जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द बहाल किया जाएगा, जनसांख्यिकी बदलाव का इरादा नहीं: शाह

नवगठित ‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी’ के एक शिष्टमंडल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. गृह मंत्री ने हिरासत में रखे गए नेताओं की रिहाई को आश्वासन दिया.

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The Union Home Minister, Shri Amit Shah meeting a delegation from Jammu & Kashmir’s Apni Party led by Shri Altaf Bukhari, in New Delhi on March 15, 2020.

नवगठित ‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी’ के एक शिष्टमंडल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. गृह मंत्री ने हिरासत में रखे गए नेताओं की रिहाई को आश्वासन दिया.

The Union Home Minister, Shri Amit Shah meeting a delegation from Jammu & Kashmir’s Apni Party led by Shri Altaf Bukhari, in New Delhi on March 15, 2020.
‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी’ के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की.

नई दिल्ली: नवगठित ‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी’ के एक शिष्टमंडल ने बीते रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिस दौरान उन्होंने राज्य का दर्जा शीघ्र बहाल करने, जनसांख्यिकी में बदलाव का इरादा नहीं होने और हिरासत में रखे गए नेताओं की रिहाई के आश्वासन दिए.

गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि अगले कुछ महीनों में जमीनी स्तर पर बदलाव दिखाई देंगे.

उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन भी दिया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार जम्मू कश्मीर के समग्र विकास के लिए सभी कदम उठाएगी.’

केंद्र द्वारा पिछले साल पांच अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद पहली बार राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी.

प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाये गए लगभग 40 मुद्दों पर गृह मंत्री ने कहा कि सरकार का इस केंद्र शासित क्षेत्र में जनसांख्यिकी बदलाव का कोई इरादा नहीं है और इस तरह की बातों का कोई आधार नहीं है.

प्रधानमंत्री ने भी प्रतिनिधिमंडल को इसी तरह का आश्वासन दिया था.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, शाह ने कहा कि सरकार जल्द ही जम्मू कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने की उम्मीदों को पूरा करने के लिए समाज के सभी तबकों के साथ मिलकर काम करेगी.

बयान के अनुसार, गृह मंत्री ने कहा कि भारत के हित भी यह अच्छा है, क्योंकि यह क्षेत्र सीमावर्ती इलाके में है.

शाह ने कहा कि उनकी सरकार जम्मू कश्मीर के समग्र विकास के लिए सभी राजनीतिक दलों और लोगों से सुझाव और प्रतिक्रिया मांग रही है.

पाबंदियों पर प्रतिनिधिमंडल की आशंकाएं दूर करते हुए शाह ने कहा कि पाबंदियों में छूट के संबंध में सभी फैसले जमीनी वास्तविकताओं के आधार पर है, न कि किसी दबाव में.

उन्होंने हिरासत से लोगों की रिहाई, इंटरनेट बहाल किए जाने, कर्फ्यू में छूट जैसे कदमों का जिक्र करते हुए कहा, ‘यहां तक कि आने वाले समय में राजनीतिक कैदियों को भी रिहा कर दिया जाएगा, क्योंकि सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि एक भी व्यक्ति की मौत न हो, चाहे वह आम कश्मीरी हो या सुरक्षाकर्मी.’

केंद्र द्वारा राज्य का विशेष दर्जा वापस लिए जाने और राज्य को जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के पिछले साल पांच अगस्त की घोषणा के बाद कई राजनीतिक नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था.

उन्होंने जोर दिया कि जम्मू कश्मीर में केंद्रीय कानूनों के कार्यान्वयन में कोई भेदभाव नहीं है और सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा जाएगा.

उन्होंने कहा कि सरकार शीघ्र आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए एक औद्योगिक नीति लेकर आएगी.

शाह ने उम्मीद जताई कि अगले चार वर्षों में जम्मू कश्मीर में पिछले 70 वर्षों में मिले 13,000 करोड़ रुपये से तीन गुना अधिक निवेश आएगा.

आरक्षण के मुद्दों पर गृह मंत्री ने कहा कि जल्द ही एक आयोग का गठन किया जाएगा. उन्होंने इस बात को दोहराया जाएगा कि गुर्जरों, खानाबदोशों और जम्मू कश्मीर के अन्य समुदायों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा.

जम्मू कश्मीर बैंक के मुद्दे पर उन्होंने आश्वासन दिया कि वह खुद इस मुद्दे को देख रहे हैं. शाह ने कहा कि वह उपराज्यपाल से एक वरिष्ठ नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहेंगे जो लोगों से सप्ताह में दो बार मिलकर उनकी समस्याओं का निवारण करेगा.

कारोबारी से राजनेता बने पार्टी प्रमुख अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व में शिष्टमंडल और गृह मंत्री के बीच लगभग दो घंटे तक बैठक चली. इसके बाद बुखारी ने कहा कि बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें जम्मू-कश्मीर की जनसांख्यिकी में संभावित बदलाव को लेकर लोगों के बीच डर, राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने और हिरासत में रखे गए नेताओं की रिहाई का मुद्दा शामिल है.

बुखारी ने कहा, ‘गृहमंत्री ने स्पष्ट किया है कि जनसांख्यिकी में बदलाव का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.’

उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने यह भी दोहराया कि सरकार जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही परिसीमन की प्रक्रिया जल्द से जल्द वैज्ञानिक तरीके से पूरी की जाएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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