधि में राजकोषीय स्थिति सही करने की रणनीति अपनाने तथा अधिक महत्वाकांक्षी रणनीतिक एवं वित्तीय सुधारों पर अमल करने की तत्काल जरूरत है.’
राइस ने कहा, ‘परिस्थितियां हमारे पहले के पूर्वानुमानों की तुलना में कमजोर हैं. अत: इस साल अधिक उदार राजकोषीय रुख की जरूरत है.’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि मध्यम अवधि में राजकोषीय स्थिति सही करने पर ध्यान देना होगा.’
आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर का अनुमान पिछले साल जनवरी के 7.5 फीसदी से इस साल जनवरी में घटाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है.
बता दें कि, स्विटजरलैंड के दावोस में पिछले महीने हुए विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूइएफ) की 50वीं वार्षिक बैठक के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में गिरावट के लिए भारत को 80 फीसदी जिम्मेदार बताया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)