प्राइवेट लैब द्वारा कोरोना जांच के लिए नियम जारी, भारतीय कंपनियों के मेडिकल किट को अनुमति मिली

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक प्राइवेट लैब्स कोविड-19 की जांच कर सकते हैं लेकिन इसके लिए इस्तेमाल होने वाले मेडिकल किट्स यूएसएफडीए या यूरोपियन सीई द्वारा प्रमाणित होने चाहिए. हालांकि बाद में सरकार ने इस पर स्पष्टीकरण दिया.

A healthcare worker holding a completed test with patient samples at a drive-through testing site for coronavirus, flu and RSV in Seattle, Washington state [Lindsey Wasson/Reuters]

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक प्राइवेट लैब्स कोविड-19 की जांच कर सकते हैं लेकिन इसके लिए इस्तेमाल होने वाले मेडिकल किट्स यूएसएफडीए या यूरोपियन सीई द्वारा प्रमाणित होने चाहिए. हालांकि बाद में सरकार ने इस पर स्पष्टीकरण दिया.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: हाल ही में भारत सरकार ने प्राइवेट प्रयोगशालाओं को भी कोरोना वायरस की जांच की इजाजत दी. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी किए गए दिशानिर्देशों ने जांच में शामिल उपकरणों का उत्पादन करने वाले भारतीय कंपनियों के लिए चिंता पैदा कर दी थी.

बीते 21 मार्च को जारी आदेश के मुताबिक प्राइवेट लैब्स कोविड-19 की जांच कर सकते हैं लेकिन इसके लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण (मेडिकल किट्स या सामान) यूएसएफडीए या यूरोपियन सीई द्वारा प्रमाणित होने चाहिए.

इसे लेकर कई भारतीय कंपनियों ने चिंता जाहिर की थी, क्योंकि अभी तक सिर्फ एक भारतीय कंपनी के पास यूएसएफडीए का प्रमाण पत्र है.

हालांकि सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यूएसएफडीए या यूरोपियन सीई द्वारा प्रमाणित होना जरूरी नहीं है, पूणे के राष्ट्रीय विषाणु संस्थान (एनआईवी) द्वारा मान्यता प्राप्त जांच किट्स का इस्तेमाल किया जा सकेगा.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) पूणे के राष्ट्रीय विषाणु संस्थान के साथ मिलकर कोरोना जांच के लिए भारतीय कंपनियों द्वारा बनाए गए मेडिकल किट्स का मूल्यांकन कर उसे मान्यता देने का काम कर रहा है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अभी तक इस तरह के दो भारतीय कंपनियों के किट्स को मंजूरी दी गई है.

आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, ‘आईसीएमआर-एनआईवी पूणे में किट बनाने का काम तेज कर दिया गया है. अभी तक दो किट उत्पादनकर्ताओं को मंजूरी दी गई है. मैं ये स्पष्ट करना चाहता हूं कि एफडीए/सीई की मंजूरी अनिवार्य नहीं है. आईसीएमआर-एनआईवी द्वारा स्वीकृत किट का इस्तेमाल कोविड जांच के लिए किया जा सकेगा.’

कोरोना वायरस के विश्व भर में फैसले में चलते कई देशों ने मेडिकल किट्स के निर्यात पर रोक लगा दी है, जिसके चलते इसकी वैश्विक स्तर पर भारी कमी देखी जा रही है.

ऐसी स्थिति में ये उम्मीद की जा रही है कि अगर एक बार एनआईवी भारतीय कंपनियों को टेस्ट किट्स की मान्यता दे देता है तो वे इसके उत्पादन के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे और मेडिकल किट्स की सप्लाई शुरु कर देंगे.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) ने इन दिशानिर्देशों को तैयार किया है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दी है. अभी तक अहमदाबाद आधारित सिर्फ एक भारतीय कंपनी, कोसारा डायग्नॉस्टिक्स, को यूएसएफडीए का प्रमाणपत्र मिला हुआ है. इस कंपनी का एक अमेरिकी फर्म के साथ गठजोड़ है.