एक नन ने जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच उनके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था. अब मुलक्कल पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नन बलात्कार मामले में 14वीं गवाह हैं.
तिरुवनंतपुरम: बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर एक और नन ने यौन शोषण का आरोप लगाया है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस सूत्रों का कहना है कि बिशप के खिलाफ एक और नन ने बयान दिया है.
35 साल की यह नन फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ चल रहे बलात्कार के मामले की गवाह हैं. वह इस मामले में 14वीं गवाह हैं, जिसने पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराते हुए आरोप लगाए हैं कि बिशप ने फोन पर उस पर यौन संबंधी और अश्लील टिप्पणियां की और गलत तरीके से छुआ.
नन के मुताबिक, 2015 से 2017 के दौरान दो सालों तक दोनों की फोन, चैट और वीडियो कॉल के दौरान बातें हुईं.
नन ने अपने बयान में कहा कि वह (नन) बिशप से डरी हुई थी कि कहीं उसे समूह से बाहर ना निकाल दिया जाए, इसलिए वह चुप थीं.
नन ने सितंबर 2018 को दिए अपने बयान में कहा कि 2017 में बिशप कॉन्वेंट पहुंचे और उसे जबरदस्ती गले लगाया और चूमा.
पुलिस का कहना है कि प्रत्यक्षदर्शी बिशप के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने को तैयार नहीं थी, जिसके बाद उन्होंने उस अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाली पुलिस को इसकी जानाकरी दी और पुलिस की टीम ने नन से मुलाकात की, जिसके बाद भी नन ने शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया.
बिशप फ्रैंको के खिलाफ अलग से मामला दर्ज नहीं किया गया है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, नन ने 19 सितंबर 2018 को अपने बयान में पुलिस को बताया था, ‘मैं बिहार में 2015 में पहली बार बिशप फ्रैंको मुलक्कल से मिली. मैंने कॉन्वेंट की अलग-अलग जरूरतों के लिए कई बार बिशप को फोन करके बुलाया. हमारे बीच नियमित रूप से बातचीत शुरू हो गई. 2015 से 2017 तक हमारे बीच फोन पर बात की. हमने व्हाट्सऐप पर चैट किया और वीडियो कॉल किए. मैंने शुरू में एक दोस्त की तरह कॉल करना शुरू किया लेकिन 2015 के अंत से बिशप ने यौन संबंधी मकसद के साथ बात करना शुरू कर दिया. इससे मुझे घृणा और मानसिक पीड़ा हुई.’
नन ने अपने बयान में कहा है कि इस बीच बिशप ने यौन टिप्पणियां जारी रखीं और हमारे शरीर के अंगों के बारे में वर्णन के साथ वीडियो कॉल करना शुरू कर दिया. चूंकि वह बिशप का डायसिस था, मैं इसके खिलाफ कुछ भी नहीं बता सकती थी.
बयान में कहा गया है कि बिशप की नाराजगी और चर्च से बेदखल होने के डर से मैंने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई.
नन ने कहा कि चूंकि फ्रेंको मुलक्कल डायसिस के बिशप थे इसलिए मैंने इन घटनाओं को किसी के साथ साझा नहीं किया.
बता दें कि ‘सेव अवर सिस्टम फोरम’ 2014 से 2016 के बीच बिशप द्वारा बलात्कार किए जाने का आरोप लगाने वाली नन के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहा है.
फोरम ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि गवाह नन के बयान के आधार पर बिशप के खिलाफ एक अलग केस दर्ज नहीं किया गया.
हालांकि पुलिस सूत्रों का दावा है कि उसने इस नन के खुलासे के आधार पर अलग मामला इसलिए दर्ज नहीं किया क्योंकि वह (नन) ऐसा करने के लिए तैयार नहीं थी.
बता दें कि, एक नन ने जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच उसके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था. यह घटना जालंधर डायोसीस द्वारा कोट्टयम जिले में संचालित कॉन्वेंट के बिशप के दौरे के दौरान हुई.
इसके बाद 54 वर्षीय बिशप को अस्थाई रूप से धर्मगुरू संबंधी सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था. हालांकि, बिशप ने इन आरोपों का खंडन किया है.
बता दें कि, नन से बलात्कार के आरोप में बिशप फ्रैंको मुलक्कल को पिछले साल 21 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 15 अक्टूबर को उन्हें अदालत से सशर्त जमानत मिल गई थी. जमानत पर रिहा होने के बाद जालंधर में उनका फूल-माला से स्वागत हुआ था.
इससे पहले, बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले संगठनों के एक समूह ‘सेव ऑवर सिस्टर्स’ (एसओएस) ने पीड़िता के समर्थन में आवाज उठाने वाली पांच ननों के तबादला आदेश का विरोध किया था.
तबादला आदेश को रुकवाने में हस्तक्षेप करने के लिए समूह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन को पत्र भी लिखा था.
पत्र में मांग की गई थी कि जब तक ट्रायल पूरा नहीं हो जाता है, बलात्कार पीड़िता और अन्य पांचों ननों को उनके कॉन्वेंट से कहीं और न ट्रांसफर किया जाए.
बता दें कि बिशप मुलक्कल ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को हटाने के लिए याचिका दाखिल की है. इस पर पीड़ित पक्ष ने आपत्ति जाहिर की है.