गो एयर ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी ने विमानन क्षेत्र के राजस्व पर भारी असर डाला है और इसलिए सभी कर्मचारियों के मार्च के वेतन में कटौती की जाएगी. इससे पहले शीर्ष नेतृत्व के वेतन में 50 प्रतिशत तक की कटौती की बात कही गई थी.
नई दिल्ली/मुंबई: कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हो रहे लॉकडाउन से विमानन कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है, जिसका खामियाजा कर्मचारियों को भी भुगतना पड़ेगा.
गो एयर के सीईओ विनय दुबे ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने विमानन क्षेत्र के राजस्व पर भारी असर डाला है और इसलिए गोएयर के सभी कर्मचारियों के मार्च के वेतन में कटौती की जाएगी.
गोएयर ने पहले ही लागत में कटौती के कुछ उपाय किए हैं. इन उपायों में पायलटों की छुट्टी करना, कर्मचारियों को क्रमिक रूप से अवैतनिक अवकाश पर जाने के लिए कहना और शीर्ष नेतृत्व के वेतन में 50 प्रतिशत तक कटौती का फैसला शामिल है.
दुबे ने कर्मचारियों से एक आधिकारिक संदेश में कहा, ‘वर्तमान परिस्थितियों में हमारे पास इसके सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है कि मार्च महीने के लिए हम सभी के वेतन में कटौती करेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सबसे कम वेतनमान को सबसे कम नुकसान हो.’
मालूम हो कि बीते दिनों ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बंद कर दिया था और मंगलवार रात से घरेलू उड़ानों को भी निलंबित कर दिया गया है.
इससे पहले इंडिगो के सीईओ रंजय दत्ता ने पिछले हफ्ते कहा था कि कंपनी के वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत तक की कटौती होगी.
वहीं एयर इंडिया ने भी कर्मचारियों के भत्तों में कमी करने का ऐलान किया है. हालांकि इंडिगो का कहना है कि घरेलू उड़ानों के निलंबित रहने के दौरान कर्मचारियों की छुट्टी और वेतन नहीं कटेंगे।
मंगलवार को एक ईमेल के जरिये इंडिगो ने अपने कर्मचारियों को घरेलू उड़ानों के निलंबित रहने की अवधि में वेतन और छुट्टी नहीं कटने का भरोसा दिया है.
इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रंजय दत्ता ने कर्मचारियों को भेजे एक ई-मेल में कहा कि कंपनी के पास अप्रैल के लिए पहले से ‘ठीकठाक’ अग्रिम बुकिंग है. इंडिगो कम क्षमता के साथ ही फिर से उड़ान भरने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा, ‘ऐसे में जिन कर्मचारियों को इस अस्थायी निलंबन की अवधि में काम नहीं करना पड़ रहा है. हम उनके वेतन में कोई कटौती नहीं करेंगे और न ही उनकी छुट्टियां काटेंगे.’
दत्ता ने कहा कि पिछले कुछ दिन विमानन कंपनी के लिए काफी चुनौती भरे रहे हैं और ‘निश्चित तौर पर आने वाले कुछ हफ्तों में हमारी आय, हमारी लागत से कम रहेगी. ऐसे में हमें अपनी नकदी और पाई-पाई बचाने के प्रयास करने होंगे.’
उन्होंने कहा यह भी कहा कि इस अस्थायी निलंबन की अवधि के दौरान कर्मचारियों का वेतन इत्यादि देने के लिए कंपनी अपनी बचत पूंजी का इस्तेमाल करेगी.
सरकार कर सकती है एविएशन सेक्टर को वित्तीय मदद
कोरोना वायरस के चलते एयरलाइन इंडस्ट्री को हो रहे नुकसान से राहत के लिए सरकार 12 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है.
न्यूज़18 के मुताबिक, यह घोषणा अगले दो दिन में हो सकती है. ग्लोबल एविएशन एसोसिएशन के मुताबिक एयरलाइंस इंडस्ट्री मौजूदा वक्त में इस हालात में पहुंच गई हैं, जहां सरकार की सहायता के बिना गुजारा करना मुमकिन नहीं होगा.
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) ने कहा अगर हवाई यात्राओं पर तीन माह तक प्रतिबंध जारी रहता है, तो सालाना यात्री राजस्व 252 बिलियन डॉलर तक कम हो सकता है, जो साल 2019 के मुकाबले 44 फीसदी कम होगा.
आईएटीए प्रमुख एलेक्जेंडर डे जुनेक ने कहा कि एविएशन इंड्स्ट्री के राजस्व में गिरावट इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट है. दुनिया के हर कोने में एयरलाइंस अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रही हैं.
उन्होने कहा कि हवाई यात्राओं पर प्रतिबंध और डिमांड न होने के चलते एयरलाइंस इंडस्ट्री को भारी नुकसान हो रहा है. ऐसे में सरकारों को एयरलाइंस इंडस्ट्री बचाने के लिए क्राइसिस फंड के तहत सामने आना चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)