तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब मैं अपना जन्म प्रमाणपत्र पेश नहीं कर पा रहा तो दलित, आदिवासी और गरीब लोग कहां से जन्म प्रमाणपत्र लाएंगे.
हैदराबाद : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का कहना है कि उनके पास अपना जन्म प्रमाणपत्र नहीं है तो ऐसे में वह अपने पिता के कागजात कहां से लाएंगे.
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री राव ने यह बात शनिवार को विधानसभा में इस बात पर आश्चर्य जताते हुए कही कि नागरिकों पर नागरिक संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) जबरन क्यों थोपी जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘संविधान देश के हर एक नागरिक को बराबर अधिकार देता है. यह कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. आप एक खास धर्म के साथ कैसे भेदभाव कर सकते हैं. कोई भी सभ्य समाज ऐसे कानून को बर्दाश्त नहीं करेगा, जो ऐसा भेदभाव करे. आज संयुक्त राष्ट्र से लेकर दुनियाभर में इन कानूनों को लेकर चर्चा हो रही है।. हम सब इस देश का हिस्सा हैं और शांत नहीं रहेंगे. हम अपनी सीमा में रहकर जो कर सकते हैं, वो करेंगे और किसी से भी नहीं डरेंगे.’
केसीआर ने कहा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति की अपनी कुछ प्राथमिकताएं और सिद्धांत हैं, जिनसे वह कभी समझौता नहीं करेंगे.
केसीआर ने कहा कि सदन इस मुद्दे पर पूरी तरह से बहस करने के बाद संकल्प पारित करेगा, ताकि पूरे देश को इस मामले में एक मजबूत संदेश दिया जा सके. यह मामला देश के भविष्य, इसके संविधान और दुनिया में उसके कद से जुड़ा हुआ है.
उन्होंने चिंता जताई कि ऐसे कानून के कारण देश सम्मान खो रहा है.
राव ने कहा, ‘हम इस देश का हिस्सा हैं और हम अपनी सीमा में रहकर जो कर सकते हैं, वो करेंगे और किसी से भी नहीं डरेंगे.’