दिल्ली हाईकोर्ट बुधवार को दोपहर 12:30 बजे न्यायिक जांच की मांग पर सुनवाई करेगा. कोर्ट ने स्थिति की अच्छी जानकारी रखने वाले पुलिस अधिकारी को भी कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है.
नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हो रही हिंसा को लेकर न्यायिक जांच की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने पिछले कुछ दिनों में हुए हिंसा को लेकर न्यायिक जांच की मांग की है.
लाइव लॉ के मुताबिक, जस्टिस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया और पुलिस अधिकारी को सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है. बुधवार को दोपहर 12:30 पर सुनवाई होगी.
कोर्ट ने कहा, ‘हम आज 12:30 बजे इस मामले को सुनेंगे. स्थिति की अच्छी जानकारी रखने वाले पुलिस अधिकारी को कोर्ट में मौजूद रहने का निर्देश दिया जाता है.’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि कार्रवाई के लिए पुलिस को कोर्ट के आदेश का इंतजार करने की जरूरत नहीं है. उन्हें खुद कदम उठाना चाहिए.
यह मामला वरिष्ठ वकील कोलिन गोन्साल्विस द्वारा डिविजन पीठ के सामने उल्लेख किया गया.
यह आरोप लगाया गया है कि भाजपा नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर जैसों द्वारा भड़काऊ भाषण देने की वजह विवादित नागरिकता संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बर्बर तरीके से हमला किया गया है. याचिका में यह भी कहा गया है कि 10 लोगों की मौत हो गई है और 150 लोग घायल हैं.
याचिकाकर्ता ने कहा कि मौजपुर, जाफराबाद, कर्दमपुरी, भजनपुरा, बेहरामपुरी जैसे इलाकों में लोगों के घरों और दुकानों को आग लगा दी गई है.
याचिका में कहा गया, ‘इसकी (कपिल मिश्रा के भाषण) वजह से हथियारों से लैस भीड़ सांप्रदायिक गालियां और ‘गोली मारो सालों को’ तथा ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए मौजपुर में जमा हो गई.’ याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि 24 फरवरी को हुई हिंसा के दिन दिल्ली पुलिस ने उस भीड़ को उकसाया और साथ दिया जो ‘जय श्री राम’ का नारा लगा रहे थे.
यह कहा गया, ‘भजनपुरा में आरएसएस से जुड़े 100 गुंडे इकट्ठा हो गए और लोगों को हथियार और तलवार बांटे.’
याचिका में कहा गया है कि असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस की मौजूदगी में पथराव किया गया और इसका साक्ष्य दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरे और सोशल मीडिया पर उपलब्ध वीडियो में मौजूद है.
इस आधार पर याचिकाकर्ता ने मांग की है कि कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा और दंगा भड़काने वाले अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 153ए, 153बी, 120बी और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान एक्ट की धारा तीन और चार के तहत केस दर्ज किया जाए. इनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग की गई है.
इससे पहले रात 12:30 बजे जस्टिस एस. मुरलीधर के घर पर हुई आपतकालीन सुनवाई में कोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में पीड़ितों को सुरक्षित तरीके से निकालने और उन्हें सही से अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया था.