प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील करते हुए घर में रहने की सलाह दी. दिल्ली सरकार ने सभी रेस्तरां बंद किए. दिल्ली सरकार ने सभी रेस्तरां बंद करने का आदेश दिया है. साथ ही 20 से अधिक लोगों को एकत्र होने की अनुमति नहीं होगी.
नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर गुरुवार को वरिष्ठ नागरिकों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर में ही रहने की सलाह दी. साथ ही आम लोगों को आश्वस्त किया कि देश में संक्रमण समुदाय के स्तर पर नहीं पहुंचा है.
इसके अलावा बृहस्पतिवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से जनता कर्फ्यू लगाने की अपील की. इधर, दिल्ली सरकार ने सभी रेस्तरां बंद करने का आदेश दिया है. साथ ही 20 से अधिक लोगों को एकत्र होने की अनुमति नहीं होगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि फार्मास्युटिकल विभाग और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को कहा गया है कि वे उन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें जो मास्क, सैनिटाइजर और अन्य स्वास्थ्य वस्तुओं के लिए अधिक कीमत वसूल रहे हैं.
मंत्रालय ने कहा, ‘65 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक सिवाय सार्वजनिक प्रतिनिधित्व/सरकारी कर्मचारी/चिकित्सा पेशेवर को सलाह दी जाती है कि उन्हें घर में ही रहना चाहिए.
विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव डी. रवि ने कहा कि बुधवार को 201 भारतीयों को ईरान से भारत लाया गया. नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संयुक्त सचिव रुबिना अली ने कहा, ‘21 मार्च को एयर इंडिया का विमान इटली में फंसे छात्रों या भारतीय को लाने के लिए रोम जाएगा. विमान 22 मार्च को लौटेगा.’
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब तक देश में सामुदायिक संक्रमण नहीं हुआ है और कोरोना वायरस से चौथी मौत पंजाब में हुई है, जो बुजुर्ग थे और दिल की बीमारी व मधुमेह जैसी कई बीमारियों से ग्रस्त थे.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि गैर जरूरी यात्राओं को हतोत्साहित करने और सबसे अधिक खतरे का सामना कर रहे वरिष्ठ नागरिकों की गैर जरूरी यात्रा करने से रोकने के लिए मरीज, छात्र और दिव्यांग श्रेणी को छोड़कर सभी रियायती श्रेणियों में टिकट को 20 मार्च आधी रात से अगले परामर्श तक स्थगित कर दिया गया है.
भारत ने गुरुवार को घोषणा की कि वह 22 मार्च से 29 मार्च के बीच किसी भी वाणिज्यिक यात्री विमान में भारत में उतरने नहीं देगा. सरकार ने हवाई यात्रा के लिए भी मरीज, छात्र और दिव्यांग श्रेणी को छोड़कर सभी श्रेणी की रियायती टिकट को स्थगित करने का फैसला किया है.
केंद्र सरकार ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वह निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को घर से काम करने के नियम को लागू करे सिवाय जरूरी सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों के.
केंद्र सरकार ने अपने कार्यालयों में भीड़ को कम करने के लिए समूह-बी और समूह-सी श्रेणी के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को हर दूसरे हफ्ते कार्यालय आने का निर्देश दिया है और कर्मचारियों के कार्यालय आने का समय भी अलग-अलग रखने को कहा है.
मालूम हो कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से बीते गुरुवार को चौथी मौत हुई. ये मौतें पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक में हुई हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 173 हो गई है. इनमें 25 विदेशी नागरिक, 17 इटली के, तीन फिलीपीन के, दो ब्रिटेन और कनाडा, इंडोनेशिया तथा सिंगापुर का एक-एक नागरिक हैं.
दिल्ली में अब तक एक विदेशी नागरिक सहित कुल 12 मामलों की पुष्टि हुई है. महाराष्ट्र में तीन विदेशियों सहित 47 मामले आए हैं. उत्तर प्रदेश में 19, केरल में दो विदेशियों सहित 27, कर्नाटक में 14, लद्दाख में आठ, जम्मू-कश्मीर में चार और तेलंगाना में दो विदेशियों सहित छह मामलों की पुष्टि हुई है.
राजस्थान में दो विदेशियों सहित सात, तमिलनाडु तीन और पंजाब में दो, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी और चंडीगढ़ में एक-एक मामलों की पुष्टि हुई हैं वहीं हरियाणा में 14 विदेशी नागरिकों सहित 17 मामलों में संक्रमण की पुष्टि हुई है.
इससे पहले कोरोना वायरस के ख़तरे के मद्देनजर राजस्थान में धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं पंजाब सरकार ने 20 मार्च की आधी रात से सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर रोक लगाने की घोषणा की है.
पंजाब सरकार ने एक जगह एकत्रित होने की लोगों की संख्या 50 से घटाकर 20 कर दी है.
