यूपी: कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी को मिला 1 करोड़ रुपये का नोटिस, सीएए प्रदर्शन में थे शामिल

2019 लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद से कांग्रेस प्रत्याशी रहे शायर इमरान प्रतापगढ़ी को जारी नोटिस में पूछा गया है कि ईदगाह और उसके आसपास क़ानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात सुरक्षाबलों पर ख़र्च किए गए 1.04 करोड़ रुपये उनसे क्यों न वसूले जाएं.

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कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी (फोटो साभारः फेसबुक)

2019 लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद से कांग्रेस प्रत्याशी रहे शायर इमरान प्रतापगढ़ी को जारी नोटिस में पूछा गया है कि ईदगाह और उसके आसपास क़ानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात सुरक्षाबलों पर ख़र्च किए गए 1.04 करोड़ रुपये उनसे क्यों न वसूले जाएं.

कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी (फोटो साभारः फेसबुक)
कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी (फोटो साभारः फेसबुक)

मुरादाबादः उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिला प्रशासन ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने और धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में शायर और कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी को 1.04 करोड़ रुपये के जुर्माने का नोटिस भेजा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशासन ने नोटिस में प्रतिदिन 13.42 लाख रुपए के खर्चे का हिसाब लगाकर इमरान प्रतापगढ़ी को नोटिस भेजा है.

मुरादाबाद के ईदगाह में सीएए के विरोध में 29 जनवरी से प्रदर्शन चल रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं सहित लोग हिस्सा ले रहे हैं.

एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक, प्रतापगढ़ी से पूछा गया है कि ईदगाह और इसके आसपास कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों पर खर्च किए गए 1.04 करोड़ रुपये उनसे क्यों न वसूले जाएं.

एक अधिकारी के मुताबिक, इस तरह के नोटिस हिंसक प्रदर्शनों से बचने की दिशा में एक एहतियाती कदम है.

प्रतापगढ़ी ने इस नोटिस को विपक्ष की आवाज को चुप कराने के लिए भाजपा सरकार की तरकीब बताया है.

प्रतापगढ़ी पर कथित तौर पर प्रशासन ने एक निश्चित समुदाय के लोगो  को उकसाने और दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ाने का आरोप लगाया है.

यह नोटिस छह फरवरी को जारी किया गया था. नोटिस में उनसे यह भी पूछा गया है कि उन्होंने दो मुचलकों के साथ दस लाख रुपये का बॉन्ड क्यों नहीं भरा है.

प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि रैपिड एक्शन फोर्स की एक टुकड़ी, प्रोविंशियल आर्म्ड कॉन्स्टैबुलरी और पुलिसबलों सहित पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती के लिए प्रतिदिन 13.42 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. इस तरह सुरक्षाबलों पर आठ दिनों का खर्च 1.04 करोड़ रुपये हुआ.

इस नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रतापगढ़ी ने कहा, ‘मैं सात फरवरी को मुरादाबाद पहुंचा था. यह नोटिस छह फरवरी को जारी किया गया. मैंने एसपी (सिटी) और प्रशासन को अपने दौरे के बारे में सूचना दी थी ताकि वे मुझे सुरक्षा मुहैया करा सके. मैं सीधे ईदगाह पहुंचा. मेरे संबोधन के दौरान मैंने सहयोग के लिए पुलिस और प्रशासन की सराहना भी की थी.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने देशभर में इस तरह के प्रदर्शनों और धरनों में हिस्सा लिया है लेकिन इस तरह का नोटिस नहीं मिला. इससे पहले मैं लखनऊ में था और मैंने वहां लोगों को संबोधित किया. स्थानीय प्रशासन ने कहा कि धारा 144 लागू है लेकिन यह उन लोगों के लिए है, जो सरकार का विरोध कर रहे हैं. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य हाल ही में मुरादाबाद पहुंचे और वहां सीएए के समर्थन में एक विशाल भीड़ को संबोधित किया लेकिन उनके लिए धारा 144 प्रभावी नहीं है.’

प्रतापगढ़ी ने कहा कि उन्हें अभी तक नोटिस की कॉपी नहीं मिली है औऱ वह इस मामले को अदालत में चुनौती देंगे.

एसीएम कुमार ने कहा, ‘धरने के आयोजकों और कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी को नोटिस जारी किए गए हैं. जिले में धारा 144 लागू हैं इसलिए इस तरह इकट्ठा होना गैरकानूनी है. पुलिस ने हमें उनके अगले दिन पहुंचने को लेकर छह फरवरी को सूचित किया था इसलिए हमने उसी दिन नोटिस जारी किया. इस तरह के नोटिस एहतियात के तौर पर जारी किए जाते हैं ताकि कानून व्यवस्था के लिए खतरा होने वाले लोगों को चेताया जा सके. हमने नोटिस में 1.04 करोड़ रुपये की राशि का उल्लेख किया है. इमरान से दो मुचलकों के साथ 10 लाख रुपये का बॉन्ड भरने को कहा गया है.’

मुरादाबाद प्रशासन ने 12 लोगों को नोटिस जारी किए हैं, जिनमें से एक इमरान प्रतापगढ़ी भी हैं.

अधिकारी का कहना है कि इनमें से 11 लोग पहले ही पांच-पांच लाख रुपये का बॉन्ड जमा करा चुके हैं. प्रतापगढ़ी को सात दिन दिए गए थे और यह अवधि समाप्त हो गई है.

बता दें कि कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट पर शायर इमरान प्रतापगढ़ी को उम्मीदवार बनाया था.