झारखंड ने एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया, एनपीआर को 2010 की तरह लागू करने की मांग

इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद राज्य की विधानसभा को कोरोना वायरस के मद्देनजर अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया गया है.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. (फोटो: ट्विटर)

इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद राज्य की विधानसभा को कोरोना वायरस के मद्देनजर अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया गया है.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. (फोटो: ट्विटर)
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. (फोटो: ट्विटर)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बीच झारखंड सरकार ने बीते सोमवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राज्य के संसदीय कार्य मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में केंद्र सरकार सरकार से मांग की गई है कि एनपीआर को साल 2010 के प्रारूप में लागू किया जाए. इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद राज्य के विधानसभा के बजट सत्र को स्थगित कर दिया गया.

उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से गुजारिश की है कि एनआरसी को लागू न किया जाए और एनपीआर को साल 2010 के प्रारूप में लागू किया जाए. इस घोषणा के तुरंत बाद स्पीकर रबिन्द्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी.

हालांकि विपक्ष के नेताओं ने सवाल किया कि एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने को लेकर सदन में कोई चर्चा नहीं हुई.

बता दें कि भाजपा को सत्ता से बाहर करते हुए जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन पिछले साल के आखिरी महीनों में राज्य में सरकार बनाई थी.