मुस्लिम कोटे पर अगर कांग्रेस, एनसीपी का साथ छोड़ दें तो हम थामेंगे शिवसेना का हाथ: भाजपा

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुगंतीवार ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं दिया जा सकता.

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Mumbai: Shiv Sena President Uddhav Thackeray gestures after he was chosen as the nominee for Maharashtra chief minister's post by Shiv Sena-NCP-Congress alliance, during a meeting in Mumbai, Tuesday, Nov. 26, 2019. NCP chief Sharad Pawar and other leaders are also seen. (PTI Photo) (PTI11_26_2019_000222B)

महाराष्ट्र भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुगंतीवार ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं दिया जा सकता.

Mumbai: Shiv Sena President Uddhav Thackeray gestures after he was chosen as the nominee for Maharashtra chief minister's post by Shiv Sena-NCP-Congress alliance, during a meeting in Mumbai, Tuesday, Nov. 26, 2019. NCP chief Sharad Pawar and other leaders are also seen. (PTI Photo)  (PTI11_26_2019_000222B)
एनसीपी प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बाला साहब थोराट के साथ महाराष्ट के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे. (फोटो: पीटीआई)

मुंबई: भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को कहा कि अगर एनसीपी और कांग्रेस सरकार छोड़ने की धमकी देकर शिवसेना पर मुस्लिम कोटा देने का दबाव बनाएं तो वह महाराष्ट्र सरकार का हाथ थामेगी. एनसीपी और कांग्रेस ने कहा है कि सरकार शिक्षा में मुसलमानों को पांच प्रतिशत कोटा देगी.

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुगंतीवार ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं दिया जा सकता.

राज्य के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘शिवसेना ने जो रूख अपनाया है वह सही है, वे संविधान की बात कर रहे हैं. संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देता है.’ उन्होंने कहा, ‘अगर धर्म के आधार पर ही आरक्षण दिया जाना है तो सिखों और ईसाइयों ने क्या गलती की है?’

भाजपा नेता ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पहले ही आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए 10 प्रतिशत कोटे की व्यवस्था कर दी है जिसमें मुसलमान और ईसाई दोनों आते हैं.

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि उद्धव जी ने बहुत सही रूख अपनाया है. शिवसेना के साथ हमारा गठबंधन सिद्धांत पर आधारित था. अगर कांग्रेस और एनसीपी इस मुद्दे पर दबाव बना रहे हैं तो शिवसेना को चिंता नहीं करना चाहिए.’

मुगंतीवार ने कहा, ‘अगर वे सरकार छोड़ भी देते हैं तो, हम इस विषय की हद में रहते हुए सरकार का साथ देंगे.’ गौरतलब है कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने पिछले सप्ताह विधान परिषद में कहा था कि सरकार कानून बनाकर मुस्लिमों को पांच फीसदी कोटा उपलब्ध कराएगी.

हालांकि, मुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दक्षिण मुम्बई में विधान भवन के बाहर मंगलवार को कहा कि मुस्लिम कोटे के लिए प्रस्ताव अभी तक उनके पास नहीं आया है और जब आएगा तो उसकी वैधता का सत्यापन किया जाएगा.

उन्होंने साथ ही भाजपा नीत विपक्ष से इस मुद्दे पर हो-हल्ला करना बंद करने को भी कहा.

ठाकरे ने कहा, ‘जो लोग इस मुद्दे पर हंगामा कर रहे हैं उनसे मैं आग्रह करता हूं कि वे अपनी ऊर्जा बचाकर रखें और उसका इस्तेमाल उस समय करें जब यह मुद्दा चर्चा के लिए आये. मुद्दा अभी आया नहीं है. शिवसेना ने अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है. जब प्रस्ताव आएगा तब देखेंगे.’

ठाकरे की यह टिप्पणी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक द्वारा विधान परिषद को यह सूचित करने के कुछ दिन बाद आयी है कि राज्य सरकार मुस्लिमों को शिक्षा में पांच प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराएगी. एनसीपी मंत्री ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस संबंध में एक विधेयक जल्द पारित हो.

इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख बाला साहब थोराट ने मंगलवार को कहा कि मुलसमानों को आरक्षण देना उनकी पार्टी की प्रतिबद्धता है और राज्य सरकार के गठबंधन घटक दलों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के बाद निर्णय लिया जाएगा.

राज्य के राजस्व मंत्री थोराट ने कहा कि ठाकरे ने जो कुछ कहा है , वह सच है क्योंकि इस मुद्दे पर अबतक कोई चर्चा नहीं हुई. उन्होंने कहा, ‘ हम (कांग्रेस एनसीपी) ने अतीत में मुसलमानों को आरक्षण दिया था. यह पिछले पांच साल में आग नहीं बढ़ा लेकिन यह हमारी प्रतिबद्धता है. यह कांग्रेस एनसीपी के घोषणापत्र का हिस्सा है. इसलिए हम इसे देना चाहते हैं.’

उन्होंने कहा कि (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की) महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार की समन्वय समिति और मंत्रिमंडल में इस मुद्दे पर चर्चा होगी , उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.

सात मार्च को अयोध्या जाएंगे उद्धव ठाकरे

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह भगवान राम के दर्शन के लिए सात मार्च को अयोध्या जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मेरी आस्था है और इसलिए मैं भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए (अयोध्या) जा रहा हूं. भगवान के दर्शन में राजनीति का सवाल कहां आता है? इसमें राजनीति कहां है? भगवान के दरवाजे इसलिए बंद नहीं होते कि आपने कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी के साथ एक गठबंधन किया है. भगवान भगवान होते हैं और सभी के होते हैं. मैं (अयोध्या) जाऊंगा.’

ठाकरे ने कहा, ‘जो (गठबंधन साझेदारों में से) आना चाहते हैं, वे आएंगे. भगवान के दरवाजे किसी के लिए बंद नहीं हैं. जब भी वे जाना चाहें, वे (दर्शन के लिए) जा सकते हैं. वे (दर्शन के लिए) मेरे साथ आ सकते हैं, मेरे जाने से पहले जा सकते हैं, या मेरे (मंदिर) जाने के बाद वहां जा सकते हैं.’

दो लाख तक कर्ज वाले किसानों को कर्ज मुक्त बनाना शुरू

ऋण माफी पर ठाकरे ने कहा कि सरकार ने उन किसानों को कर्ज मुक्त बनाना शुरू कर दिया है जिन्होंने दो लाख रुपये तक का ऋण लिया है. उन्होंने कहा,‘ महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार की ऋण माफी योजना निर्धारित समयसीमा में लागू की जाएगी. मेरी सरकार इस पर ध्यान देगी कि किसान प्रसन्न रहें.’

उन्होंने कहा, ‘10 लाख किसानों के खातों का प्रमाणन किया गया है और 7.5 लाख खातों में धन अंतरण शुरू हो गया है.’

उन्होंने कहा कि सरकार की योजना क्रियान्वयन जल्द पूरा करने की है. साथ ही सरकार की योजना किसानों के लिए दो लाख रुपये से अधिक की एक नयी ऋण माफी योजना शुरू करने की है, साथ ही उन लोगों के लिए एक प्रोत्साहन योजना शुरू करने की भी है जो अपने बकाये का भुगतान नियमित तौर पर करते हैं.

दिल्ली हिंसा के मद्देनजर महाराष्ट्र में उठाए एहतियाती कदम

दिल्ली हिंसा और दोबारा ऐसी स्थिति से बचने के लिए उठाये जा रहे एहतियाती कदमों पर ठाकरे ने कहा, ‘मुम्बई और महाराष्ट्र में एहतियात बरता जा रहा है कि ऐसी कोई घटना नहीं हो. मैं सतर्क रहने के लिए पुलिस और नागरिकों को धन्यवाद देता हूं. वे समझते हैं कि ये कौन कर रहा है.’

यह पूछे जाने पर कि उनका इशारा किसकी ओर है, ठाकरे ने कहा, ‘समझने वालों को इशारा काफी है. इशारा नहीं किया तो भी समझते हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)