वार्ताकार वजाहत हबीबुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा- शाहीन बाग में धरना शांतिपूर्ण

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 फरवरी को वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला को वार्ताकार नियुक्त किया था और प्रदर्शनकारियों से बात कर विरोध प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक रास्ता तलाशने को कहा था.

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शाहीन बाग. (फोटो: रॉयटर्स)

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 फरवरी को वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला को वार्ताकार नियुक्त किया था और प्रदर्शनकारियों से बात कर विरोध प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक रास्ता तलाशने को कहा था.

शाहीन बाग. (फोटो: रॉयटर्स)
शाहीन बाग. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: दिल्ली के शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए वार्ताकारों में से एक वजाहत हबीबुल्ला ने रोड बंद होने के संबंध में हलफनामा दायर किया है.

न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक वजाहत हबीबुल्ला ने अपने हलफनामे में कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहा प्रदर्शन शांतिपूर्ण है. भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन वार्ताकारों में से एक हबीबुल्ला ने ये भी कहा है कि शाहीन बाद में पुलिस ने पांच तरफ से रास्ते को बंद कर रखा है.

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली रोड 13ए पिछले 68 दिनों से बंद है. इसकी वजह से आश्रम और दक्षिण दिल्ली के इलाकों में भारी जाम लगा हुआ रहता है.

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 फरवरी को वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला को वार्ताकार नियुक्त किया था और प्रदर्शनकारियों से बात कर विरोध प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक रास्ता तलाशने को कहा था.

वार्ताकारों ने 19 फरवरी से लेकर अब तक में शाहीन बाग में पदर्शनकारियों से चार बार बातचीत की है. बीते शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों ने सामने अपनी नई मांग रखी और कहा कि अगर रोड 13ए के एक तरफ की सड़क खोली जाती है तो सर्वोच्च न्यायालय उनके सुरक्षा की गारंटी दे.

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल 15 दिसंबर को विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के चलते जामिया नगर के निवासियों पर पुलिस द्वारा दायर किया गया केस वापस लिया जाए.

साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े इस संबंध में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दायर कर सकते हैं.