16 नवंबर 2019 से 11 वकीलों को 1.63 करोड़ रुपये का भुगतान दिल्ली एवं ज़िला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) की ओर से किया गया है. इन वकीलों में दो सक्रिय राजनीतिज्ञ भी शामिल हैं. इनमें सबसे ज़्यादा 37.62 लाख रुपये का भुगतान रिटायर जस्टिस दीपक वर्मा को किया गया है.
नई दिल्ली: दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने अब तक विभिन्न वर्गों की टीमों (सीनियर, उम्र ग्रुप और महिला) के कोचों और सहयोगी स्टाफ का वेतन नहीं दिया है, लेकिन पिछले चार महीनों में कानूनी खर्चों के लिये 1.6 करोड़ से ज्यादा रुपये का भुगतान कर दिया है.
क्रिकेट संघ के करीब 50 लोगों को अपने वेतन का इंतजार है, जिसमें दिल्ली टीम के सीनियर कोच जैसे भास्कर पिल्लै और राजकुमार शर्मा (विराट कोहली के बचपन के कोच) भी शामिल है, लेकिन उनके चेक अब तक मंजूर नहीं किए गए हैं जो करीब 4.5 करोड़ की राशि है.
डीडीसीए के संयुक्त सचिव और पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी कीर्ति आजाद ने लोकपाल (जांच अधिकारी) रिटायर जस्टिस दीपक वर्मा को यह जानकारी दी है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आजाद ने कहा कि डीडीसीए कानूनी मामलों पर पैसा खर्च कर रही है, लेकिन इसने अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया है.
आजाद ने जांच अधिकारी को भेजे एक पत्र में कहा है, ‘पिछले कुछ महीनों में तकरीबन दो करोड़ रुपये (1.63 करोड़ रुपये) सिर्फ कानूनी मामलों पर खर्च किए गए है. इसलिए एक खेल निकाय किसी कानूनी संस्था की तरह लगती हैं, जहां क्रिकेटरों और क्रिकेट अहम स्थान नहीं रखते हैं, लेकिन वकील और कानून मामलों को काफी तरजीह दी जाती है.’
हालांकि बीसीसीआई टूर्नामेंट में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों की मैच फीस उनके खातों में जमा कर दी गई.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 16 नवंबर 2019 से 11 वकीलों को 1.63 करोड़ रुपये का भुगतान डीडीसीए की ओर से किया गया है. इन वकीलों में दो सक्रिय राजनीतिज्ञ भी शामिल हैं.
इनमें सबसे ज्यादा 37.62 लाख रुपये का भुगतान रिटायर जस्टिस दीपक वर्मा को किया गया है.
डीडीसीए के संयुक्त सचिव राजन मनचंदा ने कहा, ‘बीसीसीआई ने भुगतान कर दिया है. डीडीसीए के पास 11 करोड़ रुपये हैं. पता नहीं कि अभी तक कोचों, फिजियो आदि को वेतन क्यों नहीं दिया गया है. कोविड-19 लॉकडाउन अभी शुरू हुआ है लेकिन ये भुगतान लंबे समय से लंबित हैं.’
मनचंदा ने कहा कि केवल कार्यवाहक अध्यक्ष राकेश बंसल और सचिव विनोद तिहाड़ा ही इस सवाल का जवाब दे सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक हूं. लेकिन आपको सचिव और कार्यवाहक अध्यक्ष से पूछने की जरूरत है कि क्या हो रहा है. मुझे अपनी भूमिका नहीं पता है.’
हालांकि निलंबित सचिव विनोद तिहाड़ा और राकेश बसंल टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में डीडीसीए के एकाउंट में 11 करोड़ रुपये हैं. बीते नंवबर के मध्य में जब खाते में 21 करोड़ रुपये थे तब डीडीसीए ने चार करोड़ रुपये मुकदमों और एक निर्माण कंपनी को दिए गए एक ठेके पर खर्च किए गए थे. इस मामले की जांच के आदेश लोकपाल ने दिए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, 50 से ज्यादा लोग अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें मुख्य तौर पर वरिष्ठ, जूनियर और महिला टीमों के कोचिंग और सहायक स्टाफ शामिल हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली टीम के सीनियर कोच भास्कर पिल्लै को 30 लाख रुपये का भुगतान किया जाना था, लेकिन इसे संशोधित कर 24 लाख रुपये कर दिया गया. इसी तरह कोच राजकुमार शर्मा के 25 लाख रुपये के भुगतान को घटाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया था.
इस संबंध में मनचंदा का कहना है, ‘दोनों ने कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है, जिसमें उनका भुगतान उनके परफॉमेंस पर आधारित है. अगर उन्होंने दिल्ली टीम को मुकाबले में पहुंचने में मदद की होती तो उन्हें बढ़ा हुआ भुगतान किया जाता, लेकिन जैसा कि उन्होंने ऐसा नहीं किया इसलिए भुगतान को कम कर दिया गया है.’
रिपोर्ट के अनुसार, लोकपाल ने दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान के नवीनीकरण में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर फॉरेंसिक ऑडिट के आदेश दिए हैं.
एमएसएल जांगिड़ जेवी नाम के एक ठेकेदार को 1.65 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. फाइनेंस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कमेटी के सदस्य संजय भारद्वाज और कोषाध्यक्ष राजन मनचंदा ने शिकायत के बाद मामले में धोखाधड़ी किए जाने के आरोप लगे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)