भारतीय रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक पर वित्तीय अनियमितताओं को लेकर 23 सितंबर 2019 को छह महीने के लिए नियामकीय रोक लगा दी थी, जिसे अब बढ़ाकर 22 जून 2020 तक कर दी गई है.
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शनिवार को कहा कि उसने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) पर लगी नियामकीय रोक अगले तीन महीने के लिये बढ़ाकर 22 जून 2020 तक कर दी है.
रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक पर वित्तीय अनियमितताओं को लेकर 23 सितंबर 2019 को छह महीने के लिये नियामकीय रोक लगा दी थी.
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ‘यह लोगों की जानकारी के लिये अधिसूचित किया जाता है कि 23 सितंबर 2019 के निर्देशों को 23 मार्च 2020 से अगले तीन महीने यानी 22 जून 2020 तक के लिये बढ़ा दिया गया है. इन निर्देशों की समय-समय पर समीक्षा की जाती रही है और आगे भी इनकी समीक्षा की जाएगी.’
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के पास जिस तरह से वाणिज्यिक बैंकों के पुनर्गठन का अधिकार है, सहकारी बैंकों के मामले में वैसा अधिकार नहीं है.
बयान में कहा गया है, ‘जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा तथा सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता के लिये प्राधिकरणों तथा विभिन्न संबंधित पक्षों के परामर्श के आधार पर पीएमसी बैंक को उबारने की एक योजना पर काम जारी है.’
पीएमसी बैंक पर जो प्रतिबंध लगाये गये हैं उनमें बैंक पर कर्ज देने और जमा स्वीकार करने पर भी रोक लगाई गई है.
रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक के निदेशक मंडल को भी हटा दिया था और रिजर्व बैंक के एक पूर्व अधिकारी को बैंक का प्रशासक नियुक्त कर दिया था.
बता दें कि, पीएमसी बैंक घोटाला मामला सामने आने के बाद से अब तक इस बैंक के नौ खाताधारकों की मौत हो चुकी है. वहीं, इस मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पीएमसी के एक निदेशक रंजीत सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है. वे भाजपा के पूर्व विधायक सरदार तारा सिंह के बेटे हैं.
घोटाला सामने आने के बाद एक हजार रुपये की निकासी सीमा रखने वाले आरबीआई ने धीरे-धीरे करके धन निकासी की यह सीमा एक लाख रुपये तक कर दी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)