निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी ने यस बैंक में 1,000-1,000 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की है. वहीं एक्सिस बैंक 60 करोड़ शेयर खरीदने के लिये 600 करोड़ रुपये निवेश करेगा. इसके अलावा कोटक महिन्द्रा बैंक ने भी 500 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की है.
नई दिल्ली: यस बैंक के ग्राहकों को नकदी निकासी पर लगी पाबंदी से जल्दी राहत मिलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि वित्तीय संकट से जूझ रहे यस बैंक से नकद निकासी पर रोक और अन्य पाबंदियों को एसबीआई की राहत पैकेज योजना के अधिसूचित होने के तीन दिन के भीतर हटा लिया जाएगा. योजना जल्द अधिसूचित होगी.
इस बीच, निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी ने 1,000-1,000 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की है. इस निवेश से आईसीआईसीआई बैंक की यस बैंक में 5 प्रतिशत से अधिक इक्विटी हिस्सेदारी हो जायेगी. वहीं एक्सिस बैंक 60 करोड़ शेयर खरीदने के लिये 600 करोड़ रुपये निवेश करेगा. इसके अलावा कोटक महिन्द्रा बैंक ने भी 500 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की है.
सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बैंक यस बैंक पर पांच मार्च से लगी आरबीआई की पाबंदियों से बाहर निकालने की योजना के तहत निवेश को लेकर अन्य वित्तीय संस्थानों से बातचीत कर रहा है.
रिजर्व बैंक ने पांच मार्च को यस बैंक पर के कामकाज पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थी. इसमें ग्राहकों के लिए एक माह के दौरान 50,000 रुपये तक निकासी सीमा तय की गई थी. यह रोक तीन अप्रैल तक के लिए लगायी गयी.
सीतारमण ने कहा कि मंत्रिमंडल ने रिजर्व बैंक द्वारा सुझायी गयी यस बैंक की पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी है.
उन्होंने कहा, ‘इस पुनर्गठन योजना को खाताधारकों के हितों की रक्षा को ध्यान में रखकर मंजूर किया गया है. यह यस बैंक और साथ-साथ पूरी वित्तीय प्रणाली को स्थिरता प्रदान करेगा.’
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक पर पिछले एक साल से नजर रखी जा रही थी.
सीतारमण ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक यस बैंक में 49 प्रतिशत तक इक्विटी निवेश करेगा. अन्य निवेशकों को भी आमंत्रित किया गया है. आरबीआई अन्य निवेशकों को जोड़ने के लिये काम कर रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘योजना की अधिसूचना के बाद तीन दिनों (कामकाजी) के भीतर निकासी पर पाबंदी को हटा लिया जाएगा. सात दिन के भीतर एक नया बोर्ड का गठन होगा.’ उन्होंने कहा कि अधिसूचना जल्द जारी की जाएगी. यस बैंक में एसबीआई के दो निदेशक होंगे.
अधिसूचना के सात दिन के भीतर प्रशासक पद से हट जाएंगे और नया निदेशक मंडल कामकाज संभाल लेगा.
उल्लेखनीय है कि पाबंदियों के साथ आरबीआई ने यस बैंक के निदेशक मंडल को हटाकर उसकी जगह एसबीआई के पूर्व उप प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को प्रशासक नियुक्त किया था.
वित्त मंत्री ने कहा कि हर निवेशक पर तीन साल तक शेयरों की खरीद-बिक्री पर रोक रहेगी. एसबीआई के मामले में वह अपनी हिस्सेदारी को तीन साल तक 26 प्रतिशत से कम नहीं कर सकेगा. अन्य निवेशकों के मामले में यह उनके निवेश का 75 प्रतिशत होगा.
यस बैंक की अधिकृत पूंजी 1,100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6,200 करोड़ रुपये की जाएगी ताकि हम जरूरत के अनुसार पूंजी जुटा सके.
वित्त मंत्री ने अतिरिक्त टायर-1 बांड को बट्टे खाते में डाले जाने के संदर्भ में पूछे गये सवाल का जवाब नहीं दिया और कहा कि मामला अभी अदालत में है.
इस बीच, शेयर बाजार को दी सूचना में आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि वह यस बैंक में 1,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा. इससे यस बैंक में उसकी हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से अधिक होगी. हालांकि अंतिम शेयरधारिता पुनर्गठन की अंतिम योजना और उसके तहत जारी होने वाले शेयर के आधार पर तय होगा.
इसके अलावा एचडीएफसी, कोटक महिन्द्रा बैंक और एक्सिस बैंक भी क्रमश: 1,000 करोड़ रुपये, 500 करोड़ रुपये और 600 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)