राज्य सरकार के वित्त विभाग की ओर से सभी सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों और निगमों को बैंकिंग संबंधी क्रियाकलाप सिर्फ सरकारी बैंकों के साथ करने को कहा गया है. विभाग ने यह भी कहा है कि वेतन व भत्ता समेत सभी सरकारी योजनाओं का पैसा रखने के लिए निजी या सहकारी बैंकों में खोले गए सभी खाते एक अप्रैल तक बंद करा दिए जाने चाहिए.
मुंबईः महाराष्ट्र सरकार ने राज्य सरकार के सभी विभागों को अपने अकाउंट निजी बैंकों से हटाकर सरकारी बैंकों में खोलने के निर्देश दिए हैं.
इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को सभी विभागों को एक सर्कुलर जारी किया है.
महाराष्ट्र सरकार के वित्त विभाग ने सर्कुलर में कहा, ‘सभी सरकारी कार्यालयों, सरकारी उपक्रमों और निगमों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है कि बैंकिंग से संबंधी उनके सारे क्रियाकलाप सिर्फ सरकारी बैंकों के साथ ही हों.’
सर्कुलर में कहा गया कि वेतन व भत्ता समेत सभी सरकारी योजनाओं का पैसा रखने के लिए निजी या सहकारी बैंकों में खोले गए सभी खाते एक अप्रैल तक बंद करा दिए जाने चाहिए.
सरकार ने 11 सरकारी बैंकों की सूची के साथ अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अप्रैल से कर्मचारियों के वेतन और भत्ते सिर्फ सरकारी बैंकों से दिए जाएं.
सरकार ने सभी पेंशनभोगियों को अपने खाते सरकारी बैंकों में हस्तांतरित करने को भी कहा है. सरकार ने इसके लिये उन 13 बैंकों की सूची भी जारी की, जिनके साथ राज्य सरकार का कारोबार है.
राज्य सरकार ने सभी निगमों और उपक्रमों से भी यह सुनिश्चित करने को कहा उनके निवेश सिर्फ सरकारी बैंकों में जमा रहें.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कुछ राज्यों द्वारा निजी बैंकों में खाते बंद कर सरकारी बैंकों में खोलने की खबरों को लेकर गुरुवार को सभी राज्यों को पत्र लिखकर ऐसा नहीं करने की अपील की थी.
आरबीआई ने सभी मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा, ‘हमें पुरजोर विश्वास है कि इस तरह के कदमों से बैंकिंग और वित्तीय सेक्टर की स्थिरता बाधित हो सकती है. हम यह बताना चाहते हैं कि आरबीआई के पास निजी सेक्टर के बैंकों को रेगुलेट करने की शक्तियां हैं और इन शक्तियों का इस्तेमाल कर यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि जमाकर्ताओं का पूरा पैसा सुरक्षित है.’
इससे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने 6 मार्च को बताया था कि महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि वह अपना कोष सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रखेगी. राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि सरकार का पैसा सिर्फ राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कराया जाए, निजी क्षेत्र के बैंकों में नहीं.
ज्ञात हो कि पवार राज्य के वित्त मंत्री भी हैं. उन्होंने ठाकरे की उपस्थिति में यह बयान दिया. इससे पहले पवार ने राज्य विधानसभा में 2020-21 का बजट पेश किया था.
पवार ने राज्य विधानसभा भवन परिसर के बाहर संवाददाताओं को बताया था, ‘मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और अन्य सचिवों को निर्देश दिया है कि वे सरकार का कोष सिर्फ राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कराएं, विशेषरूप से केंद्र द्वारा संरक्षित बैंकों में.’
पवार का यह बयान पुलिस विभाग का वेतन खाता निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक को स्थानांतरित करने को लेकर पैदा हुए विवाद के मद्देनजर आया था.
कथित रूप से देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने पुलिस विभाग का वेतन खाता एक्सिस बैंक को स्थानांतरित किया था. फडणवीस की पत्नी अमृता एक्सिस बैंक में वरिष्ठ पद पर हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट 5 मार्च को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान पुलिस विभाग का खाता एक्सिस बैंक को स्थानांतरित करने के मामले में फडणवीस से जवाब मांगा है.
इस बीच 11 मार्च को राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एक्सिस बैंक में सरकारी विभाग का खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ट्रांसफर कर दिया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)