नौ बच्चों की मौत के ये मामले जम्मू स्थित उधमपुर के रामनगर ब्लॉक में दिसंबर के मध्य से 17 जनवरी के बीच सामने आए. जांच में कफ सीरप में जहरीले पदार्थ डाइथिलीन ग्लाइकोल की मौजूदगी मिली है.
नई दिल्लीः जम्मू के उधमपुर में खांसी की दवा पीने से नौ बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद इस दवा को बनाने वाली हिमाचल प्रदेश की फार्मास्यूटिकल कंपनी डिजिटिल विजन की खांसी की दवा कोल्डबेस्ट-पीसी के उत्पादन पर रोक लगा दी गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में कोल्डबेस्ट सीरप में जहरीले पदार्थ डाइथिलीन ग्लाइकोल की मौजूदगी मिली है.
देश के आठ राज्यों से इस दवा की बिक्री और उत्पादन को रोकने को कहा गया है.
जम्मू कश्मीर के ड्रग्स एंड फूड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के असिस्टेंट ड्रग्स कंट्रोलर सुरिंदर मोहन के मुताबिक, ‘प्रथम दृष्टया कोल्डबेस्ट-पीसी सीरप में डाइथिलीन ग्लाइकोल नाम के जहरीले तत्व की मौजूदगी का पता चला है, जिसके पीने से उधमपुर जिले के बच्चों की मौत हुई है.
उन्होंने बताया कि पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के अधिकारियों ने उन्हें इस बात की जानकारी दी है.
मोहन ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की फार्मा कंपनी द्वारा तैयार किए गए इस सीरप के सैंपल जांच के लिए जम्मू के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटेग्रेटिव मेडिसिन और चंडीगढ़ के रीजनल ड्रग्स टेस्टिंग लेबोरेटीज भेजे गए हैं.
वही, डिजिटल विजन के प्रबंधन निदेशक कोनिक गोयल का कहना है कि वह फिलहाल इस मामले पर कुछ भी नहीं कहना चाहेंगे.
कंपनी के जनरल मैनेजर (मार्केटिंग) सुशील यादव ने कहा, ‘दवा का प्रोडक्शन रोक दिया गया है और हमने सभी जानकारी स्टेट ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी को दे दी है.’
जम्मू कश्मीर ड्रग कंट्रोलर लतिका खजुरिया ने कहा कि अभी हम रीजनल ड्रग्स टेस्टिंग लैब से अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि पीजीआईएमईआर की रिपोर्ट में सीरप में डायेटलीन ग्लाइकोल की मौजूदगी की बात कही गई है.
उन्होंने कहा, ‘हमें एक बार अंतिम रिपोर्ट मिलने दीजिए, इसके बाद ही हम पता लगा पाएंगे कि बच्चों की मौत का असल कारण क्या था. सीरप को बाजार से वापस ले लिया गया है.’
बता दें कि जम्मू कश्मीर के उधमपुर जिले में जनवरी में रहस्यमय परिस्थिति में लगभग दस बच्चों की मौत हो गई है जबकि छह बीमार हो गए थे, जिसके बाद केंद्र ने मौत के कारणों की जांच के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों का एक दल तैनात किया था.
जम्मू के डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज (डीएचएस) रेणु शर्मा ने कहा कि यह मौतें उधमपुर के रामनगर ब्लॉक में दिसंबर के मध्य से 17 जनवरी के बीच हुई हैं.
रेणु ने कहा, ‘बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें किडनी की समस्या थी. मारे गए सभी बच्चों में एक चीज कॉमन थी कि सभी ने कोल्डबेस्ट-पीसी का सेवन किया था. इस सीरप को पीने से 17 बच्चों की तबियत बिगड़ी थी, जिसमें से नौ की मौत हो गई थी.’
इस खांसी के सीरप में डाइथिलीन ग्लाइकोल पाया गया है, जिसे चेन्नई के मनाली पेट्रोकेमिकल्स में तैयार किया गया. इसे बाद में दिल्ली के दो कारोबारियों को बेचा गया, जिन्होंने बाद में इसे अंबाला के एक कारोबारी को बेचा और वहां से यह डिजिटल विजन की फार्मा यूनिट पहुंची.
कंपनी (डिजिटल विजन) के लाइसेंस को भी वापस ले लिया गया है.
इस दवा की बिक्री देश के आठ राज्यों में हुई, जहां के लगभग 5,500 यूनिट्स से इस दवा को वापस मंगा लिया गया है और हिमाचल प्रदेश स्वास्त्य सुरक्षा नियमन प्रशासन ने सिरमौर जिले के काला अम्ब में डिजिटल विजन की यूनिट से इस दवा के प्रोडक्शन को बंद कर दिया है. इस यूनिट में कोल्डबेस्ट-पीसी सीरप का उत्पादन होता है.
हिमाचल प्रदेश के ड्रग्स कंट्रोलर को भेजे गए एक पत्र में जम्मू के ड्रग्स कंट्रोलर ने कहा कि चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर के डॉक्टरों की एक टीम ने डाइथिलीन ग्लाइकोल से संभावित रूप से हुई इन मौतों की जांच के लिए पिछले महीने रामनगर का दौरा किया था.
इस पत्र की प्रतियां सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के ड्रग्स कंट्रोलर को भी भेजी गई हैं.