प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का आह्वान किया, लोगों से घरों में रहने की अपील की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार रात को कोरोना वायरस संकट पर देश के नाम संबोधन में 22 मार्च को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक ‘जनता कर्फ्यू’ का आह्वान किया और कहा कि आवश्यक सेवाओं वाले लोगों को छोड़कर किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
उन्होंने सभी भारतीयों से अपील की कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए यथासंभव घरों के अंदर ही रहें और कहा कि दुनिया में कभी इतना गंभीर खतरा पैदा नहीं हुआ.
साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था के समक्ष उपजी चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने कोरोना वायरस आर्थिक प्रक्रिया कार्यबल गठित करने का फैसला किया है.
मोदी ने कहा, ‘22 मार्च को हमारा यह प्रयास, हमारा आत्म संयम, देश हित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक मजबूत प्रतीक होगा.’
उन्होंने कहा कि जनता कर्फ्यू जनता के लिए, जनता द्वारा लगाया गया कर्फ्यू है. उन्होंने देशवासियों से अपील की कि 22 मार्च की शाम पांच बजे डॉक्टरों, चिकित्सा के पेशों में लगे लोगों, साफ-सफाई में लगे कर्मचारियों को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के असर और प्रभाव रोकने के लिए सामाजिक दूरी बहुत ही महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे जितना की कोरोना वायरस से हुए हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पूरा विश्व संकट से गुजर रहा है और प्रत्येक भारतीय को सतर्क रहना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह मानना गलत है कि भारत पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा. ऐसी महामारी में ‘हम स्वस्थ, जग स्वस्थ’ मंत्र काम आ सकता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में एक भाव उभरा है कि सब कुछ ठीक है, यह मानसिकता ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि आप सड़कों पर घूमते रहेंगे, बाजारों में जाते रहेंगे, और स्थिति से बचे रहेंगे, यह सोच ठीक नहीं है. मुझे आपके कुछ हफ्ते, कुछ समय चाहिए.
मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए कोई मुक्कमल उपाय नहीं मिला है, न ही कोई टीका विकसित हुआ है.
उन्होंने कहा कि 60 से अधिक आयु वाले लोग घरों से बाहर नहीं निकलें और बहुत जरूरी होने पर ही घरों से निकलें. उन्होंने कहा कि लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि वे केंद्र और राज्य सरकारों के परामर्श का अनुपालन करेंगे.
मोदी ने लोगों से अनुरोध किया कि वे नियमित जांच के लिए अस्पताल जाने से बचें ताकि स्वास्थ्यकर्मियों पर दबाव कम हो. उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त किया कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाएं, जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी ना हो, इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत, उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मोदी ने दक्षेस देशों के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी और आपातकालीन कोष मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया था. विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि यह कोष संचालित हो गया है.
दिल्ली सरकार ने सभी रेस्तरां बंद किए, 20 से अधिक लोगों को एकत्र होने की अनुमति नहीं
इधर, दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए बीते गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के सभी रेस्तरां को बंद कर दिया. हालांकि, खाना खरीदकर ले जाने और घर तक खाना पहुंचाने की सुविधा जारी रहेगी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘उप राज्यपाल अनिल बैजल ने सभी सरकारी विभागों, स्वायत्त निकायों और सार्वजनिक उपक्रमों को गतिविधियों को अलग-अलग बांटने और सभी गैर जरूरी सेवाएं स्थगित करने को कहा है.’
उन्होंने कहा कि शुक्रवार से गैर जरूरी सेवाएं बंद रहेंगी.
मुख्यमंत्री ने कहा,‘पूरी दिल्ली में कोरोना वायरस के फैलने के खतरे को देखते हुए 20 से अधिक लोगों के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक जमावड़े पर रोक रहेगी.’
उन्होंने कहा, ‘हम काबू करने के स्तर पर कोरोना वायरस को नियंत्रित करने में सफल हुए हैं और यह समुदाय के स्तर पर नहीं पहुंचा है.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों को पृथक रहने को कहा गया है वे नियमों का अनुपालन करें अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कोरोना वायरस से 10 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि एक की मौत हुई है.
हवाई अड्डों पर तलाशी के दौरान यात्रियों कम से कम छूने का निर्देश
कोरोना वायरस के मद्देनजर देशभर के हवाई अड्डों पर तैनात सीआईएसएफ के कर्मचारियों को तलाशी के दौरान यात्रियों को कम से कम छूने की सलाह दी गई है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने कहा कि सीआईएसएफ कर्मचारियों को तलाशी के दौरान यात्रियों से 2.5 सेंटीमीटर की दूरी बनाए रखने का भी निर्देश दिया गया है.
हवाई अड्डे पर तैनात इस सुरक्षा बल के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘63 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर तैनात सीआईएसएफ जवानों को तलाशी के दौरान यात्रियों को कम से कम छूने, मास्क, सर्जिकल ग्लव्स (दस्ताने) पहनने और उनके किसी भी सामान को स्पर्श नहीं का निर्देश दिया गया है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)