मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने निर्देश दिए हैं कि विश्वासमत की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी विधानसभा स्वतंत्र व्यक्तियों से कराएगी. संपूर्ण कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च 2020 को प्रारम्भ होगी और यह स्थगित, विलंबित या निलंबित नहीं की जाएगी.
भोपाल: मध्यप्रदेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के निर्देश दिए हैं.
राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने पत्र भेजकर शनिवार मध्यरात्रि के आसपास कमलनाथ को ये निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि टंडन ने निर्देश दिए हैं, ‘मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च 2020 को प्रातः 11 बजे प्रारंभ होगा और राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद एकमात्र कार्य विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा.’
इसके अलावा, राज्यपाल ने निर्देश दिए हैं, ‘विश्वासमत मतविभाजन के आधार पर बटन दबाकर ही होगा और अन्य किसी तरीके से नहीं किया जाएगा.’
उन्होंने कहा है कि विश्वासमत की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी विधानसभा स्वतंत्र व्यक्तियों से कराएगी. राज्यपाल ने कहा है कि उपरोक्त संपूर्ण कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च 2020 को प्रारम्भ होगी और यह स्थगित, विलंबित या निलंबित नहीं की जाएगी.
राज्यपाल ने ये निर्देश संविधान के अनुच्छेद 174 सहपठित 175 (2) एवं अपनी अन्य संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिए हैं.
उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने इस पत्र में यह भी कहा, ‘‘मुझे सूचना मिली है कि मध्यप्रदेश विधानसभा के 22 विधायकों ने अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित किया है. मुझे भी इन विधायकों ने पृथक-पृथक त्यागपत्र 10 मार्च को
भेजे हैं और इन्हीं विधायकों ने अपने-अपने पत्र 13 मार्च द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश होने के दौरान सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है.
22 में से छह विधायक जो आपकी सरकार में मंत्री थे, जिन्हें आपकी अनुशंसा पर मंत्री पद से हटाया गया था, उनका त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष ने शनिवार को स्वीकार कर लिया.’’
राज्यपाल ने कहा है, ‘‘मुझे प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अल्पमत में है. यह स्थिति अत्यंत गंभीर है. इसलिए संवैधानिक रुप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक हो गया है कि 16 मार्च को मेरे अभिभाषण के तत्काल पश्चात आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें.’’
उल्लेखनीय है कि ‘‘कांग्रेस की उपेक्षा से परेशान होकर’’ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और वह बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये. उनके साथ ही मध्यप्रदेश के छह मंत्रियों सहित 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश उनके कट्टर समर्थक हैं.
इन 22 विधायकों में से 19 बेंगलुरू में एक रिसॉर्ट में है, जबकि तीन विधायकों का अब तक कोई पता-ठिकाना नहीं है. इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने विधायकों जारी किया व्हिप
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को व्हिप जारी कर अपने सभी विधायकों को 16 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में आवश्यक रूप से रोजाना उपस्थित रहने और मतदान की स्थिति में सरकार के पक्ष में अपना मत देने के लिए कहा है. मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने यह जानकारी दी.
कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने पार्टी की ओर से तीन लाइन का एक व्हिप जारी करके विधायकों को पाबंद किया है, ताकि वे बजट सत्र की गंभीरता को समझते हुए सदन में उपस्थित रहें और कांग्रेस सरकार का समर्थन करें. मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 16 मार्च से शुरू होना है.
मध्य प्रदेश भाजपा विधायकों को जारी किया गया व्हिप
मध्यप्रदेश भाजपा विधायक दल ने 16 मार्च से शुरु होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान सदन में अनिवार्य रुप से उपस्थित रहने और विश्वास मत के दौरान पार्टी के पक्ष में मतदान करने का व्हिप अपने विधायकों को जारी किया है.
भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा ने पार्टी विधायकों को रविवार को व्हिप जारी किया. विधायकों से 16 मार्च से शुरु होने वाले बजट सत्र में अनिवार्य तौर पर उपस्थित रहने और सरकार के शक्ति परीक्षण में भाजपा के पक्ष में मतदान करने का व्हिप जारी किया है.
मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से चल रही सियासी उथल पुथल को देखते हुए भाजपा ने अपने विधायकों को एकजुट रखने के उद्देश्य से वर्तमान में हरियाणा के गुरुग्राम के एक होटल में रखा है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस से इस्तीफे देने वाले विधायक अध्यक्ष के सामने नहीं हुए हाजिर
मध्यप्रदेश कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले विधायक अपने त्यागपत्र की पुष्टि के लिए शनिवार को भी विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश नहीं हुए. अध्यक्ष ने इन विधायकों को प्रत्यक्ष हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किए थे.
विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज रंग पंचमी है. उसके बाद भी मैंने समय निर्धारित किया. अधिकारियों के साथ और हम सब ने बैठकर इंतजार किया कि जिन सात माननीय विधायकों का मैंने आज का समय निर्धारित किया था और जो कल नहीं आए थे उनका भी समय आज निर्धारित किया था. ऐसे 13 विधायकों को आज आना चाहिए था.’’
उन्होंने कहा,‘‘ आप स्वयं देख रहे हैं, जैसे कल देख रहे थे. मैं विधिवत नियम प्रक्रिया में बंध कर अपना कार्य संचालित कर रहा हूं और कोशिश कर रहा हूं कि भाई आईये मैं आपकी बात सुनूं और कोई निर्णय पर पहुंचू.’’
उन्होंने कहा,‘‘ ये बात जरुर है कि उसमें दो तीन कुछ गंभीर मुद्दे हैं विधायकों के जो कागज मुझे प्राप्त हुए हैं उसके आधार पर उन दो-तीन विधायकों को रखूं या निकालू, मैं गंभीरता से चिंतन कर रहा हूं.’’
प्रजापति ने कहा,‘‘ देखिए जो सामने आएगा मैं फिर आपको अवगत कराऊंगा.’’ हालांकि अध्यक्ष ने इन दो- तीन विधायकों के नाम का खुलासा नहीं किया.
गौरतलब है कि शुक्रवार को बेंगलुरु से कांग्रेस के इन विधायकों को भोपाल आना था. विधायक बेंगलुरु हवाई अड्डे पर पहुंच भी गए थे लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते अंतिम क्षणों में उनका भोपाल आने का कार्यक्रम रद्द हो गया.
क्योंकि यहां भोपाल में हवाई अड्डे पर कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए आपस में भिड़ गए और पुलिस को कुछ लोगों को हिरासत में भी लेना पड़ा. इन विधायकों ने शनिवार को राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र भेजकर सुरक्षा की भी मांग की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)