उत्तर प्रदेश में रामपुर के एक प्राइमरी स्कूल के कमरे भूसे और उपले से भरे मिले. निलंबित शिक्षक ने ग्राम प्रधान को बताया ज़िम्मेदार.
किसी भी राजनीतिक दल द्वारा सत्ता में आते ही शिक्षा सुधार के दावे किए जाते हैं पर शिक्षा की ख़स्ताहाल व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है.
हालिया मामला उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले के सैदनगर ब्लॉक के दर्शनपुर गांव का है, जहां एक प्राइमरी स्कूल में पोल्ट्री फार्म चलने, इसे गोदाम की तरह प्रयोग करने और यहां अवैध रूप से रहने का वीडियो सामने आया है.
पत्रिका की ख़बर के अनुसार ऐसा स्कूल पर दबंगों के कब्ज़े के चलते हुआ है.
https://www.youtube.com/watch?v=nwR-ld0ELz4
इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे स्कूल के एक कमरे में मुर्गियां भरी हुई हैं, वहीं दूसरा कमरा भूसे से भरा हुआ है. एक अन्य कमरे में एक कोने में उपले रखे हैं.
अन्य कमरों में लोगों के रहने की व्यवस्था दिखाई देती है, जो ज़ाहिर है अवैध है. साथ ही स्कूल के प्रांगण में हो रहे किसी निर्माण कार्य के लिए आया ट्रक, रेत-बजरी व ईंटें पड़ी दिखती हैं.
वीडियो में इसके अलावा स्कूल की इमारत की जर्जर स्थिति भी दिखती है. टूटे-फूटे शौचालय में दरवाज़े तक नदारद हैं. यूं तो कमरों में ताले लगे हैं पर अंदर लोगों के वहां रहने की व्यवस्था साफ दिख रही है.
इस ख़बर के अनुसार इस पर सवाल उठाए जाने पर ग्राम प्रधान सरफ़राज़ अहमद ने इसे अस्थायी वैकल्पिक व्यवस्था कहकर टाल दिया. साथ ही स्कूल भवन की इस हालत के लिए शिक्षा विभाग को ज़िम्मेदार बताया.
वहीं मीडिया में इस वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन द्वारा इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए स्कूल के हेडमास्टर समेत दो अन्य शिक्षकों को निलंबित कर दिया है.
रामपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी सर्वानन्द ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, ‘इस वीडियो के सामने आने के बाद ये मुद्दा ज़िलाधिकारी तक पहुंचा, जिसके बाद हुई जांच में हेडमास्टर फरयाद अली ख़ान और एक अन्य शिक्षक को इसका ज़िम्मेदार पाया गया. उन्होंने इस तरह स्कूल में हुए अतिक्रमण के बारे में न तो रिपोर्ट किया न ही इससे स्कूल को बचाने का कोई प्रयास किया. हमने खंड शिक्षाधिकारी को भी इस विषय में नोटिस जारी किया है. हमारा विभाग इस घटना के लिए शर्मिंदा है और इस तरह की अनियमितताएं बर्दाश्त नहीं करेगा.’
वहीं निलंबित हुए शिक्षक प्रयाग कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में ग्राम प्रधान को इसके लिए उत्तरदायी बताया है. उन्होंने कहा, ’21 मई को ग्रीष्मावकाश शुरू होने के बाद हमने स्कूल भवन में ताला लगाकर चाभी ग्राम प्रधान को सौंप दी थी. ग्राम प्रधान स्कूल की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी हैं पर उन्होंने हमारे साथ धोखा किया है.’
इस पूरे घटनाक्रम पर रामपुर के ज़िलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने कहा कि शिक्षा विभाग को ज़िले के सभी स्कूल-भवनों और प्रांगणों के निरीक्षण के आदेश दे दिए गए हैं. अगर कहीं कोई अतिक्रमण पाया जाता है तो ऐसा करने वाले के ख़िलाफ़ एफआई आर दर्ज करवाई जाएगी.