1993 में हुए 12 धमाकों के मुख्य आरोपियों में से अभी भी 33 लोग फ़रार हैं. दोषियों को मुंबई की विशेष टाडा अदालत 19 जून को सुनाएगी सज़ा.
1993 के मुंबई बम धमाका मामले में मुंबई की एक विशेष टाडा कोर्ट ने मुख्य आरोपी मुस्तफा दोसा और गैंगस्टर अबू सलेम को दोषी ठहराया है. दोनों के अलावा फिरोज़ ख़ान, ताहिर मर्चेंट, रियाज़ सिद्दीक़ी और करीमुल्लाह ख़ान को भी दोषी ठहराया गया है, जबकि आरोपी अब्दुल क़यूम शेख़ को बरी कर दिया गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मुस्तफा दोसा को टाडा कोर्ट ने टाडा अधिनियम, हथियार क़ानून और विस्फोटक क़ानून के तहत अपराधों के अलावा, आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत साज़िश और हत्या के आरोपों पर दोषी ठहराया है. वहीं गैंगस्टर अबू सलेम को धमाकों के लिए हथियारों को गुजरात से मुंबई लाने का दोषी पाया गया है.
12 मार्च 1993 को दोपहर 1:30 बजे से 3:40 बजे के बीच हुए 12 धमाकों में 257 लोग मारे गए थे, जबकि 713 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. धमाकों की वजह से 27 करोड़ रुपये की संपत्ति भी नष्ट हो गई थी.
ये 12 धमाके बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, कत्था बाजार, शिवसेना भवन के नज़दीक लकी पेट्रोल पंप, सेंचुरी बाज़ार के पास पासपोर्ट ऑफिस के पीछे, माहिम कॉजवे में फिशरमैन कॉलोनी, एयर इंडिया इमारत की बेसमेंट, ज़ावेरी बाज़र, होटल सी-रॉक, प्लाजा थियेटर, सेंटोर होटल जुहू, सहारा हवाई अड्डा के पास हुए थे.
2007 में पहले चरण की सुनवाई के दौरान टाडा कोर्ट ने धमाकों से जुड़े मामलों में 100 लोगों को दोषी क़रार दिया था, जबकि 23 आरोपी बरी कर दिए गए थे.
अबू सलेम, मुस्तफा दोसा, करीमुल्लाह ख़ान, फिरोज़ अब्दुल राशिद ख़ान, रियाज़ सिद्दिक़ी, ताहिर मर्चेंट और अब्दुल क़यूम शेख़ के मामलों का अलग मुक़दमा चलाया गया क्योंकि इन्हें मुख्य मामले की सुनवाई के ख़त्म होने के समय गिरफ़्तार किया गया था.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने के लिए भगोड़े डॉन दाऊद इब्राहिम ने फरार आरोपी टाइगर मेमन, मोहम्मद दोसा और मुस्तफा दोसा के साथ मिलकर भारत में आतंकवादी हमले करने की साज़िश रची.
अभियोजन ने कहा कि इस अपराध का उद्देश्य भारत सरकार को आतंकित करना, लोगों में आतंक पैदा करना, एक वर्ग के लोगों के लिए घृणा पैदा करना और साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के इरादे से आतंकवादी हमले करना था.
अभियोजन ने कहा कि साजिशकर्ताओं ने असलहों, गोला बारूद, विस्फोटक, हथगोले और उच्च विस्फोटक सामग्री जैसे कि आरडीएक्स की भारत में तस्करी की और इसका भंडारण किया.
ग़ौरतलब है कि मुस्तफा दोसा, टाइगर मेमन और छोटा शकील ने हथियारों और विस्फोटकों का इस्तेमाल करने के लिए पाकिस्तान और भारत में प्रशिक्षण शिविर लगाने की व्यवस्था की थी. उन्होंने हथियारों के प्रशिक्षण के लिए लोगों को दुबई के ज़रिये भारत से पाकिस्तान भेजा था.
सीबीआई के वकील दीपक साल्वी का कहना है कि विश्व युद्ध के बाद यह पहली घटना थी, जब इतने बड़े पैमाने में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था.
मामले के मुख्य आरोपियों में अभी भी 33 लोग फ़रार हैं. फ़रार आरोपियों में दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन, मुस्तफ़ा दोसा का भाई मोहम्मद दोसा और अनीस इब्राहिम शामिल है.
टाइगर मेमन के छोटे भाई याकूब मेमन को इसी मामले में दोषी करार देते हुए 2015 में फांसी दी जा चुकी है.
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आरोपी ठहराए गए लोगों की सज़ा को लेकर 19 जून को सुनवाई होने वाली है.
दोषी पाए गए आरोपियों की भूमिका
अबू सलेम: उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ का रहना वाला गैंगस्टर अबू सलेम को 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था. उसके कबूलनामे के बाद ही रियाज़ सिद्दीकी और अब्दुल क़य्यूम शेख को गिरफ़्तार किया गया था. उसने ही 16 जनवरी 1993 को अभिनेता संजय दत्त के घर पर एके-57 और 250 गोलियां थी.
मुस्तफ़ा दोसा: दुबई में व्यापारी मुस्तफ़ा दोसा मुंबई धमाकों के मुख्य आरोपियों में से एक है. 1995 में दोसा का नाम धमाकों के मामले से जुड़ा था. उसे 2003 में दुबई से दिल्ली आते वक़्त गिरफ़्तार कर लिया गया था.
ताहिर मर्चेंट: 60 वर्षीय ताहिर दरअसल दाऊद इब्राहिम और अनीस के साथ ही मुंबई सेंट्रल में ही पला-बढ़ा था. उसे दाऊद और उसके भाई का सबसे क़रीबी और विश्वसनीय माना जाता है. 1993 धमाकों में उसने पाकिस्तान प्रशिक्षण लेने जाने के लिए लोगों को जुटाया था और साथ ही धमाकों के लिए पैसा, असलहा और बारूद का भी इंतज़ाम किया था.
फिरोज़ ख़ान: फिरोज़ ख़ान को भी बम धमाकों में दोषी ठहराया गया है. मुंबई बम धमाकों की साज़िश में शामिल होने का आरोपी ठहराया गया है. दाऊद इब्राहिम के दुबई आवास पर धमाकों को लेकर हो रही बैठक में वो भी शामिल था.
रियाज़ सिद्दीक़ी: रियाज़ को भी टाडा कोर्ट ने दोषी ठहराया है. बम धमाकों के लिए बारूद और आरडीएक्स को वैन के ज़रिये एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने का काम किया था. अगस्त 2005 में गिरफ़्तार किया गया था.
करीमुल्लाह शेख़: करीम ने महाराष्ट्र के रायगढ़ स्थित शेखाड़ी बंदरगाह पर हथियार और बारूद उतरने का काम किया था. उसे 21 अगस्त 2008 को गिरफ़्तार किया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)